Bulli Bai App Case में बड़ी कार्रवाई, मुंबई पुलिस की साइबर सेल ने एक और आरोपी को हिरासत में लिया

दो दिन पहले बेंगलुरु से विशाल कुमार (21 साल) पकड़ा गया था। ये युवक बिहार का रहने वाला है और इंजीनियर है। इसके बाद मंगलवार को मुंबई की साइबर सेल ने मामले की मुख्य आरोपी श्वेता सिंह (18 साल) को उत्तराखंड के रुद्रपुर से हिरासत में लिया था।

Asianet News Hindi | Published : Jan 5, 2022 5:45 AM IST / Updated: Jan 05 2022, 01:02 PM IST

मुंबई। ‘बुली बाई’ ऐप मामले (Bulli Bai App Case) में मुंबई पुलिस (Mumbai Police) की साइबर सेल (Cyber Cell) ताबड़तोड़ कार्रवाई कर रही है। बुधवार को पुलिस ने उत्तराखंड के कोटद्वार से एक युवक को गिरफ्तार किया है। उसका नाम मयंक रावत बताया गया। ये युवक दिल्ली के जाकिर हुसैन कॉलेज में बीएससी का छात्र है। युवक ने अपने ट्वीटर अकाउंट से पोस्ट किया था। पुलिस अब तक उत्तराखंड की मास्टरमाइंड लड़की और बिहार के इंजीनियर को गिरफ्तार कर चुकी है। पुलिस पूछताछ के बाद नए-नए नामों के खुलासे हो रहे हैं और इस केस से जुड़ी चौंकाने वाली जानकारी सामने आ रही है।

दो दिन पहले बेंगलुरु से विशाल कुमार (21 साल) पकड़ा गया था। ये युवक बिहार का रहने वाला है और इंजीनियर है। इसके बाद मंगलवार को मुंबई की साइबर सेल ने मामले की मुख्य आरोपी श्वेता सिंह (18 साल) को उत्तराखंड के रुद्रपुर से हिरासत में लिया था। दोनों आरोपी एक दूसरे को जानते हैं और सोशल मीडिया के जरिए दोनों की पहचान हुई थी। लड़की 12वीं पास है। इन दोनों से पूछताछ के बाद साइबर सेल ने अब एक और व्यक्ति को हिरासत में लिया है।

फर्जी अकाउंट बनाकर गुमराह कर रहा था आरोपी
पुलिस के मुताबिक, मुख्य आरोपी लड़की 'बुली बाई' ऐप से जुड़े तीन अकाउंट हैंडल कर रही थी। जबकि विशाल कुमार ने खालसा वर्चस्ववादी के नाम से अकाउंट खोला था। 31 दिसंबर को उसने अन्य अकाउंट के नाम बदलकर सिख नामों से मिलते-जुलते नाम रखे थे। आरोपी फर्जी खालसा अकाउंट बनाकर गुमराह कर रहा था। पुलिस ने विशाल कुमार को मुंबई पुलिस बांद्रा कोर्ट में पेश किया।

क्या है Bulli Bai App
'Bulli Bai' एक ऐसा एप्लिकेशन है जो Github एपीआई पर होस्ट किया गया था। यह 'Sulli Deal' ऐप के समान काम करता था। ऐप मुस्लिम महिलाओं को सोशल मीडिया पर लोगों के लिए 'सौदे' के रूप में पेश किया गया। बुल्ली बाई के ट्विटर हैंडल को सस्पेंड कर दिया गया है। इसके बायो में लिखा था, 'बुली बाई खालसा सिख फोर्स (KSF) द्वारा एक समुदाय द्वारा संचालित ओपन-सोर्स ऐप है। हाल की घटना में सैकड़ों मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरों का दुरुपयोग किया गया और 1 जनवरी को 'बुली बाई' के नाम से गिटहब का उपयोग करके ऐप पर एक अज्ञात समूह द्वारा अपलोड किया गया। 

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