कोर्ट से बाहर आकर नितेश राणे अपनी गाड़ी में बैठे लेकिन पुलिस ने उनकी गाड़ी रोक ली। जिसको लेकर उनके भाई निलेश राणे भड़क गए और उन्होंने पुलिस से पूछा कि आखिर किस अधिकार के तहत उनकी गाड़ी रोकी गई है।
मुंबई : महाराष्ट्र (Maharashtra) में शिवसैनिक संतोष परब पर जानलेवा हमले के मामले में केंद्रीय मंत्री नारायण राणे (Narayan Rane) के बेटे और बीजेपी विधायक नितेश राणे (Nitesh Rane) को कोर्ट से एक बड़ा झटका लगा है। सिंधुदुर्ग कोर्ट ने चौथी बार भी उनकी जमानत अर्जी खारिज कर दी है। कोर्ट से निराशा मिलने के बाद राणे जैसे ही बाहर पहुंचे वहां जमकर हंगामा हो गया। राणे समर्थक और पुलिस के बीच जमकर बहसबाजी हुई। जानकारी मिल रही है कि कोर्ट से बाहर आकर नितेश राणे अपनी गाड़ी में बैठे लेकिन पुलिस ने उनकी गाड़ी रोक ली। जिसको लेकर उनके भाई निलेश राणे भड़क गए और उन्होंने पुलिस से पूछा कि आखिर किस अधिकार के तहत उनकी गाड़ी रोकी गई है।
क्यों हुआ बवाल
दरअसल नितेश राणे को सुप्रीम कोर्ट से 10 दिनों तक गिरफ्तारी से छूट मिली है। लेकिन तैनात पुलिस अधिकारियों के बीच इस बात को लेकर कंफ्यूजन था कि बेल रिजेक्ट होने के बाद उन्हें गिरफ्तार किया जाना है या नहीं? इसलिए पुलिसकर्मी अपने वरिष्ठ अधिकारियों से फोन पर बात कर के निर्देश ले रहे थे। जब इसमें वक्त लगने लगा तो नितेश राणे के भाई निलेश राणे भड़क गए और पुलिस अधिकारियों से पूछने लगे कि वे किस अधिकार से नितेश राणे की गाड़ी रोक रहे हैं? उन्होंने पुलिस अधिकारी को यह भी नसीहत दी कि वे जाएं और कानून सीख कर आएं।
वकील ने क्या कहा
वहीं, नितेश राणे के वकील सतीश मानेशिंदे का कहना है कि पुलिस की दादागीरी चल रही है। पुलिस कोर्ट के आदेश की अवमानना कर रही है। सिंधुदुर्ग सेशंस कोर्ट ने भले ही बेल की अर्जी ठुकराई है लेकिन सर्वोच्च न्यायालय द्वारा गिरफ्तारी से दी गई छूट देने से मना भी नहीं किया है। सिंधुदुर्ग कोर्ट ने साफ कहा है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए 10 दिनों तक गिरफ्तारी से संरक्षण के आदेश का पालन किया जाए यानी इस बीच उनकी गिरफ्तारी नहीं हो सकती। फिर पुलिस ने किस अधिकार से नितेश राणे की गाड़ी रोकी। पुलिस किसी भी हालत में नितेश राणे को गिरफ्तार करने के लिए बेचैन है।
चौथी बार निराशा
नितेश राणे की जमानत कोर्ट ने चौथी बार ठुकराई है। अब वे एक बार फिर हाईकोर्ट जाने की तैयारी कर रहे हैं। इसकी जानकारी उनके वकील ने दी है। नितेश राणे की जमानत पहली बार सेशंस कोर्ट ने ठुकराई थी। इसके बाद वे हाईकोर्ट गए, जहां उन्हें निराशा मिली। इसके बाद वे सुप्रीम कोर्ट गए, वहां भी उनकी बेल रिजेक्ट कर दी गई। मंगलवार को एक बार फिर सिंधुदुर्ग कोर्ट से उन्हें निराश होकर जाना पड़ा।
क्या है मामला
यह मामला शिवसेना कार्यकर्ता संतोष परब पर हुए कथित हमले से संबंधित है। परब पर यह हमला दिसंबर 2021 में सिंधुदुर्ग जिला सहकारी बैंक के चुनाव के लिए प्रचार करने के दौरान हुआ था। इस हमले का आरोप नितेश राणे पर लगाया गया था। बीते दिनों शिवसेना के एक सांसद ने आरोप लगाया था कि नितेश राणे ने 23 दिसंबर 2021 को मुंबई में विधानसभा के बाहर महाराष्ट्र सरकार में मंत्री और उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे की ओर देखते हुए 'म्याऊं म्याऊं' की आवाज निकाली थी।
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