अष्टमी पर MP के मैहर में 6 घंटे में 50 हजार भक्त पहुंचे, जानिए देश के बाकी मंदिरों का क्या है हाल

आज महाअष्टमी के दिन भी हर बार की तरह देवी मां के दरबार में ज्यादा भीड़ दिखाई नहीं दी। लेकिन मध्य प्रदेश के प्रसिद्ध देवी मां के मंदिरों में कोरोना पर भक्ती भारी दिखाई दी। जहां मैहर के मां शारदा दरबार में श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है। आधे दिन में यहां 50 हजार से ज्यादा भक्त ने दर्शन किए। 

Asianet News Hindi | Published : Oct 24, 2020 11:52 AM IST / Updated: Oct 24 2020, 05:33 PM IST

भोपाल. इस साल हर जगह देवी मां के मंदिरों में कोरोना का असर दिखाई दिया। ना तो कहीं बड़े-बड़े पंडाल दिख रहे हैं और ना ही नवरात्रि पर मेले लग रहे हैं। आज महाअष्टमी के दिन भी हर बार की तरह देवी मां के दरबार में ज्यादा भीड़ दिखाई नहीं दी। लेकिन मध्य प्रदेश के प्रसिद्ध देवी मां के मंदिरों में कोरोना पर भक्ती भारी दिखाई दी। जहां मैहर के मां शारदा दरबार में श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है। सिर्फ आधे दिन में यहां 50 हजार से ज्यादा भक्त ने मां के दर्शन किए। पढ़िए बाकी मंदरों का क्या है हाल...

दरअसल, सतना जिले में त्रिकूट पर्वत पर माता मैहर देवी मंदिर है। जहां पहाड़ों की चोटी पर मां शारदा विराजमान हैं। यहां मान्यता हैं कि कोई भी व्यक्ति इस मंदिर में रात को रुक नहीं सकता, अगर कोई रुकता है तो उसकी मृत्यु हो जाती है। बताया जाता है कि यहां  हर रात मां के दर्शन के लिए आल्ह और ऊदल आते हैं। देवी मां के दर्शन के लिए भक्त सुबह 4 बजे से आना शुरू कर देते हैं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार शनिवार दोपहर तक यहां  50 हजार से ज्यादा श्रद्धालु मां शारदा के दर्शन कर चुके हैं। इतनी संख्या में भक्त पहुंचे जिसको देखकर लगता है कि यहां कोई कोरोना का असर नहीं है।

सलकनपुर माता मंदिर: मध्य प्रदेश में दूसरा सबसे बड़ा देवी मां का मंदिर सलकनपुर है, जहां बीजासन मां विराजमान हैं। यह मंदिर सीहोर जिले के रेहटी तहसील में है। जहां एक दिन में एक लाख से ज्यादा  श्रद्धालु दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं। इस बार कोरोना कॉल में महाअष्टमी के दिन सुबह 9 बजे तक 20 हजार से ज्यादा मां बीजासन के दर्शन कर चुके हैं।

 

कामाख्या मंदिर: वहीं उत्तर प्रदेश के वाराणसी में कामाख्या मंदिर में भी अष्टमी के दिन दर्शन करने  वालों की संख्या बहुत कम है। हर साल जहां एक दिन लाखों भक्त यहां पहुंचते थे। लेकिन अब आलम यह है कि 8 से 10 भक्त ही यहां पहुंच रहे हैं। मंदिर के पुजारी  देवेंद्र पूरी ने बताया कि इस महामारी ने तो भक्तों के पैर घर में बांध दिए। जो अपनी मां के दर्शन करने के लिए भी नहीं आ पा रहे हैं।

करौली की राजराजेश्वरी माता: मैहर और सलकनपुर की तरह ही प्रसिद्ध देवी मां मंदिर राजस्थान के करौली जिले में है। जिसे लोग राजराजेश्वरी कैला मां मंदिर के नाम से जानते हैं। यह हर साल नवरात्रि में लाखों लोग कई राज्यों को लोग मां के दर्शन के लिए पहुंचते हैं। लेकिन इस बार कोरोना महामारी की वजह से बहुत कम श्रद्धालु यहां पहुंचे।

छिन्नमस्तिका मं झारखंड: देवी मां के सभी मंदिरों की तरह ऐसा ही एक प्रसिद्ध देवी मां मंदिर झारखंड में है, जिसको  छिन्नमस्तिका मंदिर नाम से जाना जाता है। यह मंदिर घने जंगलों के बीच है, जहां हर साल लाखों लोग यहां पहुंचते हैं। लेकिन इस बार ऐसा नजारा देखने को नहीं मिल रहा है। परिसर में फूलों ओर प्रसाद की दुकान चलाने वालों का कहना है कि शाम तक यहां श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ सकती है।

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