सार
नितेश राणे सिंधुदुर्ग जिले की कंकावली सीट से विधायक हैं और केंद्रीय मंत्री नारायण राणे के बेटे हैं। नितेश ने संतोष परब (44) नामक एक व्यक्ति पर कथित हमले के मामले में अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी। जिसे सिंधु दुर्ग जिला अदालन ने गुरुवार को खारिज कर दी थी।
मुंबई : हत्या के कथित प्रयास के एक मामले में सिंधुदुर्ग जिला अदालत से जमानत नहीं मिलने के बाद भारतीय जनता पार्टी (BJP) के विधायक नितेश राणे (Nitesh Rane) ने बॉम्बे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। सिंधु दुर्ग जिला अदालन ने गुरुवार को उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी। नितेश राणे सिंधुदुर्ग जिले की कंकावली सीट से विधायक हैं और केंद्रीय मंत्री नारायण राणे के बेटे हैं। नितेश ने संतोष परब (44) नामक एक व्यक्ति पर कथित हमले के मामले में अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी।
क्या है याचिका
नितेश राणे ने अपनी याचिका में दावा किया कि उन्हें इस मामले में झूठा फंसाया गया है और राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के कारण उन्हें निशाना बनाया जा रहा है। गुरुवार को विशेष लोक अभियोजक प्रदीप घरात ने अदालत के समक्ष तर्क दिया कि पुलिस ने यह दिखाने के लिए पर्याप्त सबूत एकत्र किए हैं कि हमले के पीछे नितेश राणे थे।
गुमशुदा के लगे पोस्टर
बता दें कि बीजेपी विधायक नितेश राणे के अग्रिम जमानत याचिका खारिज होने के बाद शिवसेना कोंकण इलाके में जमकर पटाखे फोड़े। वहीं दूसरी तरफ मुंबई में नितेश राणे को लेकर उनके विरोधियों ने पोस्टर्स भी लगवाए गए। इन पोस्टर्स में लिखा गया था कि नितेश राणे खो गए हैं। इन्हें ढूंढ कर लाने वालों को इनाम में मुर्गी दी जाएगी। यह पोस्टर किसने लगाए हैं इस बारे में अभी तक कोई आधिकारिक जानकारी नहीं मिल पाई है।
क्या है आरोप
दरअसल, यह पूरा मामला सिंधुदुर्ग जिला बैंक चुनाव से जुड़ा हुआ है। सिंधुदुर्ग जिला बैंक की 19 सीटों पर कुछ दिनों बाद चुनाव होने हैं, जिसमें सतीश सावंत, नारायण राणे के करीबी रह चुके और इन दिनों शिवसेना में नितेश राणे के खिलाफ ताल ठोक रहे हैं। उन्हीं का प्रचार का काम संतोष परब देख रहे थे। उन पर 18 दिसंबर 2021 को हमला हो गया था। हमले के पीछे नितेश का हाथ होने की बात कही जा रही है। पुलिस ने इस मामले में सचिन सातपुते नाम के एक आरोपी को दिल्ली से गिरफ्तार किया है। सातपुते नितेश के स्वाभिमान संगठन का कार्यकर्ता है।
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