महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नवाब मलिक (Nawab Malik) ने गुरुवार को नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े (Sameer Wankhede) के मुस्लिम धर्म वाले बर्थ सर्टिफिकेट जारी किए तो जवाब में समीर वानखेड़े ने बॉम्बे हाईकोर्ट में सफाई दी। उन्होंने कहा है कि ये बचपन में मां ने स्कूल में उनका मुस्लिम धर्म लिखवा दिया था। बाद में पिता को पता चला तो उन्होंने इसमें सुधार करवाया। बता दें कि मलिक ने दोपहर में समीर का स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट जारी कर मुस्लिम होने का आरोप लगाया था। इस सर्टिफिकेट में मुस्लिम (Muslim) धर्म लिखा है।
मुंबई। आर्यन खान ड्रग्स केस (Aryan Khan Drugs Case) में महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नवाब मलिक (Nawab malik) ने गुरुवार को एक नया खुलासा किया। उन्होंने नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े (Sameer Wankhede) का स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट (school leaving certificate) जारी किया है। मलिक ने इस सर्टिफिकेट के जरिए वानखेड़े पर मुस्लिम (Muslim) होने का आरोप लगाया। मलिक ने दो सर्टिफिकेट को पेश किए हैं, जो सेंट जोसेफ हाईस्कूल और सेंट पॉल हाईस्कूल का लिविंग सर्टिफिकेट है। यह दोनों सर्टिफिकेट समीर वानखेडे के हैं, जिनमें उनका पूरा नाम समीर दाऊद वानखेडे़ लिखा है। इसके अलावा मलिक ने वानखेड़े पर जाली नोट नेटवर्क के भी आरोप लगाए हैं।
मलिक के नकली सर्टीफिकेट बनाकर नौकरी पाने के आरोप की वानखेड़े ने सफाई दी और कोर्ट में अपना बर्थ सर्टिफिकेट पेश किया है, जिसमें उनका नाम समीर ज्ञानदेव वानखेडे दर्ज है। वानखेडे के मुताबिक, उनकी माताजी मुस्लिम थीं, इसलिए शुरुआती दिनों में स्कूल में उन्होंने अपने बेटे का धर्म मुस्लिम लिखवाया था, लेकिन प्राइमरी के बाद उनके पिताजी ने तहसील ऑफिस से लेकर BMC तक इसका सुधार करवाया, जिसके डॉक्यूमेंट वानखेड़े ने कोर्ट को दिए हैं।
डॉक्यूमेंट में स्कूल का LC भी शामिल
डॉक्यूमेंट में वडाला के उस स्कूल का भी लीविंग सर्टिफिकेट शामिल है, जिसमें उन्हें मल्हार जाती यानि अनुसूचित जाति का बताया गया है और पिता का नाम ज्ञानदेव लिखा है। समीर के मुताबिक उस वक्त तो वो खुद नाबालिग थे, ऐसे में डॉक्यूमेंट्स में उनकी कोई भूमिका नहीं हो सकती थी।
नवाब ने आज ये आरोप लगाए थे
नवाब मलिक ने दोनों बर्थ सर्टिफिकेट को बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court) में जमा कराया है। उन्होंने दावा किया है कि वानखेड़े के ‘वरिष्ठ’ ने एक मुस्लिम से शादी करने के लिए इस्लाम धर्म अपना लिया था और समीर समेत उनके बच्चों को मुस्लिम के रूप में पाला गया था। मलिक ने ये भी कहा था सिविल सेवा परीक्षा में आरक्षण लाभ लेने के लिए समीर अपने पिता के महार समुदाय में वापस आ गया, जो कि एक अनुसूचित जाति है। इन आरोपों का समर्थन करने के लिए उन्होंने वानखेड़े का जन्म प्रमाण पत्र पेश किया, जिसमें उनके पिता का नाम दाऊद वानखेड़े और धर्म वाले कॉलम में मुस्लिम लिखा था। दूसरी तरफ समीर का एक और फर्जीवाड़ा सामने आया है, जिसमें पड़ोस में रहने वाले एक आईपीएस अधिकारी से उनकी कुछ साल पहले अनबन हुई और इसके बाद उसके बेटे को 27 A के तहत फंसा दिया गया था।
मलिक के खिलाफ समीर के पिता ने किया था केस
इस संबंध में समीर के पिता ज्ञानदेव वानखेड़े ने मलिक के खिलाफ मानहानि का केस दायर किया था, जिसमें मलिक के आरोपों के लिए 1.25 करोड़ रुपए हर्जाने की मांग की थी। वानखेड़े ने कोर्ट से मलिक को उनके या उनके परिवार के खिलाफ और 'मानहानिकारक आरोप' लगाने से रोकने के लिए कहा था।
नवाब मलिक ने लगाया था आरोप
मलिक का नया खुलासा : समीर वानखेड़े के स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट पर भी धर्म की जगह लिखा है 'मुस्लिम'