दिव्यांग के जज्बे की कहानीः भूखा होकर भी नहीं भूला फर्ज, सोशल डिस्टेंस के लिए अपना 'पैर' तक खोल दिया

देश में हर दिन अलग-अलग इलाकों से सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाने वाली खबरें आती रहती हैं। लेकिन, मध्य प्रदेश से एक ऐसी तस्वीर देखने को मिली, जहां एक दिव्यांग ने लोगों का दिल जीतने वाले काम से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया। उसने नियम को बनाये रखने के लिए अपना कृत्रिम पैर खोलकर गोल घेरे में रख दिया।

Asianet News Hindi | Published : Apr 18, 2020 9:45 AM IST / Updated: Apr 18 2020, 03:59 PM IST

अशोकनगर (मध्य प्रदेश). देश में हर दिन अलग-अलग इलाकों से सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाने वाली खबरें आती रहती हैं। लेकिन, मध्य प्रदेश से एक ऐसी तस्वीर देखने को मिली, जहां एक दिव्यांग ने लोगों का दिल जीतने वाले काम से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया। उसने नियम को बनाये रखने के लिए अपना कृत्रिम पैर खोलकर गोल घेरे में रख दिया।

इस वजह से दिव्यांग ने कृत्रिम पैर खोला
भावुक कर देने वाली यह तस्वीर अशोकनगर जिले की है। जहां क्षेत्र के पूर्व विधायक के ऑफिस में राशन वितरण हो रहा था। इस दौरान 2 किलोमीटर दूर से बैसाखी के सहारे चलकर आया दिव्यांग भगवत सिंह राशन के लिए लाइन में लगा था। लेकिन, तेज धूप को वह सह नहीं पा रहा था। ऐसे में उसने अपने कृतिम पैर को खोलकर गोल घेरे में रखकर छांव में बैठ गया। वो नहीं चाहता था कि कोई उसपर दया करके उसके नंबर आने से पहले राशन दे।

दिव्यांग की बात सुनकर पूर्व MLA हो गए इमोशनल
जब कृत्रिम पैर पर पूर्व विधायक की नजर पड़ी तो उन्होंने भगवत सिंह को अपने पास बुलाया, कहा- तुम दिव्यांग हो, पहले आकर राशन ले सकते हो। लेकिन, उसने कहा- मैं नहीं चाहता था सोशल डिस्टेंस बिगड़े। इसलिए अपने नंबर के हिसाब से पैर को गोले में रख दिया है। युवक की बात सुनकर पूर्व विधायक ने उसे रिक्शे पर बैठाकर राशन के साथ घर पहुंचाया।

दिव्यांग की पीड़ा.. भूख बहुत बुरी चीज है..
भगवत सिंह ने बताया- 5 साल पहले ट्रेन हादसे में उसका एक पैर कट गया था। परिवार में पत्नी, बेटा-बहू और दो पोती हैं। बेटा-बहू एक होटल में काम करते हैं। लेकिन, लॉकडाउन के चलते होटल बंद हो गया और घर में राशन भी खत्म हो गया। अब पेट भरने के लिए बैसाखी के सहारे इधर-उधर राशन मांगने जाता रहता हूं।

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