Maharashtra Crisis: महाराष्ट्र में कमल खिलने का रास्ता साफ, 1 जुलाई को शपथ ग्रहण कर सकते हैं देवेंद्र फडणवीस

Published : Jun 29, 2022, 11:26 PM ISTUpdated : Jun 30, 2022, 12:03 AM IST
Maharashtra Crisis: महाराष्ट्र में कमल खिलने का रास्ता साफ, 1 जुलाई को शपथ ग्रहण कर सकते हैं देवेंद्र फडणवीस

सार

मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray)  के इस्तीफे के साथ ही महाराष्ट्र में बीजेपी की सरकार बनने का रास्ता साफ हो गया है। पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) 1 जुलाई को मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण कर सकते हैं।

मुंबई। महाराष्ट्र में चल रहे राजनीतिक संकट (Maharashtra Political Crisis) का अंत होता दिख रहा है। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने फ्लोर टेस्ट पर सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिलने पर इस्तीफा दे दिया है। उद्धव ठाकरे के इस्तीफा देने के साथ ही बीजेपी महाराष्ट्र में सरकार बनाने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रही है। सबसे बड़ी पार्टी होने के चलते राज्यपाल भाजपा को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित कर सकते हैं। सूत्रों के अनुसार भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) 1 जुलाई को मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण कर सकते हैं। 

देवेंद्र फडणवीस को भाजपा नेताओं ने मिठाई खिलाई है। उन्होंने शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे से फोन पर बात की है। उद्धव ठाकरे के इस्तीफा देने से भाजपा में खुशी की लहर है। मुंबई के होटल ताज में देवेंद्र फडणवीस अपनी पार्टी के विधायकों के साथ फ्लोर टेस्ट को लेकर बैठक कर रहे थे। इसी बीच सीएम के इस्तीफा की खबर आई। खबर सुनकर भाजपा विधायकों ने 'वंदे मातरम' के नारे लगाए।

बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव और गोवा, महाराष्ट्र व तमिलनाडु के प्रभारी सीटी रवि गुरुवार दोपहर 2 बजे मुंबई पहुंचेंगे। पार्टी आलाकमान ने उन्हें मुंबई जाने के लिए कहा है। शिंदे गुट और भाजपा के बीच सरकार बनाने को लेकर बात हो रही है। सूत्रों के अनुसार एकनाथ शिंदे को डिप्टी सीएम के पद का ऑफर मिला है। इसके साथ ही उनके साथियों  गुलाबराव पाटिल, संभुराज देशाई, संजय शिरसाट, दीपक केसरकर और उदय सामंत को नई सरकार में मंत्री पद मिल सकता है। 

31 महीने एक दिन सीएम रहे उद्धव
उद्धव ठाकरे ने 28 नवंबर 2019 मुख्यमंत्री के पद की शपथ ली थी। उन्होंने 29 जून 2022 को इस्तीफा दिया। इस तरह वह 31 महीने एक दिन सीएम रहे। उद्धव ठाकरे के इस्तीफा के बाद शिवसेना नेता संजय राउत ने ट्वीट किया कि एक संवेदनशील और संस्कारी मुख्यमंत्री को पद छोड़ना पड़ा। इतिहास बताता है कि धोखाधड़ी का अंत अच्छा नहीं होता। ठाकरे जीते, जनता भी जीती। यह शिवसेना की शानदार जीत की शुरुआत है।

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बहुमत के लिए चाहिए 144
बता दें कि शिवसेना में बगावत 21 जून को सामने आई थी। एकनाथ शिंदे अपने समर्थक विधायकों के साथ गुजरात के सूरत चले गए थे। इसके बाद बागी विधायक गुवाहाटी गए। शिवसेना के 55 में से 39 विधायक एकनाथ शिंदे के साथ हैं। शिंदे का दावा है कि उनके पास 50 विधायकों का समर्थन है। भाजपा महाराष्ट्र में सबसे बड़ी पार्टी है। उसके विधायकों की संख्या 106 है। महाराष्ट्र विधानसभा के सदस्यों की संख्या 288 है। एक विधायक के निधन के चलते सदन की मौजूदा क्षमता 287 है। बहुमत का आंकड़ा 144 है। शिवसेना के 55, एनसीपी के 53 और कांग्रेस के 44 विधायक हैं। निर्दलीय विधायकों की संख्या 13 है।

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