महाराष्ट्र की उद्धव सरकार का गिरना लगभग तय लग रहा है। राज्य के मंत्री एकनाथ शिंदे इस समय 42 शिवसेना और 7 निर्दलीय विधायकों के साथ गुवाहाटी में हैं। ऐसे में अब महाराष्ट्र सरकार गहरे सियासी संकट में फंसी हुई दिख रही है। इसी बीच, शिवसेना विधायकों ने उद्धव के नाम चिट्ठी लिखकर बड़े आरोप लगाए हैं।
Maharashtra Political Crisis: महाराष्ट्र की उद्धव सरकार इस समय गहरे संकट में है। राज्य के मंत्री एकनाथ शिंदे इस समय 42 शिवसेना और 7 निर्दलीय विधायकों के साथ गुवाहाटी में हैं। ऐसे में अब महाराष्ट्र की महा विकास अघाड़ी सरकार का गिरना करीब-करीब तय है। पिछले 3 दिनों से जारी सियासी घमासान के बीच बगावती तेवर अपना चुके एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे के नाम एक चिट्ठी शेयर की है, जिसमें सभी शिवसेना विधायकों का दर्द बयां किया है।
आरोप नंबर 1: हमारे लिए तो ढाई साल से बंद थे CM हाउस के दरवाजे :
बता दें कि मराठी में लिखी इस चिट्ठी में शिवसेना के विधायकों का दर्द साफ झलक रहा है। इसमें लिखा है- वर्षा (सीएम का सरकारी आवास) के दरवाले कल सच में जनता के लिए खुल गए। सीएम हाउस के बाहर भीड़ देखकर मन खुश हो गया। जब से सरकार बनी तब से अब तक यानी ढाई साल से हमारे लिए सीएम हाउस के दरवाजे बंद थे। शिवसेना विधायक के तौर पर हम कभी वर्षा तक सीधे नहीं पहुंच पाए।
आरोप नंबर 2 : सभी से मिलते थे सीएम लेकिन हमें नहीं थी इजाजत :
चिट्ठी में शिवसेना विधायकों ने आरोप लगाया कि मंत्रालय की छठी मंजिल पर सीएम उद्धव ठाकरे सभी दल के लोगों से मिलते थे, लेकिन शिवसेना विधायकों के लिए उनके पास न तो वक्त होता था और ना ही जगह।
आरोप नंबर 3 : मिन्नतों के बाद बुलाते भी तो गेट पर घंटों खड़ा रखा :
चिट्ठी में विधायकों ने आरोप लगाया कि कई बार चुनाव क्षेत्र के काम या फिर क्षेत्र के लोगों की पर्सनल समस्याओं के समाधान के लिए कई बार मिन्नतें कर जब सीएम साहब से मिलने की रिक्वेस्ट करते तो बड़ी मुश्किल में बुलाया जाता। लेकिन इसके बाद भी बंगले के गेट पर घंटों इंतजार करवाया जाता था।
आरोप नंबर 4 : सीएम साहब हमारा फोन तक रिसीव नहीं करते थे :
चिट्ठी में विधायकों ने लिखा कि कई बार हम बंगले के बाहर से सीएम साहब को फोन करते लेकिन वो हमारा कॉल तक रिसीव नहीं करते थे। घंटों खड़े रहने के बाद हमें उल्टे पांव घर लौटना पड़ता था।
आरोप नंबर 5 : अपने ही विधायकों से इतना सौतेला व्यवहार क्यों?
उद्धव ठाकरे को लिखी चिट्ठी में शिवसेना विधायकों ने लिखा कि हम जानना चाहते हैं कि अपने ही विधायकों के साथ सीएम साहब ने इतना सौतेला व्यवहार क्यों किया? जिन विधायकों को लाखों लोगों ने चुना, जनता के उन प्रतिनिधियों के साथ सरकार का इस तरह का अपमानजनक व्यवहार क्यों रहा?
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