मुख्यमंत्री बनते ही एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) ने अपने ट्विटर अकाउंट का डीपी बदल लिया है। उन्होंने बालासाहेब ठाकरे (Balasaheb Thackeray) के साथ ही एक तस्वीर को लगाया है। फोटो में वह बालासाहेब के कदमों में बैठे नजर आ रहे हैं।
मुंबई। महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बनते ही शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) ने अपने ट्विटर अकाउंट का डीपी बदल लिया है। उन्होंने शिवसेना के संस्थापक बालासाहेब ठाकरे (Balasaheb Thackeray) के साथ की तस्वीर को डीपी के रूप में लगाया है। इस फोटो में वह बालासाहेब के कदमों में बैठे नजर आ रहे हैं। उन्होंने अपना हाथ बालासाहेब के हाथ के पास रखा हुआ है।
दरअसल, एकनाथ शिंदे ने इस तस्वीर के जरिए शिवसेना पर अपना दावा पेश किया है। एकनाथ पहले भी कहते रहे हैं कि असली शिवसेना उनकी है। शिवसेना के 55 में से 39 विधायक उनके साथ हैं। एकनाथ ने यह भी कहा है कि वह असली शिवसैनिक हैं और अपने नेता बालासाहेब ठाकरे की विचारधारा को आगे बढ़ा रहे हैं।
बताइएगा कि बालासाहेब ठाकरे के बेटे को पद से उतारा
उद्धव ठाकरे ने बुधवार रात को सोशल मीडिया पर संबोधन के दौरान इस्तीफा की घोषणा की थी। इस दौरान उन्होंने शिवसेना के बागी विधायकों को लेकर बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि जिन लोगों को शिवसेना ने राजनैतिक जन्म दिया। उन लोगों ने बालासाहेब ठाकरे के बेटे को मुख्यमंत्री के पद से उतारने का पुण्य पाया है। आपको बड़ा करने का पुण्य मैंने किया है, उसका फल भोग रहा हूं। कल आप जाकर लोगों को बताइएगा कि बालासाहेब ठाकरे ने मुझे इतना बड़ा बनाया और मैंने उनके बेटे को सीएम के पद से उतारा।
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बालासाहेब ठाकरे के नाम को लेकर चल रही लड़ाई
बता दें शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट और एकनाथ शिंदे गुट के बीच बालासाहेब ठाकरे के नाम को लेकर लड़ाई चल रही है। एकनाथ शिंदे और उनके समर्थक विधायक खुद को बालासाहेब ठाकरे की विचारधारा पर चलने वाला बता रहे हैं। दूसरी ओर उद्धव ठाकरे गुट की ओर से कहा जा रहा है कि बागी विधायक बालासाहेब के नाम का इस्तेमाल नहीं करें। शिवसेना नेता संजय राउत ने तो यहां तक कह दिया था कि बागी विधायक अपने बाप के नाम पर वोट मांगे, हमारे बाप बालासाहेब ठाकरे के नाम पर नहीं।
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शिवसेना के 39 विधायकों ने किया था बगावत
बता दें कि शिवसेना के 55 में से 39 विधायकों ने एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में बगावत कर दिया था। बागी विधायक पहले सूरत फिर गुवाहाटी चले गए थे। एकनाथ शिंदे ने अपने साथ 50 विधायकों के समर्थन का दावा किया था। राज्यपाल ने उद्धव ठाकरे को 30 जुलाई शाम 5 बजे तक फ्लोर टेस्ट कराने का आदेश दिया था। शिवसेना इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट गई थी, लेकिन कोर्ट ने फ्लोर टेस्ट रोकने से इनकार कर दिया था। इसके बाद बुधवार रात को उद्धव ठाकरे ने इस्तीफा दे दिया था।