भोपाल पुलिस ने कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद सहित 7 लोगों के खिलाफ धार्मिक भावनाएं भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज कर ली। इसके अलावा जिला प्रशासन और नगर निगम अमला ने विधायक के कॉलेज पर कार्रवाई करते हुए बिल्डिंग पर बुलडोजर चला दिया।
भोपाल (मध्य प्रदेश). फ्रांस के राष्ट्रपति के खिलाफ भीड़ जुटाने वाले कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद की अब मुश्किलें बढ़ने लगी हैं। एक तरफ जहां एक दिन पहले मसूद सहित 7 लोगों के खिलाफ धार्मिक भावनाएं भड़काने के मामले में गैर जमानती धाराओं के तहत FIR दर्ज कर ली गई। वहीं आज गुरुवार को जिला प्रशासन ने विधायक के खिलाफ शिकंजा कस लिया। नगर निगम अमले के साथ पहुुंचे प्रशासन ने उनके बड़े तालाब के कैचमेंट एरिया में अवैध बनी बिल्डिंग पर बुलडोजर चला दिया।
सीढ़ी से लेकर बाथरुम तक गिरा दिए गए
दरअसल, प्रशासान ने आरिफ मसूद की जिस अवैध बिल्डिंग को गिराया है वहां मसूद का कॉलेज संचालित होता है। करीब तीन घंटे तक चली इस कार्रवाई में इमारत के अलग-अलग हिस्से को धराशायी कर दिया गया। जिसमें सीढ़ी से लेकर बाथरुम तक गिरा दिए गए। मौके पर फिलहाल कार्रवाई जारी है, वहीं भारी मात्रा में पुलिस बल तैनात है।
विधायक ने कहा-बदले की भावना से मेरी इमारत तोड़ी
इन सब के बीच कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि मैंने तो शांति से धरना दिया था। हमने किसी भी धर्म को लेकर कोई गलत बयान नहीं दिया। क्या अब हमको इतना भी अधिकार नहीं कि कोई हमारे धर्म के बारे में बुरा बोले तो में प्रोटेस्ट कर सकूं। शिवराज सरकार मुझ पर जबरन दबाव बना रही है। राजनीति के चलते उन्होंने मेरी इमारत को गिरवाया है।
(इकबाल मैदान में भीड़ को उकसाते हुए कांग्रेस विधायक आरफि मसूद)
सुबह7 बजे से 200 से ज्यादा पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचे
बता दें कि विधायक की बिल्डिंग गिराने के लिए सुबह करीब 7 बजे से ही नगर निगम अमला और 200 से ज्यादा पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचे थे। वहीं इस मामले पर डीआईजी इरशाद वली का कहना है कि विधायक आरिफ मसूद ने बड़े तालाव किनारे खानूगांव में अवैध अतिक्रमण कर लिया है। जिसको हटाने के लिए यह कार्रवाई की जा रही है। हम सुरक्षा के लिहाज से नगर निगम कर्मचारियों की मदद करने के लिए पहुंचे हैं।
(आरिफ मसूद का वह कॉलेज जिस पर प्रशासन ने चलाया बुलडोजर)
केंद्र और राज्य सरकार को विधायक ने दी चेतावनी
विधायक आरिफ मसूद पर आरोप लगे हैं कि उन्होंने इकबाल मैदान में भीड़ को एकत्रित कर फ्रांस के राष्ट्रपति पुतला फूंका था। जो कि कोरोना कॉल में कानूनी नियमों के खिलाफ है। इतना ही नहीं उन्होंने भाषण देते हुए केंद्र और राज्य पर आरोप लगाया था कि यह हिंदूवादी सरकारें फ्रांस के प्रिसिडेंट का सपोर्ट कर रही हैं। उन्होंने धमकी देते हुए कहा था कि अगर दोनों सरकारों ने फ्रांस का विरोध नहीं किया तो हम हिंदुस्तान में भी ईंट से ईंट बजा देंगे। जिसके तहत उन पर धार्मिक भावनाएं भड़काने की धाराओं में मामला दर्ज किया गया है।