शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) ने कहा है कि शिवसेना का अस्वाभाविक मोर्चे से बाहर निकलना जरूरी है। गठबंधन से घटक दल मजबूत हो रहे हैं और शिवसैनिकों को नुकसान हो रहा है। महाराष्ट्र के हित में अब निर्णय लेने की जरूरत है।
मुंबई। महाराष्ट्र में सियासी संकट (Maharashtra Political Crisis) जारी है। इस बीच शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) ने ट्वीट कर कहा है कि महाराष्ट्र के हित में फैसला लेना जरूरी हो गया है। गठबंधन से शिवसैनिकों को भारी नुकसान हुआ है। उन्होंने दो ट्वीट कर चार प्वाइंट में अपनी बात रखी।
शिंदे ने कहा कि पिछले ढाई साल में एम.वी.ए. सरकार ने केवल घटक दलों को फायदा पहुंचाया। शिवसैनिकों को भारी नुकसान हुआ। घटक दल मजबूत हो रहे हैं। शिवसेना का व्यवस्थित रूप से गबन किया जा रहा है। पार्टी और शिवसैनिकों के अस्तित्व के लिए अस्वाभाविक मोर्चे से बाहर निकलना जरूरी है। महाराष्ट्र के हित में अब निर्णय लेने की जरूरत है।
दूसरी ओर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे ने फेसबुक पर लाइव आकर कहा है कि अगर विधायक मेरे सामने आकर कहते हैं कि मुझे सीएम पद पर नहीं रहना चाहिए तो मैं पद छोड़ दूंगा। अगर किसी विधायक को लगता है कि मुझे पार्टी प्रमुख के पद पर भी नहीं रहना चाहिए तो मैं यह पद भी छोड़ दूंगा। जिसे कोई परेशानी है वह मेरे सामने आकर अपनी बात रखे। अगर सामने आने में दिक्कत है तो फोन पर बात करे।
शिंदे ने शिवसेना पर ठोका दावा
दूसरी ओर शिंदे ने शिवसेना पार्टी पर अपने गुट का दावा ठोक दिया है। शिवसेना ने व्हिप जारी कर पार्टी के विधायकों की बैठक बुलाई थी और कहा था कि जो विधायक बैठक में शामिल नहीं होगा उनके खिलाफ कार्रवाई हो सकती है। दूसरी ओर शिंदे ने पार्टी के चीफ व्हिप सुनील प्रभु को हटाने का ऐलान कर दिया। उन्होंने राज्यपाल को 34 विधायकों के समर्थन का पत्र भेजा और खुद को विधायक दल का नेता बताया है।
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भाजपा नेता ने कहा- नहीं हुई एकनाथ शिंदे से बात
मुंबई में भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने पार्टी के नेताओं के साथ बैठक की है। इसके बाद भाजपा नेता रावसाहेब पाटिल दानवे ने कहा कि शिवसेना का कोई विधायक हमारे संपर्क में नहीं है। हमने एकनाथ शिंदे से बात नहीं की है। यह शिवसेना का अंदरूनी मामला है। बीजेपी का इससे कोई लेना-देना नहीं है। हम सरकार बनाने का दावा नहीं कर रहे हैं।
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