शिंदे गुट के सिंबल पर फैसले का दिन: चुनाव आयोग को भेजे ये 3 विकल्प, उद्धव गुट के निशान हुए फ्रीज

एकनाथ शिंदे गुट ने अपने चुनाव चिन्ह के विकल्प के रूप में 'चमकता सूरज', 'ढाल और तलवार' और 'पीपल का पेड़' का नाम की लिस्ट सौंपी है। इस पर आज ही फैसला होना है।

Ujjwal Singh | Published : Oct 11, 2022 6:31 AM IST / Updated: Oct 11 2022, 12:33 PM IST

मुंबई(Maharashtra). एकनाथ शिंदे गुट ने पार्टी निशान के लिए चुनाव आयोग के समक्ष दूसरी पेशकश की है। शिंदे गुट ने पहले त्रिशूल, गदा और उगता सूरज के तीन चिह्न विकल्प के तौर पर चुनाव आयोग को सौंपे थे लेकिन इन्हें खारिज कर दिया गया था। अब इस खेमे ने चुनाव आयोग से अपने चुनाव चिन्ह के विकल्प के रूप में 'चमकता सूरज', 'ढाल और तलवार' और 'पीपल का पेड़' का नाम की लिस्ट सौंपी है। इस पर आज ही फैसला होना है।

गौरतलब है कि शिवसेना में दो फाड़ होने के बाद दोनों गुटों को नया चुनाव चिन्ह आवंटित होना था। उद्धव ठाकरे गुट को चुनाव आयोग ने मशाल चुनाव चिह्न सौंपा है। इसके बाद  उद्धव ठाकरे गुट ने नए चुनाव चिन्ह और नई पार्टी के नाम के साथ एक पोस्टर जारी किया है। उद्धव गुट ने पहले त्रिशूल, उगता सूरज और मशाल चुनाव चिह्न विकल्प के रूप में दिए थे। इनमें से उद्धव गुट को मशाल चुनाव चिह्न मिल गया। उद्धव गुट को 'त्रिशूल' का चिह्न इसलिए नहीं मिला क्योंकि इसका धार्मिक संकेत है। 'उगता सूरज' इसलिए नहीं मिला क्योंकि यह तमिलनाडु की सत्ताधारी पार्टी द्रमुक के पास है। 'मशाल' चुनाव चिह्न 2004 तक समता पार्टी के पास था। उसके बाद से यह किसी को आवंटित नहीं था, इसलिए यह चिह्न उद्धव गुट को दिया गया है।

Latest Videos

दोनों गुटों को मिला नया पार्टी का नाम 
दोनों गुटों ने अपने पहले वैकल्पिक नाम के तौर पर शिवसेना (बालासाहेब ठाकरे) नाम दिया था। इस वजह से दोनों ही गुटों को यह नाम नहीं मिला। इसके साथ ही उद्धव गुट के विकल्प में पार्टी के नाम के रूप में दूसरा विकल्प शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नाम था। इसे उद्धव गुट को आवंटित कर दिया गया। इसी तरह शिंदे गुट के विकल्प में दूसरा विकल्प बालासाहेबची शिवसेना दिया गया। 


 

Share this article
click me!

Latest Videos

कौन सी चीज को देखते ही PM Modi ने खरीद डाली। PM Vishwakarma
चीन को चैन से सोने न देगा ये ड्रोन, , Joe Biden - PM Modi ने पक्की की डील
कोलकाता केसः डॉक्टरों के आंदोलन पर ये क्या बोल गए ममता बनर्जी के मंत्री
तिरुपति लड्डू का भगवान वेंकटेश से कनेक्शन, क्यों 300 साल पुरानी परंपरा पर उठ रहे सवाल?
Tirupati Laddu Prasad: गिरिराज सिंह ने की सबसे बड़ी मांग, ओवैसी और राहुल को जमकर सुना डाला