
मुंबई, पिछले एक सप्ताह से महाराष्ट्र की सियासत में चल रहे भूचाल के बीच बड़ी खबर सामने आ रही है। सूत्रों के अनुसार बीजेपी और शिंदे गुट में समझौता हो गया है। दोनों ही मिलकर राज्य में नई सरकार बने जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि एकनाथ शिंदे और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के बीच सरकार के साथ-साथ मंत्री बनाए जाने को लेकर भी फॉर्मूला फाइनल कर लिया है। इतना ही नहीं दिल्ली में बैठे बीजेपी के बड़े नेताओं से मिलने के लिए फडणवीस चार्टर्ड प्लेन से निकल चुके हैं।
महाराष्ट्र में इस दिन सरकार बना सकती है बीजेपी और शिंदे'सेना'
मीडिया के हवाले से जो खबरें आ रही हैं उसके मुताबिक, एकनाथ शिंदे गुट और भाजपा के बीच बीच सरकार बनाने का फॉर्मूला तय हो गया है। इसी बीच चर्चा है कि देवेंद्र फडणवीस सेंट्रल के नेताओं से मंथन करने के लिए दिल्ली के लिए निकल चुके हैं। वहीं यह भी कहा जा रहा है कि आज ही एकनाथ शिंदे भी दिल्ली पहुंच सकते हैं। खबरें आ रही हैं कि दोनों मिलकर आने वाले शनिवार या रविवार तक महाराष्ट्र में नई सरकार बना सकते हैं।
बीजेपी और शिंदे गुट में हुई ये डील, ये रही मंत्रियों की लिस्ट
सूत्रों के मुताबिक, शिंदे और बीजेपी के बीच सरकार बनाने का फॉर्मूला भी तय हुआ है। उसके अनुसार देवेंद्र फडणवीस राज्य के मुख्यमंत्री बनेंगे, वहीं बागी नेता एकनाथ शिंदे को राज्य का डिप्टी सीएम बनाया जाएगा। वहीं बीजेपी ने शिंदे गुट को 8 कैबिनेट और 5 राज्य मंत्रियों का बनाए जाने को डील हुई है। जिसके तहत बताया जा रहा है कि गुलाबराव पाटील, दादा भुसे, दीपक केसरकर और उदय सामंत को कैबिनेट मंत्री बनाया जा सकता है।
हम शिवसेना को आगे ले जाने का काम कर रहे: शिंदे
इसी सबके बीच आज बागी नेता और राज्य की सरकार को संकट में लाने वाले एकनाथ शिंदे ने होटल से बाहर आकर पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि, हम अब भी शिवसेना में हैं और हम शिवसेना को ही आगे ले जाने का काम कर रहे हैं।
अगली सुनवाई 11 जुलाई को, तब तक होटल में रहेंगे बागी विधायक
वहीं सोमवार को शिवसेना के बागी विधायकों को अयोग्य ठहराने वाले डिप्टी स्पीकर नरहरि जरवाल के नोटिस पर जवाब देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 11 जुलाई शाम 5:30 बजे तक रोक लगा दिया है, अगली सुनवाई 11 जुलाई को होगी। तब तक यथास्थिति बरकरार रहेगी। यानि बागी नेता एकनाथ शिंदे के गुट के सभी विधायक 12 जुलाई तक गुवाहाटी में ही रखने की तैयारी है। साथ ही अदालत ने फैसले में कहा राज्य सरकार को विधायकों और उनकी फैमिली को सुरक्षा देने के निर्देश दिए।
सूरत से शुरू हुआ अखाड़ा..दिल्ली तक जा पहुंचा
बात एक सप्ताह पहले 21 जून की है, जब शिवसेना के सीनयर नेता ने अपनी ही पार्टी से बगावत करते हुए करीब 30 विधायकों को लेकर सूरत के एक होटल में पहुंचे थे। इसके एक दिन बाद 22 जून को वह सभी विधायकों को लेकर सूरत से गुवाहाटी पहुंचे। फिर अगले दिन शिंदे ने गुवाहाटी से अपना साथ देने वाले करीब 33 विधायकों की सूची जारी की थी। इसके बाद महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ एमवीए सरकार में हड़कंप मच गया। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को मीडिया के सामने आना पड़ा और अपने बागी विधायकों को वापस लौट जाने की अपील की। साथ ही कहा कि वह जिसे चाहे प्रदेश का मुख्यमंत्री बना सकते है, बस वह शिवसैनिक होना चाहिए। लेकिन बागी विधायकों के तेवर कम होने की बजाए उनकी लिस्ट लंबी होती गई। फिर महाराष्ट्र के राजनैतिक संकट में कई नेताओं को ऐसे बयान सामने आए जिसके बाद हालात सुधरने की बजाय बिगड़ते गए। जिसके चलते आज राज्य में नई सरकार बनने के संकेत दिखने लगे हैं।
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