एकनाथ शिंदे स्वयं जाकर गोवा से लेकर आए बागी विधायकों को, सख्त सिक्योरिटी के बीच होटल पहुंचे MLAs

Maharashtra Political crisis महाराष्ट्र में नई सरकार बन चुकी है। एकनाथ शिंदे ने मुख्यमंत्री पद और देवेंद्र फडणवीस ने उप मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लिया है। बाकी मंत्रिमंडल का विस्तार होना अभी शेष है। रविवार को महाराष्ट्र विधानसभा में स्पीकर का चुनाव होगा और इसी के साथ नई सरकार का फ्लोर टेस्ट भी हो जाएगा।

Dheerendra Gopal | Published : Jul 2, 2022 6:57 PM IST / Updated: Jul 03 2022, 12:29 AM IST

मुंबई। महाराष्ट्र में सरकार बदलते ही शिवसेना के बागी व निर्दलीय विधायकों की वापसी शुरू हो गई है। शनिवार को नवनियुक्त मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने गोवा पहुंचकर विशेष विमान से उनको लेने गए। सभी विधायकों के साथ वह स्पेशल प्लेन से मुंबई पहुंचे। पुलिस ने कहा कि महाराष्ट्र शिवसेना के बागी विधायकों और निर्दलीय विधायकों को शनिवार रात एक विशेष विमान से गोवा से शहर लौटने के बाद भारी सुरक्षा के बीच दक्षिण मुंबई के एक होटल ताज प्रेसिडेंसी में ले जाया गया।

गोवा से उड़ान भरी विधायकों ने...

शिवसेना के 39 बागी विधायकों सहित शिंदे का समर्थन करने वाले 50 विधायकों ने चार्टर्ड फ्लाइट से मुंबई के लिए उड़ान भरी। एकनाथ शिंदे शनिवार की सुबह गोवा के लिए रवाना हुए थे, उनके साथ वापस आ गए। गोवा के डाबोलिम हवाईअड्डे से उड़ान भरने के करीब 50 मिनट बाद उनकी उड़ान रात करीब आठ बजे मुंबई हवाईअड्डे पर उतरी।

भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच विधायक पहुंचे होटल

अधिकारियों ने बताया कि मुंबई पुलिस की सुरक्षा में विधायकों को ले जाने वाली बसों की सुचारू आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए हवाईअड्डे और दक्षिण मुंबई में होटल ताज प्रेसिडेंसी के बीच मार्ग पर पुलिसकर्मियों की एक टुकड़ी तैनात की गई थी। बसों के एयरपोर्ट से निकलने के बाद कुछ देर के लिए यातायात ठप कर दिया गया था। 

नई सरकार का रविवार को फ्लोर टेस्ट 

राज्य विधानसभा का दो दिवसीय विशेष सत्र रविवार से शुरू होगा जिसमें विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए चुनाव के साथ ही नई सरकार का फ्लोर टेस्ट भी होगा।

विधानसभा अध्यक्ष चुनाव के लिए व्हिप जारी

महाराष्ट्र में विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव रविवार को होना है। शिवसेना ने राजन साल्वी को स्पीकर का प्रत्याशी घोषित किया है। शिवसेना व्हिप चीफ सुनील प्रभु ने पार्टी विधायकों को 3 व 4 जुलाई को विधानसभा में उपस्थित रहने को कहा है। शिवसेना ने व्हिप जारी कर दिया है। कांग्रेस और एनसीपी ने भी अपने अपने विधायकों को सदन में मौजूद रहने को कहा है। विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव के साथ नई सरकार का फ्लोर टेस्ट भी होगा। 

क्या है पूरा मामला?

दरअसल, बीते दिनों 21 जून को शिवसेना के सीनियर लीडर एकनाथ शिंदे ने बगावत कर दी। वह कई दर्जन विधायकों के साथ पहले सूरत पहुंचे। सियासी पारा चढ़ने के बाद शिंदे अपने विधायकों के साथ असम पहुंचे। यहां वह एक फाइव स्टार होटल में 40 से अधिक विधायकों के साथ डेरा डाले हुए हैं। शिंदे के पास शिवसेना के 40 बागियों व दस अन्य का समर्थन होने का दावा किया जा रहा है। शिंदे ने 24 जून की रात में वडोदरा में अमित शाह व देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात की है। बताया जा रहा है कि महाराष्ट्र में सरकार बनाने की संभावनाओं पर वह और बीजेपी के नेताओं ने बातचीत की है। हालांकि, चुपके से देर रात में हुई मुलाकात के बाद शिंदे, स्पेशल प्लेन से वापस गुवाहाटी पहुंच गए।

उधर, शिंदे को पहले तो शिवसेना के नेताओं ने मनाने की कोशिश की लेकिन अब फ्लोर टेस्ट और कानूनी दांवपेंच चला जाने लगा है। दरअसल, शिंदे की बगावत के बाद उद्धव ठाकरे ने सारे बागियों को वापस आने और मिलकर फैसला करने का प्रस्ताव दिया। उद्धव ठाकरे की ओर से प्रवक्ता संजय राउत ने यह भी कहा कि अगर एनसीपी व कांग्रेस से बागी गुट चाहता है कि गठबंधन तोड़ा जाए तो विधायक आएं और उनके कहे अनुसार किया जाएगा। लेकिन सारे प्रस्तावों को दरकिनार कर जब बागी गुट बीजेपी के साथ सरकार बनाने का मंथन शुरू किया तो उद्धव गुट सख्त हो गया।

बुधवार को उद्धव गुट को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा। कोर्ट ने फ्लोर टेस्ट रोकने से मना कर दिया। इसके बाद मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने इस्तीफा दे दिया। हालांकि, माना जा रहा था कि बीजेपी के देवेंद्र फडणवीस सीएम पद की शपथ लेंगे। लेकिन गुरुवार को फडणवीस ने शीर्ष नेतृत्व के कहने पर एकनाथ शिंदे के सीएम पद की कुर्सी सौंपने का ऐलान कर दिया। 

इसके पहले राज्यपाल ने मुख्यमंत्री पद से उद्धव ठाकरे का इस्तीफा मंजूर कर लिया। लिहाजा विधानसभा के विशेष सत्र को स्थगित कर दिया गया है। अब फ्लोर टेस्ट नहीं होगा। बता दें कि 11 बजे से विधानसभा में फ्लोर टेस्ट होना था। इससे पहले बुधवार को सुप्रीम कोर्ट द्वारा फ्लोर टेस्ट कराने को हरी झंडी मिलने के बाद उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। वे खुद गाड़ी चलाकर राजभवन पहुंचे और महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी (Bhagat Singh Koshyari) को अपना इस्तीफ सौंप दिया।

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