मुस्लिम दोस्त ने आखिरी सांस तक नहीं छोड़ा हिंदू दोस्त का साथ, पढ़िए 2 मजदूर दोस्तों की दर्दभरी कहानी

यह मार्मिक घटना शनिवार को शिवपुरी के जिला अस्पताल में देखने को मिली। जहां मजदूर अमृत को बेहोशी की हालत  में उसका मुस्लिम दोस्त मोहम्मद कय्यूब लेकर पहुंचा था। डॉक्टरों ने उसका इलाज शुरू किया, लेकिन वह ज्यादा समय तक जिंदा नहीं रहा और उसने दम तोड़ दिया।

Asianet News Hindi | Published : May 16, 2020 12:05 PM IST / Updated: May 16 2020, 07:31 PM IST

शिवपुरी, (मध्य प्रदेश). लॉकडाउन के चलते देशभर में प्रवासी मजदूरों का पलायन लगातार जारी है। वह भूख से तड़पते हुए नंगे पैर तपती दुपहरी में हजारों मील सफर तय कर रहे हैं। ऐसा ही एक मामला मध्य प्रदेश में सामने आया है, जहां एक युवक ने अपने घर पहुंचने से पहले ही दम तोड़ा दिया। लेकिन, इस मुश्किल वक्त में मुस्लिम दोस्त ने उसका आखिरी समय तक साथ नहीं छोड़ा।

घर पहुंचने से पहले मजदूर की मौत
दरअसल, यह मार्मिक घटना शनिवार को शिवपुरी के जिला अस्पताल में देखने को मिली। जहां मजदूर अमृत को बेहोशी की हालत में उसका मुस्लिम दोस्त मोहम्मद कय्यूब लेकर पहुंचा था। डॉक्टरों ने उसका इलाज शुरू किया, लेकिन वह ज्यादा समय तक जिंदा नहीं रहा और उसने दम तोड़ दिया।

दोनों एक ही फैक्ट्री में करते थे काम
मृतक अमृत और मोहम्मद कय्यूब सूरत की एक फैक्ट्री में काम करते थे। दोनों उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले के रहने वाले हैं, लेकिन जब लॉकडाउन में कंपनी बंद हो गई तो वह बिरोजगार हो गए और घर आने के लिए एक ट्रक में बैठकर रवाना हो गए। इसी दौरान अमृत की हालत अचानक बिगड़ गई। खराब तबीयत के चलते ट्रक में बैठे बाकी लोगों ने उसको शिवपुर के पास उतार दिया। लेकिन अमृत का दोस्त कय्यूब ने उसका साथ नहीं छोड़ा और वो भी रास्ते में ही उतर गया। 

मुस्लिम दोस्त ने आखिरी समय तक नहीं छोड़ा साथ
कय्यूब अपने दोस्त का सिर अपनी गोद में लिए सड़क किनारे बैठ लोगों से मदद की गुहार लगाता रहा। वह राहगीरों से कहता मेरा दोस्त बीमार है प्लीज कोई हमको अस्पालत पहुंचा दो। कय्यूब को रोता देख कुछ लोगों ने उसकी हेल्प की और एंबुलेंस बुलाकर दोनों को शिवपुर के जिला अस्पताल पहुंचाया। जहां उसको गंभीर हालत के चलते आईसीयू में भर्ती किया गया लेकिन वह नहीं बच सका।

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