पति के सामने पत्नी का रेप, फिर विरोध पर चाकू घोंप कर पति को मार डाला, अब हैवानों को मिली ये खौफनाक सजा

दो हैवानों ने छत पर सो रहे पति पत्नी के साथ जो हैवानियत की उसके लिए कोर्ट ने उन्हें कड़ी सजा सुनाई है। दो साल पहले हुए इस घटनाक्रम में दो युवकों ने पहले पति के सामने पत्नी के साथ रेप किया फिर पति की चाकू मारकर हत्या कर दी थी। 

रीवा(Madhya Pradesh). दो हैवानों ने छत पर सो रहे पति पत्नी के साथ जो हैवानियत की उसके लिए कोर्ट ने उन्हें कड़ी सजा सुनाई है। दो साल पहले हुए इस घटनाक्रम में दो युवकों ने पहले पति के सामने पत्नी के साथ रेप किया फिर पति की चाकू मारकर हत्या कर दी थी। इस मामले में पुलिस ने एक नाबालिग समेत दो लोगों को गिरफ्तार किया था। इस मामले में कोर्ट ने आरोपी के खिलाफ दोहरे आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। 

घटना दो साल पहले की है। मृतक अजय चौधरी अपनी पत्नी के साथ सिटी कोतवाली थाना क्षेत्र स्थित खम्हा गांव में एक निर्माणधीन भवन में मजदूरी का कार्य करता था। काम खत्म करने के बाद वह अपनी पत्नी के साथ निर्माणाधीन भवन की छत में सोने चला गया। इस बीच रात तकरीबन 1 बजे सोते समय ही आरोपी अभिषेक पाठक अपने एक नाबालिग साथी के साथ छत पर आ गया और उसने सोते हुए महिला के साथ जबरदस्ती करते हुए उसके साथ दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया। इस दौरान उसके पति को पहले चाकू की नोक पर बधंक बनाया गया उसके बाद पेट में चाकू घोंप कर मार डाला। उसकी पत्नी ने जब बीचबचाव करने की कोशिश की तो उसे छत से नीचे फेंक दिया गया। जिससे वह भी गंभीर रूप से घायल हो गई।

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महिला की निशानदेही पर गिरफ्तार हुई आरोपी 
घटना की सूचना पाकर पुलिस मौके पर पहुंची और मृतक अजय चौधरी का शव कब्जे में लेकर उसकी घायल पत्नी को इलाज के लिए अस्पताल भेज दिया। जिसके बाद पुलिस ने मामले में त्वरित कार्यवाही करते हुए तत्काल ही महिला की निशानदेही पर घटना में शामिल दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था। पुलिस ने पूरे मामले की विस्तृत जांच कर न्यायालय में चार्जशीट दाखिल की थी। 

मुख्य आरोपी को दोहरे आजीवन कारावास की सजा 
घटना के मुख्य आरोपी अभिषेक पाठक निवासी ग्राम खड्डा थाना सिटी कोतवाली जिला रीवा को हत्या एवं अवैध हथियार के आधिपत्य के अपराध में दोषी पाते हुए न्यायालय ने अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत धारा 450 के तहत 10 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 100रु जुर्माना, धारा 302 के तहत आजीवन कारावास एवं 100रु जुर्माना, धारा 307 के तहत 10 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 100रु जुर्माना एवं एससीएसटी अधिनियम की धारा 3(2) (5) के तहत आजीवन कारावास ( 2 बार ) एवं 100रू जुर्माना तथा आयुध अधिनियम की धारा 25वीं के तहत 1 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 100रु के जुर्माना की सजा से दण्डित किया है।

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