दादी जब अस्पताल में गईं तो वहां भर्ती अन्य मरीज उनके हौसले को देखकर हैरान थे। इतनी उम्र होने के बावजूद भी उनके चेहरे पर जरा सी भी कोई चिंता नहीं थी। वहीं डॉक्टरों को भी हैरानी थी कि दादी की इम्यूनिटी पॉवर आखिर इतनी मजबूत कैसे है।
पुणे (महाराष्ट्र). कोरोना का खौफ लोगों में इस कदर है कि अगर कोई संक्रमित हो जाए तो वह डर जाता है और अपनी हिम्मत खो देता है। खासकर कोई बुजुर्ग हो तो लोग कहने लगते हैं कि पता नहीं वह सही होगा या नहीं। लेकिन पुणे से एक ऐसा हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जहां एक 105 साल की दादी कोरोना को मात देकर घर लौटी हैं। उनके जज्बे को देखकर डॉक्टर तक शॉक्ड हैं।
105 साल की दादी ने कर दिया कमाल
दरअसल, कुछ दिन पहले पुणे की 105 साल की बुजुर्ग महिला शांताबाई गणपत हुलावले कोरोना से संक्रमित हो गईं थीं। परिजनों ने उनको एक निजी हॉस्पिटल में एडमिट करा दिया। दादी के आस पड़ोस के रहने वाले लोगों को लगता था कि वह अब शायद ही जिंदा बच सकें।
दादी की इम्यूनिटी पॉवर देख डॉक्टर भी हैरान
दादी जब अस्पताल में गईं तो वहां भर्ती अन्य मरीज उनके हौसले को देखकर हैरान थे। इतनी उम्र होने के बावजूद भी उनके चेहरे पर जरा सी भी कोई चिंता नहीं थी। वहीं डॉक्टरों को भी हैरानी थी कि दादी की इम्यूनिटी पॉवर आखिर इतनी मजबूत कैसे है।
हॉस्पिटल से पोते से करती थीं चैट
दादी अस्पताल से अपने पोते हुलावले के साथ चैट करती थीं। कभी-कभी वीडियो कॉल करके उल्टा अपने परिजनों की हिम्मत बंधाती थीं। साथ घर मे हो रहे दिनभर के काम काज की जानकारी लेती। 15 दिनों के इलाज के बाद दादी ने कोरोना को अपने घर पहुंच गईं।