गजब का जज्बा: जिन्हें 2 बार मौत छू भी नहीं पाई, हजारों लाशों के बीच बचे जिंदा..अब कोरोना को दी मात

ऐसे जिंदादिल इंसान हैं 66 वर्षीय अरुणकांत मिश्रा, जो दिव्यांग हैं, लेकिन उनके जज्बे के चलते मौत उनको छू भी नहीं पाई। 36 साल पहले 1984 में जब गैस त्रासदी हुई तो अरुणकांत भोपाल में ही थे।

Asianet News Hindi | Published : Dec 4, 2020 5:08 AM IST

भोपाल, अक्सर लोगों की जुबान से सुना है कि जिसके अंदर हौसला बरकरार हो और सोच पॉजिटिव हो उस इंसान को कभी कुछ नहीं हो सकता है। राजधानी भोपाल के ऐसी ही एक शख्स हैं, जिन्होंने एक बार नहीं बल्कि दो बार मौत को मात दी है।

हजारों लाशों के ढेर के बीच पूरे परिवार को बचाया
दरअसल, ऐसे जिंदादिल इंसान हैं 66 वर्षीय अरुणकांत मिश्रा, जो दिव्यांग हैं, लेकिन उनके जज्बे के चलते मौत उनको छू भी नहीं पाई। 36 साल पहले 1984 में जब गैस त्रासदी हुई तो अरुणकांत भोपाल में ही थे। उस वक्त जब वह जहरीली गैस के शिकार तो हुए, उन्होंने ना केवल खुद को बचाया, बल्कि अपनी मां और भाई को भी सुरक्षित रखा। हजारों लाशों के ढेर के बीच वह अपने परिवार को जिंदा बचाकर ले गए।

Latest Videos

डॉक्टरों ने भी हारी हिम्मत..लेकिन उन्होंने जीत ली जंग
वहीं अब जब कोरोना महामारी ने पूरी दुनिया में लाखों लोगों को मौत की नींद सुलाया, तब भी अरुणकांत ने अपना हौसला नहीं खोया। वह कोरोना से संक्रमित हुए और उनके फेफड़ों में 40 फीसदी संक्रमण फैल गया। आनन-फानन में उन्हें भोपाल की सुपर स्पेशिएलिटी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। डॉक्टरों का कहना था कि इस हालत में किसी भी मरीज का बचना बहुत मुश्किल होता है। लेकिन अरुणकांत ने इस दौरान जो जज्बा दिखाया, उससे कोरोना भी उनके आगे हार गया और वह निगेटिव होकर घर लौटे।

Share this article
click me!

Latest Videos

जानें कहां विसर्जित होंगी Ratan Tata की अस्थियां, क्या थी उनकी अंतिम इच्छा?
Haryana New CM: 'मैं शपथ लेता हूं' #Shorts
Nayab Singh Saini Oath Ceremony: 10 नाम जो हरियाणा Cabinet में बन सकते हैं मंत्री?
नेतागिरी बाहर दिखाओ...डॉ. ने लगा दी सांसद जी की क्लास #Shorts #uttarpradesh
बहराइच मामलाः सरफराज-तालिब का एनकाउंटर, जानें डॉक्टर-पुलिस ने क्या कहा । Bahraich Encounter News