10 परसेंट से भी कम थी भाई के बचने की उम्मीद, मौत के मुंह से निकाल लाई बहन

यह इमोशनल और प्रेरक कहानी मध्य प्रदेश की है। यहां रहने वाली एक महिला ने अपने भाई की जिंदगी बचाने अपना लीवर दान कर दिया। भाई का लीवर 90% डैमेज हो चुका था। उसके बचने की उम्मीद न के बराबर थी।

Asianet News Hindi | Published : Jul 21, 2019 5:49 AM IST / Updated: Jul 21 2019, 04:15 PM IST

भोपाल. रक्षाबंधन के ठीक पहले एक बहन ने अपने भाई की जिंदगी बचाने अपने शरीर का एक अंग दान कर दिया। यह भोपाल के आकृति ईको सिटी में रहने वालीं 41 वर्षीय जाह्नवी दुबे की कहानी है। जाह्नवी का छोटा भाई जयेंद्र पाठक(26) की अचानक तबीयत बिगड़ी। जब बुखार नहीं उतरा, तो उसे हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। मालूम चला कि जयेंद्र का लीवर 90% डैमेज हो चुका है। यानी उनके बचने की ना के बराबर उम्मीद थी।
 
जाह्वनी के पति प्रवीण दुबे ने डॉक्टरों ने सलाह-मशवरा किया। डॉक्टरों ने जयेंद्र को फौरन दिल्ली के मेदांता हॉस्पिटल ले जाने की सलाह दी, ताकि लीवर ट्रांसप्लांट हो सके। डॉक्टर की सलाह पर जयेंद्र को  जबलपुर से फौरन एयर एंबुलेंस से दिल्ली ले जाया गया। जयेंद्र जबलपुर में रहता है।
 
डॉक्टरों ने बताया कि लीवर के लिए ऑपरेशन करने से जाह्नवी की जान को भी खतरा हो सकता था। लेकिन एक बहन अपने भाई की जिंदगी बचाने पीछे नहीं हटी। आखिरकार सोमवार रात ऑपरेशन किया गया। अब बहन और भाई दोनों  ठीक हैं।

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