अब ईडी के निशाने पर नवाब मलिक का बेटा, जानिए किस मामले में भेजा गया समन, कब तक होना है पेश

इसी मामले में नवाब मलिक भी आठ मार्च तक ईडी की हिरासत में हैं। वहीं, इसको लेकर नवाब मलिक ने प्रवर्तन निदेशालय द्वारा अपने खिलाफ दर्ज केस को रद्द करवाने बॉम्बे हाईकोर्ट पहुंच हैं। मलिक ने हाईकोर्ट में दायर याचिका में अपनी गिरफ्तारी को अवैध बताया है और रिहाई की मांग की है।

Asianet News Hindi | Published : Mar 1, 2022 6:38 AM IST / Updated: Mar 01 2022, 12:17 PM IST

मुंबई : मनी लॉन्ड्रिंग केस (money laundering case) में NCP नेता और महाराष्ट्र सरकार के मंत्री नवाब मलिक (Nawab Malik) के बाद अब उनके बेटे फराज मलिक पर ED का शिकंजा कस सकता है। ईडी ने फराज मलिक को समन भेजकर तलब किया है। बताया जा रहा है कि फराज को ईडी की तरफ से समन सोमवार को ही भेजा गया था लेकिन वो उपस्थित नहीं हुए। इसी मामले में नवाब मलिक भी आठ मार्च तक ईडी की हिरासत में हैं। वहीं, इसको लेकर नवाब मलिक ने प्रवर्तन निदेशालय द्वारा अपने खिलाफ दर्ज केस को रद्द करवाने बॉम्बे हाईकोर्ट पहुंच हैं। मलिक ने हाईकोर्ट में दायर याचिका में अपनी गिरफ्तारी को अवैध बताया है और रिहाई की मांग की है।

23 फरवरी को अरेस्ट हुए थे नवाब मलिक
नवाब मलिक को ईडी ने 23 फरवरी को गिरफ्तार किया था। ईडी की टीम ने सुबह करीब सात बजे उनके घर पर छापेमारी की थी। इसके बाद ईडी उन्हें अपने साथ ले आई थी। करीब छह घंटे पूछताछ के बाद उनकी गिरफ्तारी हुई थी। ईडी दाऊद इब्राहिम (Dawood Ibrahim) की बहन हसीना पारकर और मलिक के बीच हुए एक जमीन सौदे की जांच कर रहा है। ईडी ने कोर्ट में बताया था कि, मंत्री नवाब मलिक ने कथित रूप से मुनिरा प्लंबर से 300 करोड़ रुपए का प्लाट कुछ लाख रुपए में एक कंपनी के जरिए हड़पा था। इस कंपनी का नाम सॉलिड्स इन्वेस्टमेंट प्राइवेट लिमिटेड है और कंपनी का मालिक मलिक परिवार ही है।

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फराज का नाम इसी मामले में आया

ईडी ने जब इस जमीन से जुड़े दस्तावेज खंगाले तो पता चला कि इसके पीछे सरदार शाहवली खान है, जो 1993 के मुंबई बम धमाके का आरोपी है। वह औरंगाबाद की जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है। शाहवली खान ने ईडी को बताया था कि सलीम पटेल दाउद इब्राहिम की बहन हसीना पारकर का करीबी था। हसीना के निर्देश पर ही सलीम ने मुनिरा की जमीन के बारे में सभी फैसले लिए थे। इसी जमीन के डील की जांच में मलिक के बेटे फराज का नाम आया है। फराज उन दो लोगों में से एक है जिसने कथित रूप से साल 2005-06 में 55 लाख रुपए नकद और चेक के जरिए पांच लाख रुपए पारकर को दिए। 

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