इस जंगल में मिला देश का सबसे बड़ा हीरा भंडार, 3.42 करोड़ कैरेट हीरा होने का अनुमान

सार

साल 2000 से 2005 के बीच आस्ट्रेलियाई कंपनी रियोटिंटो ने हीरा भंडार की खोज के लिए बुंदेलखंड क्षेत्र में सर्वे किया था, जिसमें किंबरलाइट की चट्‌टानें दिखाई दीं। बता दें कि हीरा किंबरलाइट की चट्‌टानों में मिलता है।

छतरपुर (Madhya Pradesh) । देश का सबसे बड़ा हीरा भंडार मिलने का दावा किया जा रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बकस्वाहा जंगल में 3.42 करोड़ कैरेट हीरा दबे होने का अनुमान है। हालांकि यह भी कहा जा रहा है कि इस हीरा भंडार को निकालने के लिए 382.131 हेक्टेयर जंगल खत्म किया जाएगा। क्योंकि, वन विभाग ने इस जमीन पर खड़े पेड़ों की गिनती कर ली है, जो 2,15,875 हैं। बताया जा रहा है कि इनको काटना पड़ेगा। इनमें सागौन, केम, पीपल, तेंदू, जामुन, बहेड़ा, अर्जुन के पेड़ हैं।

पन्ना जिले में था अब तक सबसे बड़ा भंडार
बता दें कि अभी तक देश का सबसे बड़ा हीरा भंडार मध्य प्रदेश के ही पन्ना जिले में है। जहां कुल 22 लाख कैरेट हीरे का भंडार है। इनमें 13 लाख कैरेट हीरा निकाला जा चुका है। बकस्वाहा के जंगल में पन्ना से 15 गुना ज्यादा हीरे का भंडार होने का अनुमान है।

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साल 2005 तक हुआ था सर्वे
साल 2000 से 2005 के बीच आस्ट्रेलियाई कंपनी रियोटिंटो ने हीरा भंडार की खोज के लिए बुंदेलखंड क्षेत्र में सर्वे किया था, जिसमें किंबरलाइट की चट्‌टानें दिखाई दीं। बता दें कि हीरा किंबरलाइट की चट्‌टानों में मिलता है।

जानिए खास बातें
-बंदर डायमंड प्रोजेक्ट के तहत इस स्थान का सर्वे 20 साल पहले शुरू हुआ था।
-दो साल पहले मध्य प्रदेश सरकार ने इस जंगल की नीलामी की थी।
-आदित्य बिड़ला समूह की एस्सेल माइनिंग एंड इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने खनन का टेंडर हासिल किया था।
-सरकार ने बकस्वाहा जंगल में हीरा भंडार वाली 62.64 हेक्टेयर जमीन इस कंपनी को 50 साल के लिए लीज पर दे रही है।
-आदित्य बिड़ला ग्रुप की एस्सेल माइनिंग एंड इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने 382.131 हेक्टेयर जमीन की मांग की है। 
-62.64 हेक्टेयर में हीरा खदान होगी, बाकी 205 हेक्टेयर जमीन का उपयोग खनन और प्रोसेसिंग के दौरान निकले मलबे को डंप करने में किया जाएगा। 
-कंपनी यहां 2500 करोड़ रुपए का निवेश करेगी।

नीरव मोदी के कारण इस कंपनी को नहीं मिला टेंडर
आस्ट्रेलियाई कंपनी रियोटिंटो ने खनन लीज के लिए आवेदन किया था। मई 2017 में संशोधित प्रस्ताव पर पर्यावरण मंत्रालय के अंतिम फैसले से पहले ही रियोटिंटो ने यहां काम करने से इनकार कर दिया था। बता दें कि रियोटिंटो कंपनी पीएनबी स्कैम के भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी से संबंध हैं। इस कारण कंपनी को दागदार माना गया है।

(प्रतीकात्मक फोटो)

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