MP के मूंछों वाले कांस्टेबल राकेश राणा बहाल, जानिए कैसे वापस लिया सस्पेंशन, कहां दी गई पोस्टिंग

कांस्टेबल राकेश राणा ने कहा था कि आज से पहले भी कई पुलिस अधिकारियों और पुलिस जवानों ने मूंछें रखी हैं और देखने में भी आया है कि मूंछों में जवान बहुत अच्छे और स्मार्ट लगते हैं। मैं वर्दी में रहता हूं और पिछले एक साल से ड्यूटी कर रहा हूं, लेकिन तब किसी ने कोई सवाल नहीं उठाया।

Asianet News Hindi | Published : Jan 10, 2022 2:35 AM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश पुलिस (MP Police) के कांस्टेबल राकेश राणा (Rakesh Rana) को बहाल कर दिया गया है। राणा को दो दिन पहले ही लंबी मूंछें और अजीब बाल रखने के आरोप में सस्पेंड (Suspend) किया गया था। मामला गरमाया और लोगों ने सवाल किए तो विभाग बैकफुट पर आ गया और अब राणा को मौखिक तौर पर ड्यूटी जॉइन करने के लिए कह दिया गया है। इससे पहले रविवार को दिनभर सोशल मीडिया पर इसी मसले को लेकर बहस छिड़ी रही। लोगों का कहना कि सेना की राजपूत रेजिमेंड में मूंछ रख सकते हैं। इतना ही नहीं, पुलिस में भी मूंछों के रखने पर अलग से भत्ता देने की व्यवस्था है। यूपी पुलिस में आईपीएस स्तर के बड़े अधिकारी भी राकेश राणा की तरह की मूंछ रखते हैं, फिर उन पर कार्रवाई क्यों नहीं? सिर्फ कांस्टेबल को टारगेट बनाना ठीक नहीं? जबकि राकेश राणा का कहना था कि वो मूंछें नहीं हटवाएगा। भले सस्पेंड हो गया।

दरअसल, मध्य प्रदेश के सहायक पुलिस महानिरीक्षक (AIG) प्रशांत शर्मा ने इस संबंध एक आदेश जारी किया था, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। प्रशांत शर्मा मध्य प्रदेश सहकारी धोखाधड़ी और लोक सेवा गारंटी के सहायक पुलिस महानिरीक्षक हैं और यहां पुलिस मुख्यालय में पदस्थ हैं। शर्मा ने बताया था कि कांस्टेबल राकेश राणा भोपाल में पुलिस के मोटर ट्रांसपोर्ट पूल (एमटी पूल) में पदस्थ हैं और सहकारी धोखाधड़ी एवं लोक सेवा गारंटी के विशेष पुलिस महानिदेशक राजेंद्र मिश्रा के वाहन चालक के रूप में कार्यरत थे।

वर्दी नियमों का उल्लंघन हो रहा था
राकेश राणा का हुलिया अत्यधिक खराब दिखाई दे रहा है, उसे अपने हुलिया ठीक करने के लिए बाल और मूंछ उचित ढंग से कटवाने के निर्देश दिए गए। लेकिन, उसने आदेश का पालन नहीं किया और हठ बनाए रखी। ये वर्दी नियमों के तहत अनुशासनहीनता की श्रेणी में आता है और इस कृत्य का अन्य कर्मचारियों पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। इसलिए राणा को 7 जनवरी को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है।

राकेश राणा बोले- ये मेरे आत्मसम्मान की बात, नहीं हटाऊंगा मूंछें
जबकि राणा ने कहा था कि आज से पहले भी कई पुलिस अधिकारियों और पुलिस जवानों ने मूंछें रखी हैं और देखने में भी आया है कि मूंछों में जवान बहुत अच्छे और स्मार्ट लगते हैं। मैं वर्दी में रहता हूं और पिछले एक साल से ड्यूटी कर रहा हूं, लेकिन तब किसी ने कोई सवाल नहीं उठाया। मैं निलंबन का सामना कर सकता हूं, लेकिन मूंछें नहीं कटवा सकता, क्योंकि मैं राजपूत हूं और ये मेरे आत्मसम्मान और स्वाभिमान से भी जुड़ी है। बता दें कि पुलिस विभाग में दाढ़ी रखने का नियम नहीं है। सिर्फ सिख लोग दाढ़ी रख सकते हैं। इसके अलावा, अन्य किसी कर्मचारी को इजाजत लेनी होती है। लेकिन, मूंछों को लेकर हटाने का प्रावधान नहीं है, बल्कि कई राज्यों में मूंछों की देखभाल के तौर पर भत्ता दिया जाता है। 

तीन दिन बाद ऐसे किए गए बहाल
एक तरफ राणा को सस्पेंड करने के आदेश दिए गए हैं तो दूसरी तरफ एडीजी अनिल कुमार ने राणा को नौकरी जॉइन करने के मौखिक आदेश दे दिए है। 7 जनवरी को AIG शर्मा ने राकेश राणा के सस्पेंशन का ऑर्डर जारी किया था। इसके बाद उनका सस्पेंशन कैंसिल किए जाने का कोई आदेश जारी नहीं किया गया, लेकिन राणा नौकरी पर लौट आए हैं। एडीजी अनिल कुमार ने मौखिक तौर पर उन्हें जॉइन करने के आदेश दिए हैं। राणा को स्पेशल डीजी राजेंद्र मिश्रा के पास से हटाकर एमटी पूल में रिजर्व ड्राइवर के तौर पर रखा गया है। एमटी पूल, प्रबंध शाखा के अंतर्गत आता है। लिहाजा, राकेश राणा को प्रबंध शाखा के एडीजी अनिल कुमार का साथ मिल गया है। विभागीय जानकारों का कहना है कि राणा को गलत तरीके से सस्पेंड किया गया था। स्पेशल डीजी कार्रवाई के लिए एडीजी अनिल कुमार से कह सकते थे, लेकिन सीधे आदेश जारी कर दिए गए।  

राणा को अभिनंदन कहकर बुलाते हैं लोग
राकेश राणा ने बताया कि वे 2007 से पुलिस सेवा में हैं। 2010 से वे ऐसी ही मूंछें रख रहे हैं। लेकिन 14 साल में किसी अधिकारी ने मूंछों के डिजाइन को लेकर आपत्ति नहीं जताई। राणा की मूंछों की डिजाइन एयरफोर्स के ग्रुप कैप्टन अभिनंदन जैसी हैं। लिहाजा, जब अभिनंदन सोशल मीडिया पर छाए तो राकेश राणा को उनके साथी भोपाल का अभिनंदन कहकर पुकारने लगे। राणा बताते हैं कि लोग उनकी मूंछों की तारीफ ही करते हैं। 

तो रिश्तेदार की आपत्ति पर निलंबित किया
सूत्रों का कहना है कि पिछले दिनों स्पेशल डीजी राजेंद्र मिश्रा के घर पर एक रिश्तेदार आई थीं। उनको राणा की मूंछों पर आपत्ति थी। स्पेशल डीजी मिश्रा को अगर आपत्ति होती तो राणा उनके पास बीते एक साल से ड्यूटी कर रहे हैं, वे कभी भी टोक सकते थे और विभागीय कार्रवाई के लिए प्रक्रिया आगे बढ़ा देते।

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