कोरोना के कहर में मसीहा बनी 82 साल की ये बुर्जुग महिला, हर कोई कर रहा प्रणाम..नाम रखा दरियादिल अम्मा

कोरोना वायरस के मरीजों की मदद करने के लिए विदिशा की 82 वर्षीय श्रीमती सलभा देवी ने जिस तरह से सराहनीय काम किया है उसकी हर कोई तारीफ कर रहा है। भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा- मैं आपके सामने नतमस्तक हूँ। आप  मानवता की सच्ची प्रहरी हैं।

Asianet News Hindi | Published : Mar 31, 2020 8:51 AM IST / Updated: Apr 09 2020, 07:25 PM IST

विदिशा (मध्य प्रदेश). देश में कोरोना वायरस का संकट रोज बढ़ता ही जा रहा है। लॉकडाउन हो जाने के बाद भूखे-प्यासे हजारों गरीब परिवार इधर से उधर भटक रहे हैं। हालांकि पीएम मोदी की अपील करने के बाद से हर कोई अपने स्तर से इनकी मदद कर रहा है। ऐसी ही मिसाल पेश की है एक 82 वर्षीय महिला ने, जिनकी हर कोई तारीफ कर रहा है। 

एक नेक काम से बन गईं 'दरियादिल अम्मा'
महामारी से निपटने के लिए और मरीजों की मदद करने के लिए विदिशा की 82 वर्षीय श्रीमती सलभा देवी आगे आई हैं। उन्होंने अपनी जिंदगीभर की जमा पूंजी यानी पेंशन के बचे हुए पैसों में से एक लाख रुपए मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा किए हैं। उनकी इस दरियादिली को हर कोई सलाम कर रहा है। उनके इस सराहनीय काम से सोशल मीडिया और आसपास के लोग उन्हें दरियादिल अम्मा’ के नाम से पुकारने लगे हैं।

अम्मा ने कही दिल को छू लेने वाली बात
बता दें कि श्रीमती सलभा देवी विदिशा जिले के अरिहंत विहार कॉलोनी में रहती हैं। वह शिक्षा विभाग से सेवानिवृत्त हैं। उनका कहना है कि अगर हम इस मुश्किल घड़ी में बेसहारा लोगों की मदद नहीं करेंगे तो इंसान कहलाने लाइक नहीं हैं। हमारी शिक्षा इसी दिन काम आती है कि हम अपने देश में आए इस संकट से किस तरह निपटते हैं। 

कैलाश विजयवर्गीय ने अम्मा की तारीफ
भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने ‘दरियादिल अम्मा’के काम की ट्वीट करके तारीफ की है। उन्होंने लिखा-विदिशा की श्रीमती सलभा उसकर जी के सामने नतमस्तक हूँ। 82 साल की इस वृद्ध महिला ने अपनी पेंशन से 1 लाख रुपए #Corona से बचाव के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष में दिये है! उनके लिए आभार व्यक्त करना बहुत छोटी बात होगी। वे मानवता की सच्ची प्रहरी हैं। जिस प्रदेश और देश में आप जैसे नेक दिल लोग होंगे तो कोरोना कुछ नहीं बिगाड़ पाएगा।

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