यह मामला शुक्रवार सुबह का बताया जाता है। जहां एक प्रेग्नेंट महिला ने दुर्ग-जम्मूतवी एक्सप्रेस में जुड़वा बच्चों को दिया। यह सब रेलवे पुलिस की महिला आरक्षकों ने बिना डॉक्टरों की मदद से प्रसूता की डिलीवरी कराई।
ग्वालियर (मध्य प्रदेश). देश में हर मिनट में कहीं न कहीं हजारों बच्चों का जन्म होता है। ग्वालियर में ऐसा ही एक हटके मामला सामने आया है, जहां एक महिला ने चलती ट्रेन में यात्रा करते हुए दो जुड़वा बच्चों को जन्म दिया है। रेलवे पुलिस की महिला आरक्षकों ने तुरंद बिना किसी डॉक्टर की हेल्प से प्रसूता की डिलीवरी कराई, जहां जच्चा और बच्चा दोनों स्वस्थ हैं।
ट्रेन की रफ्तार के साथ महिला का बढ़ रहा था दर्द
जानकारी के मुताबिक, यह अनोखा मामला शुक्रवार सुबह का बताया जाता है। जहां ट्रेन में सफर करने वाली एक प्रेग्नेंट महिला की दुर्ग-जम्मूतवी एक्सप्रेस में डिलेवरी हुई। जिस दौरान ट्रेन पहुंचने ही वाली थी की प्रसूता के पेट में अचानक दर्द होने लगा। आसपास की बर्थ में बैठ यात्रियों ने इसकी सूचना रेलवे पुलिस को दी।
बिना डॉक्टरों की मदद से कराई डिलीवरी
जैसे ही इसकी जानकारी रेलवे की महिला आरक्षकों को लगी तो वह तुंरत उस बोगी में पहुंच गई। फिर उन्होंने एक कम्पार्टमेंट को खाली कराया। जिसके के बाद लेडी पुलिस ने बिना देर किए चलती ट्रेन में महिला की डिलीवरी कराई। क्योंकि इस हालत में किसी अस्पताल में ले जाना संभव नहीं था और वहां कोई डॉक्टर भी मौजूद नहीं था, ऐसे में सारी जिम्मीदारी महिला सिपाहियों के ऊपर थी, जो उन्होंने बखूबी निभाई।
लेडी कांस्टेबल की बहादुरी की हो रही तारीफ
कुछ देर बाद जब ट्रेन ग्वालियर के स्टेशन पहुंची तो आरपीएफ ने प्रसूता एक अस्पताल में एडमिट कराया गया। जहां डॉक्टर की देखरेख मे जच्चा और बच्चा दोनों पूर्ण रूप से सुरक्षित हैं। जिन लोगों ने यह बाकया देखा तो वह इन लेडी कांस्टेबल की बहादुरी और मिसाल की तारीफ कर रहे हैं।