Shivpuri: पुलिस की पिटाई से सालभर के बच्चे की मौत, दो SI पर FIR, पुलिया विवाद में प्रदर्शन कर रहे थे ग्रामीण

ये घटना करैरा (karaira) थाना इलाके की है। ग्रामीण पुलिया में पाइप डाले जाने का विरोध कर रहे थे। ठेकेदार ने पुलिस को बुलाया था। मौके पर पुलिस बल पहुंचा तो विवाद बढ़ गया और एक बच्चे की मौत हो गई। गांव वालों का कहना है कि पुलिस के लाठीचार्ज में बच्चे की जान गई। जबकि पुलिस का कहना है कि कुछ ग्रामीणों ने पुलिस पर ही पथराव शुरू कर दिया, जिससे पुलिस उपनिरीक्षक राघवेंद्र यादव और दो अन्य पुलिसकर्मी घायल हो गए।
 

Asianet News Hindi | Published : Nov 10, 2021 7:27 AM IST

शिवपुरी। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के शिवपुरी जिले (Shivpuri) में बड़ी घटना हो गई। यहां करैरा (karaira) इलाके में ग्रामीणों के प्रदर्शन के दौरान एक साल के बच्चे की मौत हो गई। आरोप है कि पुलिस ने मौके पर लाठीचार्ज किया, जिससे हालात बिगड़े और बच्चे की जान गई। घटना में तीन पुलिसवाले भी जख्मी हुए हैं। मामले में दो सब इंस्पेक्टर पर एफआईआर दर्ज की गई है। हालांकि, पुलिस ने लाठीचार्ज के आरोप को गलत बताया है।

दरअसल, करौना थाने के अंतर्गत रामनगर गधाई गांव में निर्माणाधीन सड़क पर पुलिया बन रही है, इसमें पाइप डालने को लेकर ग्रामीण विरोध कर रहे थे। मंगलवार को ग्रामीणों ने प्रदर्शन किया। इस दौरान एक साल के बच्चे की मौत हो गई और तीन पुलिसकर्मी घायल हो गए। करैरा थाना प्रभारी अमित सिंह भदौरिया ने बताया कि गधाई गांव में एक पुलिया पर पाइप लाइन को लेकर विवाद हो गया था, इसे लेकर निर्माण कंपनी के ठेकेदार ने एसडीएम को आवेदन दिया था। मौके पर पुलिसबल भेजा गया तो वहां कुछ ग्रामीणों ने पुलिस पर ही पथराव शुरू कर दिया, जिससे पुलिस उपनिरीक्षक राघवेंद्र यादव और दो अन्य पुलिसकर्मी घायल हो गए। यादव को इलाज के लिए ग्वालियर रेफर कर दिया गया है। भदौरिया ने कहा- ‘लाठीचार्ज जैसा कोई कदम नहीं उठाया गया। बच्चे की मौत पुलिस की लाठी लगने से होने संबंधी आरोप पूरी तरह गलत हैं।’ उन्होंने बताया कि ठेकेदार ने सुरक्षा मांगी थी। 

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मां के पास खड़ा था बच्चा, पुलिस के हमले में मारा गया
प्रदर्शन में बच्चे की मौत के बाद पुलिस ने दो उपनिरीक्षकों के खिलाफ हत्या के आरोप में केस दर्ज किया है। स्थानीय लोगों ने बच्चे की मौत के लिए पुलिस पर लाठीचार्ज को जिम्मेदार ठहराया था। बच्चे के पिता अशोक जाटव की शिकायत के आधार पर सब इंस्पेक्टर अजय मिश्रा और जगदीश रावत के खिलाफ धारा 302 (हत्या) और एससी/एसटी एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया। प्राथमिकी के अनुसार, बच्चे के पिता ने आरोप लगाया कि उसका बच्चा अपनी मां के साथ खड़ा था, तभी पुलिसवालों ने उसके सिर पर हमला किया, जिससे उसकी मौत हो गई। शिकायतकर्ता ने यह भी दावा किया कि वह अपने खेत में अवैध रूप से एक पुलिया के निर्माण के लिए पाइप डालने का विरोध कर रहा था। इसी बीच पुलिस पहुंची और उसके साथ पिटाई की। 

कांग्रेस विधायक ने किया विरोध
इधर, घटना के बाद करैरा के कांग्रेस विधायक प्रागीलाल जाटव ने कहा-‘मैंने गांव वालों से बात की है। वे लोग निर्माणाधीन सड़क पर बन रही पुलिया पर पाइप डालने का विरोध कर रहे थे, जिसे लेकर तहसीलदार को ज्ञापन भी दिया गया था।’उन्होंने कहा कि ग्रामीणों के अनुसार मासूम की पुलिस की लाठी से मौत हुई है। जाटव और ग्रामीणों ने शव को सड़क पर रखकर चक्काजाम भी किया है। इस बीच, कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह और एसपी राजेश सिंह चंदेल मौके पर पहुंचे और नाराज ग्रामीणों से बात की। मौकेपर देर शाम तक समझाइश का दौर चलता रहा। पुलिस की कार्रवाई के बाद मंगलवार देर रात धरना समाप्त कर दिया।

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