सरकार गठन को लेकर कवायद तेज, केंद्रीय मंत्री अठावले ने दी शिवसेना को सलाह

सरकार गठन को लेकर चल रही रस्साकशी के बीच रामदास अठावले ने कहा कि मुख्यमंत्री पद की अपनी मांग पर शिवसेना को ‘हठी’ नहीं होना चाहिए। अठावले ने यह भी कहा कि उन्हें उम्मीद है कि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी स्थिति का समाधान तलाश पाएंगे।

Asianet News Hindi | Published : Nov 5, 2019 3:04 PM IST

नई दिल्ली. महाराष्ट्र में भाजपा और शिवसेना के बीच सरकार गठन को लेकर चल रही रस्साकशी के बीच, राजग के सहयोगी घटक आरपीआई (ए) के नेता रामदास अठावले ने मंगलवार को कहा कि मुख्यमंत्री पद की अपनी मांग पर शिवसेना को ‘हठी’ नहीं होना चाहिए और इस पर भाजपा का वाजिब हक है। अठावले ने यह भी कहा कि उन्हें उम्मीद है कि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी स्थिति का समाधान तलाश पाएंगे, क्योंकि सभी पार्टी के लोग उनका सम्मान करते हैं।

गडकरी से करूंगा चर्चा 

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आरपीआई (ए) नेता और केंद्रीय मंत्री अठावले ने कहा, ‘‘ मैं गडकरी जी से मिलने जा रहा हूं और महाराष्ट्र की मौजूदा स्थिति पर चर्चा करूंगा। वह वरिष्ठ नेता हैं और सभी उनका सम्मान करते हैं। मुझे यकीन है कि वह इस संकट को हल करने के लिए निश्चित रूप कोई रास्ता तलाश लेंगे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ भाजपा सबसे बड़ी पार्टी है और भाजपा एवं अन्य के बीच सीटों का अच्छा-खासा फासला है। इसलिए मुख्यमंत्री पद पर भाजपा का वाजिब अधिकार है न कि शिवसेना का। शिवसेना को उपमुख्यमंत्री का पद दिया जा सकता है।’’

अहम मंत्रालय दिए जा सकते है 

अठावले ने दावा किया कि भाजपा कैबिनेट में बराबर की हिस्सेदारी पर राजी है और कुछ अहम मंत्रालय भी शिवसेना को दिए जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के लोगों ने भाजपा और शिवसेना को सरकार बनाने का जनादेश दिया है न कि कांग्रेस एवं राकांपा को। केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘ अगर शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाती है तो यह किसी भी राजनीतिक पार्टी के हित में नहीं होगा... यह लोगों द्वारा दिए गए जनादेश के खिलाफ होगा। ’’

सत्ता में बराबरी बनी वजह 

गौरतलब है कि महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों के लिए हुए चुनाव के नतीजे 24 अक्टूबर को घोषित किए गए थे। चुनाव में भाजपा को 105 सीटें मिली हैं, जबकि शिवसेना की 56 सीटें आई हैं। वहीं राकांपा के खाते में 54 सीटें आई, तो कांग्रेस को 44 सीटें प्राप्त हुई हैं। नतीजों के बाद से ही शिवसेना सत्ता में बराबरी की हिस्सेदारी के लिए दबाव बना रही है और मुख्यमंत्री पद पर दावा कर रही है।

(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)

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