Maharastra Rajyasabha Chunav 2022: महाराष्ट्र में शिवसेना गठबंधन को वोटिंग के पहले झटका, BJP खेमे में डबल खुशी

Rajya Sabha Election 2022: देश के 15 राज्यों में हो रहे राज्यसभा चुनावों में बची 16 सीटों पर चार राज्यों में शुक्रवार को मतदान होंगे। महाराष्ट्र में वोटिंग के पहले ही शिवसेना गठबंधन को झटका लगा है। कोर्ट ने दो विधायकों की वोटिंग के लिए जमानत अर्जी नामंजूर कर दी है। जबकि बीजेपी को अदालत के फैसले से फायदा तो होगा ही फडणवीस को लेकर भी खेमा खुश है। 

मुंबई। राज्यसभा चुनाव (Rajya Sabha Election 2022) में चार राज्यों में घमासान के बीच महाराष्ट्र में कांग्रेस को कोर्ट का झटका लगा है। राज्य में सत्तारूढ़ गठबंधन के दो विधायकों की जमानत अर्जी को अदालत ने खारिज कर दिया है। महाअघाड़ी गठबंधन के लिए दोनों विधायकों के वोट महत्वपूर्ण थे। राज्य में बीजेपी और कांग्रेस-एनसीपी-शिवसेना गठबंधन एक-एक वोट के लिए जोड़तोड़ में लगे हुए हैं। ऐसे में सत्तारूढ़ गठबंधन के लिए वोटिंग के पहले यह बड़ा झटका माना जा रहा है।

नवाब मलिक और अनिल देशमुख हैं जेल में...

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महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक फरवरी में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तारी के बाद से जेल में हैं। राज्य के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख भी इसी तरह के आरोपों में जेल में हैं। दोनों राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के सदस्य हैं, जो कांग्रेस के साथ शिवसेना के नेतृत्व वाले गठबंधन का हिस्सा है।

ईडी ने कहा कैदियों को वोटिंग का अधिकार नहीं

दोनों नेताओं की तरफ से शुक्रवार को राज्यसभा चुनाव में वोट डालने के लिए एक दिन की जमानत का अनुरोध किया था। लेकिन अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय के इस तर्क से सहमति जताई कि कैदियों के पास मतदान का अधिकार नहीं है। 

कोविड का टेस्ट नेगेटिव आया, दे सकते हैं वोट

एक तरफ जहां महाअघाड़ी गठबंधन के दो विधायकों को वोटिंग से वंचित किए जाने से झटका लगा है, तो वहीं दूसरी ओर बीजेपी को दोगुना फायदा हुआ है। एमवीए के दो सदस्यों के वोटिंग से वंचित होने से बीजेपी खेमे में खुशी तो है ही, फडणवीस के कोविड नेगेटिव होने पर भी राहत मिली है। बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस का कोविड टेस्ट कराया गया। उनकी रिपोर्ट नेगेटिव आई है। ऐसे में वह वोटिंग में भाग ले सकेंगे।

छह सीटों के लिए सात प्रत्याशी मैदान में...

महाराष्ट्र में छह राज्यसभा सीटों के लिए चुनाव हो रहे हैं। शुक्रवार को वोटिंग होगी। छह सीटों पर सात उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। राज्य में दो दशक से अधिक समय बाद राज्यसभा की सीट के लिए मुकाबला हो रहा है। उद्धव ठाकरे की शिवसेना ने दो उम्मीदवार संजय राउत और संजय पवार को मैदान में उतारा है। विपक्षी भाजपा ने तीन उम्मीदवारों- केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, अनिल बोंडे और धनंजय महादिक को चुनाव मैदान में उतारा है। सत्तारूढ़ गठबंधन सहयोगी राकांपा और कांग्रेस ने एक-एक उम्मीदवार प्रफुल्ल पटेल और इमरान प्रतापगढ़ी को प्रत्याशी बनाया है।

एक सीट के लिए 42 वोटों की दरकार

राज्यसभा सीट जीतने के लिए किसी भी उम्मीदवार को 42 वोट चाहिए। शिवसेना के नेतृत्व वाली महा विकास अघाड़ी के पास राज्यसभा की छह में से तीन सीटें जीतने की संख्या है, जिसके लिए 288 विधायक मतदान करेंगे। भाजपा, जिसके विधानसभा में 106 सदस्य हैं, अपने दम पर दो जीत सकती है। लेकिन बीजेपी ने छठी सीट के लिए भाजपा के धनंजय महादिक और शिवसेना के संजय पवार के बीच एक तीसरे को मैदान में उतारा है। छोटे दल और निर्दलीय के पास 29 विधायक हैं। इन लोगों के पास चुनाव का परिणाम तय करने की सबसे अचूक ताकत है। भाजपा के पास 22 अतिरिक्त वोट हैं और उसका दावा है कि उसे सात निर्दलीय विधायकों का समर्थन प्राप्त है। वह 13 और का समर्थन हासिल कर अंतर को पाटने की कोशिश कर रही है।

उधर, शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस ने किसी भी विश्वासघात और क्रॉस वोटिंग को रोकने के लिए अपने विधायकों को रिसॉर्ट में स्थानांतरित कर दिया। गठबंधन के पास 26 अतिरिक्त वोट हैं और छठी सीट जीतने के लिए उसे 16 वोट चाहिए।

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