सार

जब पार्थ चटर्जी 2016 में ममता बनर्जी की सरकार में शिक्षा मंत्री थे, तब शिक्षकों की भर्ती हुई थी। इस भर्ती में भारी धांधली का आरोप है। बताया जा रहा है कि अपात्रों का चयन घूस लेकर किया गया है। ईडी इस मामले की जांच कर रही है।

Partha Cahtterjee and Arpita Mukherjee arrest: पश्चिम बंगाल के शिक्षक भर्ती घोटाले में गिरफ्तार तृणमूल कांग्रेस नेता पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी की सहयोगी अर्पिता मुखर्जी की जेल में भी सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। दरअसल, अर्पिता और जांच एजेंसी दोनों को अंदेशा है कि उसकी जान को खतरा है। कोर्ट ने अर्पिता मुखर्जी व बर्खास्त मंत्री पार्थ चटर्जी को 18 अगस्त तक हिरासत में भेज दिया है। अब अर्पिता के साथ चार से अधिक कैदियों के साथ नहीं रखा जाएगा। साथ ही उसका खाना पहले टेस्ट होगा तभी उसे दिया जाएगा।

24 घंटे गार्ड्स की निगरानी में रहेगी अर्पिता

कोर्ट ने अर्पिता मुखर्जी को जेल भेजने के पहले कई कड़े निर्देश जारी किए। ऐसा अर्पिता मुखर्जी द्वारा अपनी जान को खतरा का अंदेशा जताने पर किया गया। अर्पिता के अंदेशे पर ईडी ने भी सहमति जताई। इसके बाद आदेश हुआ कि अर्पिता के सेल में चार से अधिक कैदियों को नहीं रखा जा सकेगा। कुछ भी खाने-पीने की वस्तुओं या भोजन के पहले उस खाने का टेस्ट होगा तभी उसे अर्पिता मुखर्जी खाएंगी। यही नहीं अर्पिता को 24 घंटे, सातों दिन गार्ड्स की निगरानी में रखा जाएगा। ईडी को पूछताछ करने के लिए जेल में ही अनुमति होगी। 

अर्पिता मुखर्जी मनी लॉन्ड्रिंग केस में जेल में

अर्पिता मुखर्जी के खिलाफ ईडी, मनी लॉन्ड्रिंग केस में जांच कर रही है। अर्पिता व बर्खास्त मंत्री पार्थ चटर्जी को बीते 23 जुलाई को गिरफ्तार किया गया था। तभी से दोनों जेल में हैं। शुक्रवार को स्पेशल कोर्ट ने दोनों की हिरासत को 18 अगस्त तक बढ़ा दी है। स्पेशल कोर्ट ने जमानत अर्जी खारिज करने के बाद हिरासत अवधि बढ़ाई है।

अर्पिता के फ्लैट्स से बरामद हुए भारी मात्रा में कैश

ईडी द्वारा गिरफ्तार की गई बर्खास्त मंत्री पार्थ चटर्जी की खास अर्पिता मुखर्जी के विभिन्न ठिकानों पर रेड में पचास करोड़ से अधिक कैश व कई किलो सोना के जेवरात बरामद हो चुके हैं। ईडी का मानना है कि बरामद धन का सीधा संबंध शिक्षक भर्ती घोटाले से है। हालांकि, अर्पिता मुखर्जी ने मिले पैसों से किसी प्रकार के संबंध होने से इनकार किया है। अर्पिता मुखर्जी और पार्थ चटर्जी, दोनों का कहना है कि साजिशन उन लोगों को फंसाया जा रहा है। 

पार्थ चटर्जी के कार्यकाल में हुआ है घोटाला

जब पार्थ चटर्जी 2016 में ममता बनर्जी की सरकार में शिक्षा मंत्री थे, तब शिक्षकों की भर्ती हुई थी। इस भर्ती में भारी धांधली का आरोप है। बताया जा रहा है कि अपात्रों का चयन घूस लेकर किया गया है। ईडी इस मामले की जांच कर रही है। बीते दिनों 22 जुलाई को ईडी ने एक दर्जन से अधिक ठिकानों पर कोलकाता में रेड किया था। इस रेड में काफी कैश मिला था। जांचकर्ताओं का कहना है कि कोलकाता में मुखर्जी के फ्लैट में मिली नकदी और अन्य कीमती सामान नियुक्तियों के लिए रिश्वत से जुड़े हैं। ईडी अब तक 50 करोड़ रुपये से अधिक, सोने की छड़ें, आभूषण और संपत्तियों, बैंक खातों और अन्य निवेशों से संबंधित कागजात जब्त कर चुकी है।

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