हत्या के बाद बिरयानी पार्टी...अमरावती केस में NIA ने किए कई हैरान करने वाले खुलासे

पैगंबर मोहम्मद पर बीजेपी की तत्कालीन प्रवक्ता नुपुर शर्मा के विवादित टिप्पणी के बाद पूरे देश में बवाल हो गया था। नुपुर के समर्थन में पोस्ट किए जाने पर अमरावती में एक व्यक्ति की हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड की जांच कर रही एनआईए ने कई बड़े खुलासे किए हैं। 

Dheerendra Gopal | Published : Aug 5, 2022 4:19 PM IST

मुंबई। अमरावती (Amravati) के फार्मासिस्ट उमेश कोल्हे की हत्या (Pharmacist Umesh Kolhe murder due to Prophet row) के बाद बिरयानी पार्टी (Biryani Party) आयोजित कर हत्या का जश्न मनाया गया था। हत्याकांड में शामिल दोनों गिरफ्तार आरोपी, उस पार्टी में शामिल थे। एनआईए (NIA) ने शुक्रवार को दोनों आरोपियों के बारे में कोर्ट को जानकारी दी है। कोर्ट ने दोनों आरोपियों को 12 अगस्त तक ईडी की हिरासत में भेज दिया है। 

क्या जानकारी दी ईडी ने कोर्ट को?

एनआईए ने उमेश कोल्हे हत्याकांड में शामिल दो आरोपियों को गिरफ्तार कर स्पेशल कोर्ट के सामने पेश किया। एनआईए ने अमरावती से गिरफ्तार किए गए आरोपी मौलवी मुशफीक अहमद (41) और अब्दुल अरबाज (23) को हिरासत में लेने की मांग करते हुए आरोप लगाया कि हत्याकांड के बाद हुई बिरयानी पार्टी में दोनों शामिल थे। आरोपियों को विशेष न्यायाधीश एके लाहोटी के समक्ष पेश किया गया, जिन्होंने उन्हें 12 अगस्त तक एनआईए की हिरासत में भेज दिया। जांच एजेंसी ने अदालत को सूचित किया कि दोनों ने कथित तौर पर अन्य आरोपियों को अपराध करने के बाद बड़े पैमाने पर रहने में मदद की थी।

दोनों पर पनाह देने का भी आरोप

अन्य आरोपों के बीच एनआईए के अनुसार, दोनों ने आरोपी को पनाह देने के लिए गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया है। एनआईए ने दावा किया कि हत्या के बाद जश्न मनाने के लिए एक बिरयानी पार्टी आयोजित की गई थी और मुशफीक और अब्दुल उसी के लिए मौजूद थे। एजेंसी ने आरोप लगाया कि मुशफीक ने हत्या के बाद कथित मास्टरमाइंड शेख इरफान के साथ कॉल पर लगातार जुड़ा रहा था। जबकि अब्दुल अपने द्वारा संचालित संगठन के साथ ड्राइवर के रूप में काम कर रहा था।

मास्टर माइंड चलाता था एनजीओ

हत्या का कथित मास्टरमाइंड इरफान रहबर हेल्पलाइन नाम से एक एनजीओ चलाता था। रिमांड का विरोध करते हुए, आरोपी के वकील काशिफ खान ने तर्क दिया कि दोनों के खिलाफ लगाए गए आरोप लागू नहीं होते, क्योंकि वे आतंकवादी नहीं हैं। अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद दोनों को 12 अगस्त तक के लिए एनआईए की हिरासत में भेज दिया।

पैगंबर पर टिप्पणी के बाद उपजा सारा विवाद

उमेश कोल्हे की 21 जून को पूर्वी महाराष्ट्र के अमरावती शहर में हत्या कर दी गई थी। कोल्हे ने पैगंबर मोहम्मद के बारे में उनकी विवादास्पद टिप्पणी को लेकर निलंबित भाजपा नेता नूपुर शर्मा का समर्थन करने वाला एक पोस्ट सोशल मीडिया पर साझा किया था। इस मामले से गुस्साएं कुछ लोगों ने कोल्हे की हत्या कर दी थी। इसके बाद अमरावती शहर में बवाल हो गया था। इस मामले में अब तक नौ लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।

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