
शहडोल. एक कहावत है कि 'चोर-चोरी से जाए, हेराफेरी से न जाए!' यह शख्स इस कहावत से कहीं आगे निकला। यह एक ऐसा ठग साबित हुआ, जिसने अपनी गर्लफ्रेंड तक को नहीं बख्शा। 10th क्लास तक पढ़ा यह शख्स खुद को एडिशनल मजिस्ट्रेट बताता था। इसकी बातें इतनी चिकनी-चुपड़ी होती थीं कि कोई भी सरलता से फंस जाता था। इस शख्स ने अपनी गर्लफ्रेंड से भी करीब 3 लाख रुपए की ठगी की थी। पुलिस ने ठग को शहडोल के एक होटल से गिरफ्तार किया है।
ऐसा बनाता था बेवकूफ
टीआई रावेंद्र द्विवेदी ने बताया कि आरोपी संदीप सिंह परिहार भिंड के वार्ड-11 का रहने वाला है। उसके खिलाफ कुछ दिन पहले पुलिस को शिकायत मिली थी। पुलिस ने जब जांच-पड़ताल शुरू की, तो मालूम चला कि संदीप वेलकम इन होटल में ठहरा हुआ है। उसने खुद को एडिशनल मजिस्ट्रेट बताया हुआ था। लिहाजा होटल का स्टाफ भी उसकी खूब खातिरदारी कर रहा था। संदीप ने बताया था कि वो हाल में ग्वालियर खंडपीठ से जबलपुर खंडपीठ में पदस्थ हुआ है। हालांकि होटल के मैनेजर डेनजिल रोड्रिक्स को उस पर कोई शक हुआ, तो उसने पुलिस को खबर की थी।
दरअसल, संदीप ने अपनी फेसबुक आइडी पर खुद के एडिशनल मजिस्ट्रेट होने का स्टेटस लगा रखा था। यह आईडी आरोपी ने होटल के मैनेजर को भी दिखाई थी। हालांकि इससे पहले आरोपी मैनेजर को ठग चुका था। हुआ यूं कि पहले मैनेजर भी संदीप के झांसे में आया गया। मैनेजर और संदीप ने रात को एक साथ बैठकर शराब पी। इस दौरान मैनेजर ने कटनी कोर्ट से किसी की जमानत करा देने की बात उठाई। इस पर संदीप ने उससे 2 किश्तों में 40 हजार रुपए ऐंठ लिए।
बहन के जरिये गर्लफ्रेंड बनाई थी
पुलिस के मुताबिक संदीप की एक मुंहबोली बहन जबलपुर में रहती है। उसी के जरिये संदीप ने एक युवती से दोस्ती की। बातों ही बातों में संदीप ने अपनी गर्लफ्रेंड के अकाउंट की जानकारी ले ली। जब उसे पता चला कि गर्लफ्रेंड के अकाउंट में करीब डेढ़ लाख रुपए हैं, तो ATM लेकर सारे पैसे निकाल लिए। इसके बाद संदीप ने गर्लफ्रेंड के भाई की जॉब लगवाने के बहाने भी डेढ़ लाख रुपए और ले लिए।
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