महाराष्ट्र (Maharashtra Political Crisis) में सत्ता की लड़ाई के संग-संग शिवसेना (Shiv Sena) पर कब्जे और वर्चस्व को लेकर भी महासंग्राम शुरू हो चुका है। शिवसेना पर कब्जे के लिए साम-दाम-दंड-भेद के तीर खुलकर छोड़े जा रहे हैं।
मुंबई। शिवसेना ने बागियों का मनोबल तोड़ने के लिए कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। एक दर्जन से अधिक बागियों के खिलाफ अयोग्यता नोटिस देकर सदस्यता रद्द करने की मांग के बाद अब बागी खेमे के मंत्रियों को हटाने का अल्टीमेटम जारी किया गया है। शिवसेना सांसद संजय राउत ने शनिवार को कहा कि एकनाथ शिंदे खेमे में महाराष्ट्र के बागी मंत्री 24 घंटे के भीतर पद से हटा दिए जाएंगे।
इससे पहले दिन में, पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने शिवसेना अध्यक्ष और राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को एक वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री शिंदे के नेतृत्व वाले बागी विधायकों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए अधिकृत किया। उधर, देर शाम को शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने कहा कि मंत्रियों को हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। 24 घंटे के भीतर हटाया जाएगा।
बागी खेमे में राज्य सरकार के कई मंत्री भी...
शिवसेना के कभी वफादार रहे गुलाब पाटिल, दादा भूसे, संदीपन भुमरे महाराष्ट्र सरकार में कैबिनेट मंत्री कर जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। महाअघाड़ी सरकार के अन्य बागी मंत्रियों में शंभूराज देसाई, अब्दुल सत्तार व बच्चू कडू शामिल हैं। कडू प्रहार जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष हैं। ये सभी मंत्री अब उद्धव सरकार का हिस्सा नहीं रहने जा रहे हैं। इन पर बागियों का साथ देने की सजा भुगतना होगा और मंत्री पद गंवानी पड़ सकती है।
उद्धव ठाकरे ने की भावुक अपील...
शुक्रवार को शिवसैनिकों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने भावुक अपील की है। उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि मान लीजिए कि हमारे साथ कोई नहीं है। आईए अब हमसब मिलकर नई शिवसेना को बनाएं। ठाकरे ने यह भी कहा कि जिनको लगता है कि उनका भविष्य बागी नेताओं के साथ बेहतर हो सकता है वह जान सकता है। पढ़िए पूरी स्टोरी
शिवसेना का असली वारिस कौन?
शिवसेना पर कब्जे के लिए साम-दाम-दंड-भेद के तीर खुलकर छोड़े जा रहे हैं। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और शिवसेना के बागी विधायक नेता एकनाथ शिंदे की लीगल टीमें, पार्टी पर दावा को मजबूत करने के लिए मंथन कर रहीं। हालांकि, पार्टी का असली दावेदार कौन होगा यह...पढ़िए पूरी स्टोरी
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