MP सियासी ड्रामा : कमलनाथ कैबिनेट के 20 मंत्रियों ने CM को इस्तीफा सौंपा, दिल्ली में BJP की बैठक भी खत्म

पिछले एक हफ्ते से मध्यप्रदेश की सियासत में उठापटक का दौर जारी है। राज्य में ज्योतिरादित्य सिंधिया की अनदेखी के बाद उनके समर्थक कमलनाथ सरकार के खिलाफ समय-समय पर बगावत के सुर बुलंद कर रहे हैं। 

Asianet News Hindi | Published : Mar 9, 2020 5:30 PM IST / Updated: Mar 10 2020, 01:00 AM IST

भोपाल. पिछले एक हफ्ते से मध्यप्रदेश की सियासत में उठापटक का दौर जारी है। राज्य में ज्योतिरादित्य सिंधिया की अनदेखी के बाद उनके समर्थक कमलनाथ सरकार के खिलाफ समय-समय पर बगावत के सुर बुलंद कर रहे हैं। कांग्रेस के 17 विधायकों के गायब होने के बाद अब पार्टी के शीर्ष नेता भी राज्य में कमलनाथ सरकार को बचाने की जुगत में लग गए हैं। इसी कड़ी में कांग्रेस ने दिल्ली में बैठक की है। वहीं विपक्षी पार्टी भाजपा भी इस मौके का फायदा उठाने की कोशिश में लग गई है और मंगलवार को शाम 7 बजे सभी बीजेपी विधायकों की बैठक बुलाई गई है। इस बीच राज्य के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि माफियाओं के दम पर सरकार अस्थिर करने की कोशिश की जा रही है। 

कमलनाथ के आवास पर कैबिनेट की बैठक के बाद मंत्रियों ने कहा कि वो कमलनाथ के साथ हैं और बैठक में मौजूद सभी 20 मंत्रियों ने कमलनाथ को इस्तीफा सौंप दिया है। अब कमलनाथ चाहें तो कैबिनेट भंग कर सकते हैं और नई कैबिनेट बना सकते हैं। मंत्रियों ने सीएम कमलनाथ से कैबिनेट के पुनर्गठन का अनुरोध किया है। हालांकि, इस बैठक में सिंधिया का समर्थन करने वाले मंत्री शामिल नहीं थे।मध्यप्रदेश के राज्यपाल की छुट्टी भी कैंसिल की जा चुकी है और वो मंगलवार दोपहर तक वापस भोपाल लौट आएंगे। 

. दिल्ली में भाजपा नेताओं की बैठक खत्म

. बैठक से बाहर निकलकर मंत्रियों ने इस्तीफे की जानकारी दी। 

. कांग्रेस के 17 विधायक अभी भी बेंगलुरू में। सभी के फोन पहुंच से बाहर 

. कमलनाथ कैबिनटे की बैठक खत्म। मीटिंग में मौजूद सभी मंत्रियों ने कमलनाथ को सौंपा इस्तीफा 

. राज्यपाल की छुट्टी हुई कैंसिल

. भाजपा ने मंगलवार को शाम 7 बजे विधायकों की बैठक तय की 

. कांग्रेस ने CM हाउस में कैबिनेट की बैठक बुलाई

. शिवराज ने जेपी नड्डा से भी मुलाकात की

. शिवराज सिंह दिल्ली में पार्टी के बड़े नेताओं के साथ मीटिंग का हिस्सा बने 

. सीएम कमलनाथ ने विधायकों की बैठक बुलाई

. कांग्रेस के 17 विधायकों के बेंगलुरू पहुंचने की बात सामने आई

क्या है पूरा मामला ?
सबसे पहले 3 मार्च को दिग्विजय सिंह ने भाजपा पर हॉर्स ट्रेडिंग के आरोप लगाते हुए कांग्रेस विधायकों को दिल्ली ले जाने का आरोप लगाया और कमलनाथ ने भी इसका समर्थन किया। अगले दिन फिर कांग्रेस के 4 विधायक लापता हुए और लापता विधायकों में से एक हरदीप सिंह डंग ने अपना इस्तीफा भेजा। कांग्रेस ने अपने विधायकों के साथ बैठक की जबकि भाजपा के नेताओं ने भी अपनी बैठक की। इसके बाद गायब विधायक सुरेन्द्र सिंह शेरा वापस लौटे और कमलनाथ के साथ होने की बात कही। कांग्रेस के बाकी विधायक भी वापस लौटे और सरकार का समर्थन किया। इसके बाद से ही सिंधिया समर्थक 17 विधायकों के बेंगलुरू जाने की बात सामने आई। 

मध्यप्रदेश विधानसभा का गणित
मध्यप्रदेश में कुल 230 सीटें हैं, पर 2 विधायकों के निधन के बाद विधानसभा में विधायकों की संख्या 228 रह गई है। इसमें से 114 विधायक कांग्रेस, 107 भाजपा, 4 निर्दलीय, 2 बहुजन समाज पार्टी और 1 विधायक समाजवादी पार्टी का है। सभी निर्दलीय, बसपा और सपा के विधायकों ने कांग्रेस को समर्थन दे रखा है और कांग्रेस सरकार चला रही है। 228 विधायकों की विधानसभा में बहुमत का आंकड़ा 115 है। ऐसे में फिलहाल कांग्रेस के पास फिलहाल 121 विधायकों का समर्थन है, पर यदि उसके 17 बागी विधायक अपना समर्थन वापस ले लेते हैं तो कांग्रेस के पास 104 विधायकों का समर्थन रह जाएगा और सरकार गिर जाएगी। 

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