नासिक के हॉस्पिटल की अनोखी पहल, सिर्फ एक प्रयोग से घटी नवजातों की मौत की संख्या

नवजातों की जान बचाने और उन्हें स्वस्थ रखने के लिए नासिक के सिविल हॉस्पिटल ने एक अनोखी पहल की है। हॉस्पिटल के स्‍पेशल न्‍यूबॉर्न केयर यूनिट (एसएनसीयू) में अस्‍पताल प्रशासन नवजातों के लिए हफ्ते में सातों दिन अलग-अलग रंग की बेडशीट इस्‍तेमाल कर रहा है।

Asianet News Hindi | Published : Aug 21, 2019 8:07 AM IST / Updated: Aug 21 2019, 01:40 PM IST

नासिक. नवजातों की जान बचाने और उन्हें स्वस्थ रखने के लिए नासिक के एक सिविल हॉस्पिटल ने एक अनोखी पहल की है। हॉस्पिटल के स्‍पेशल न्‍यूबॉर्न केयर यूनिट (एसएनसीयू) में अस्‍पताल प्रशासन नवजातों के लिए हफ्ते में सातों दिन अलग-अलग रंग की बेडशीट इस्‍तेमाल कर रहा है। अस्पताल प्रशासन का दावा है कि इस नई पहल से नवजातों को प्रतिदिन साफ और संक्रमण मुक्त चादरें मिलती हैं। इसके अलावा हर क्युबिकल में मॉप्स और बकेट लगाए गए। इसकी वजह से शिशु मृत्यु दर में 8% की कमी आई है।

पहले से तह होता है अलग रंग
अस्पताल के स्टाफ के अनुसार इस पहल के तहत एसएनसीयू में हर नवजात के लिए अलग-अलग बकट भी है, जिसमें उन्‍हें रखा जाता है। सोमवार को गहरे हरे रंग की बेडशीट का उपयोग किया जाता है तो वहीं मंगलवार को गहरे नीले रंग की बेडशीट का इस्तेमाल होता है। बुधवार को गुलाबी, गुरुवार को मरून, शुक्रवार को केसरिया रंग, शनिवार को हल्‍का हरे रंग और रविवार को हल्‍के नीले रंग की बेडशीट इस्‍तेमाल की जा रही है। नवजातों के लिए अस्‍पताल प्रशासन दिन में कोई भी बिछी हुई दूसरी बेडशीट इस्‍तेमाल नहीं करता।

महाराष्ट्र में घटी है बच्चों की मृत्यु दर
सेंपल रजिस्ट्रेशन सर्वे के मुकाबिक 2017 में महाराष्ट्र में शिशु मृत्यु दर पिछले 10 सालों में कमी आई है। 2008 में यह मृत्यु दर प्रति एक हजार बच्चे में से 24 थी, जो 2017 में 13 पर आ गई। करीब एक हजार में बच्चों में अब 13 बच्चों की मौत हो रही है। यह आंकड़ा केरल और तमिलनाडु के करीब पहुंच गया है।

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