मुंबई पुलिस ने बेंगलुरु से उसे हिरासत में लिया है। आरोपी इंजीनियरिंग का छात्र है। वह बुलीबाई के पांच फॉलोअर्स में से एक है। पुलिस ने उसके खिलाफ IT एक्ट और IPC की विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया है।
मुंबई : Bulli Bai App मामले में गिरफ्तार आरोपी विशाल कुमार को बांद्रा कोर्ट ने 10 जनवरी तक पुलिस हिरासत में भेज दिया है। इसके साथ ही आरोपी विशाल कुमार के बेंगलुरू स्थित आवास में तलाशी की भी अनुमति दे दी गई है। बता दें कि विशाल कुमार Bulli Bai app कांड का दूसरा आरोपी है। वो 21 साल का एक इंजीनियरिंग छात्र है। विशाल इस साजिश की मुख्य आरोपी महिला का दोस्त है। उत्तराखंड की रहने वाली मुख्य आरोपी महिला और विशाल कुमार दोनों एक-दूसरे को पहले से जानते हैं। पुलिस ने विशाल के खिलाफ IT एक्ट और IPC की विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया है। मुंबई पुलिस साजिशकर्ता महिला को ट्रांजिट रिमांड पर लेने के लिए उत्तराखंड की अदालत में पेश करेगी। मुंबई की एक महिला पत्रकार की शिकायत पर इस मामले में FIR दर्ज की गई थी।
दिल्ली पुलिस ने मांगी जानकारी
वहीं, दिल्ली पुलिस ने भी इस विवाद को लेकर गिटहब प्लेटफॉर्म से यह मोबाइल ऐप डेवलप करने वाली की जानकारी मांगी है। साथ ही ट्विटर को अपने प्लेटफार्म से इससे जुड़ा आपत्तिजनक कंटेट हटाने को कहा है। इस मामले में दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग ने भी संज्ञान लिया है। आयोग ने बुली बाई डील मामले में दिल्ली पुलिस कमिश्नर को नोटिस भेजकर जवाब मांगा है। कमिश्नर से पूछा गया है कि अभी तक इस मामले में क्या कार्रवाई हुई है।
क्या है Bulli Bai App
'Bulli Bai' एक ऐसा एप्लिकेशन है जो Github एपीआई पर होस्ट किया गया था। यह 'Sulli Deal' ऐप के समान काम करता था। ऐप मुस्लिम महिलाओं को सोशल मीडिया पर लोगों के लिए 'सौदे' के रूप में पेश किया गया। बुल्ली बाई के ट्विटर हैंडल को निलंबित कर दिया गया है। इसके बायो में लिखा था, 'बुली बाई खालसा सिख फोर्स (KSF) द्वारा एक समुदाय द्वारा संचालित ओपन-सोर्स ऐप है।
क्या है Github
बता दें कि बुल्ली बाई’ एप को गिटहब पर बनाया गया है। हालांकि यह एक होस्टिंग प्लेटफॉर्म है। जहां पर ओपन सोर्स कोड का भंडार रहता है। लेकिन गिटहब और इस पर बनाए जा रहे ऐसे एप लेकर लोगों में काफी आक्रोश है।
क्या है विवाद
हाल की घटना में, सैकड़ों मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरों का दुरुपयोग किया गया और 1 जनवरी को 'बुली बाई' के नाम से गिटहब का उपयोग करके ऐप पर एक अज्ञात समूह द्वारा अपलोड किया गया। पता चला, बुल्ली बाई ऐप के पीछे के लोग खालिस्तानी आंदोलन के स्वघोषित समर्थक हैं, और गिरफ्तार खालिस्तानी आतंकवादियों की रिहाई की मांग करते हैं। ऐप को URL Bullibai.github.io पर होस्ट किया गया था। हालांकि लोगों द्वारा सोशल मीडिया पर ऐप को शेयर करने के बाद अब इसे हटा दिया गया है। ऐप से जुड़े एक ट्विटर अकाउंट को भी सस्पेंड कर दिया गया है। इस मामले में मुंबई और दिल्ली पुलिस ने केस दर्ज किया है।
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