उद्धव ठाकरे का दावा: महाराष्ट्र के कई क्षेत्रों को चुनाव के पहले कर्नाटक को सौंपे जाने की चल रही तैयारी

उद्धव ठाकरे ने कहा कि एकनाथ शिंदे, मोदी के आशीर्वाद से बाला साहेब ठाकरे और शिवसेना के नाम को पाना चाहते हैं लेकिन हम अपने कॉडर के बल पर फिर सत्ता में आएंगे। महाराष्ट्र ही नहीं पूरा देश जानता है कि असली शिवसेना कौन है।

Dheerendra Gopal | Published : Nov 26, 2022 3:26 PM IST / Updated: Nov 26 2022, 10:17 PM IST

Shivaji row: पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने छत्रपति शिवाजी महराज पर कथित टिप्पणी को लेकर महाराष्ट्र सरकार को घेरा है। गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी द्वारा शिवाजी पर की गई टिप्पणी पर ठाकरे ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की चुप्पी की आलोचना की है। शिवसेना नेता ने आरोप लगाया कि एकनाथ शिंदे छत्रपति महराज के अपमान व कर्नाटक के साथ सीमा विवाद पर चुप्पी साध कर इन विवादों का समर्थन किया है।

गुजरात चुनाव की खातिर महाराष्ट्र की परियोजनाएं ट्रांसफर

उद्धव ठाकरे शनिवार को बुलढाणा के चिखली में रैली को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने ने कहा कि महाराष्ट्र की तमाम परियोजनाओं को विधानसभा चुनावों की वजह से गुजरात में स्थानांतरित कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि कर्नाटक में अगले साल चुनाव होने जा रहे हैं और मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने अक्कलकोट और सोलापुर (महाराष्ट्र में) के लिए दावा पेश किया है। मुझे डर है कि अगले साल ये दोनों स्थान कर्नाटक को सौंपे जा सकते हैं।  लेकिन महाराष्ट्र के बारे में सोचने की बजाय मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे केंद्र सरकार के इशारों पर काम कर रहे हैं। महाराष्ट्र के हिस्से को कर्नाटक को सौंपने के विचार पर भी वह कुछ बोलने से परहेज कर रहे हैं। 

शिवाजी महराज के अपमान पर भी चुप रहे मुख्यमंत्री

पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, छत्रपति शिवाजी महराज को लेकर गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी की विवादित टिप्पणी पर चुप हैं। उन्होंने कहा कि शिवसेना या महाराष्ट्र, कभी भी शिवाजी महराज का अपमान बर्दाश्त नहीं करेगी। छत्रपति शिवाजी महराज के अपमान के खिलाफ महाराष्ट्र बंद के आह्वान को पूरा समर्थन देने की उन्होंने लोगों से अपील की है। 

कॉडर के बल पर शिवसेना फिर आएगी सत्ता में

उद्धव ठाकरे ने कहा कि एकनाथ शिंदे, मोदी के आशीर्वाद से बाला साहेब ठाकरे और शिवसेना के नाम को पाना चाहते हैं लेकिन हम अपने कॉडर के बल पर फिर सत्ता में आएंगे। महाराष्ट्र ही नहीं पूरा देश जानता है कि असली शिवसेना कौन है। उन्होंने कहा कि विदर्भ में कुछ महीनों में एक हजार से अधिक किसानों ने आत्महत्या कर ली। लेकिन शिंदे सरकार चुप है। अगर वह मुख्यमंत्री होते तो किसानों को इस तरह आत्महत्या को मजबूर नहीं होना पड़ता। उन्होंने कहा कि किसानों को फसल ऋण बीमा की धनराशि मिलनी चाहिए लेकिन सरकार को किसानों से कोई मतलब ही नहीं।

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