1921 में बने संसद भवन का होगा कायाकल्प, 2024 तक पूरा होगा निर्माण कार्य

संसद भवन की मौजूदा व्यवस्था में सिर्फ मंत्रियों को ही अलग कमरा मिलता है। संसद सदस्यों को अभी विधायी कार्यों के लिये आवश्यक अध्ययन हेतु अथवा किसी से मिलने के लिये या तो मंत्रियों के चेंबर में शरण लेनी पड़ती है

Asianet News Hindi | Published : Sep 16, 2019 10:06 AM IST / Updated: Sep 16 2019, 03:42 PM IST

नयी दिल्ली. आजादी की 75वीं सालगिरह से पहले तैयार होने वाले नये संसद भवन में दोनों सदनों के सभी सदस्यों को मंत्रियों के अलग चेंबर की तर्ज पर अलग कमरा दिए जाने की योजना है, ताकि उन्हें अपने विधायी कार्यों की तैयारी करने का उपयुक्त स्थान मिल सके।

फिलहाल सिर्फ मंत्रियों को ही मिलता है अलग कमरा  
संसद भवन की मौजूदा व्यवस्था में सिर्फ मंत्रियों को ही अलग कमरा मिलता है। संसद सदस्यों को अभी विधायी कार्यों के लिये आवश्यक अध्ययन हेतु अथवा किसी से मिलने के लिये या तो मंत्रियों के चेंबर में शरण लेनी पड़ती है,या फिर पुस्तकालय अथवा केन्द्रीय कक्ष एवं अन्य स्थानों का रुख करना पड़ता है।

मौजूदा समय के लिए उपयुक्त नहीं है ब्रिटिश काल की इमारतें 
ब्रिटिश काल में निर्मित संसद भवन और केन्द्रीय सचिवालय सहित अपने विभिन्न मंत्रालयों की इमारतें मौजूदा समय की जरूरतों की पूर्ति में नाकाफी साबित हो रही है। इसके मद्देनजर सरकार ने राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक, तीन किमी के दायरे में मौजूद देश की शासन व्यवस्था के शीर्ष सत्ता प्रतिष्ठानों (संसद भवन और केन्द्रीय सचिवालय) का कायाकल्प कर नया स्वरूप देने की महत्वाकांक्षी परियोजना शुरु की है।

मौजूदा इमारतों में है जगह का आभाव
इसे अंजाम दे रहे आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि 90 साल की ऐतिहासिक विरासत को समेटे संसद भवन की इमारत के ऐतिहासिक महत्व से इंकार नहीं किया जा सकता है, लेकिन यह भी सही है कि बदले वक्त की मौजूदा जरूरतों को यह इमारत पूरा नहीं कर पा रही है। इसमें सांसदों के लिये स्थान का अभाव अहम समस्या है।

बाकी देशों में पहले से है ऐसी व्यवस्था 
उन्होंने बताया कि अमेरिका और यूरोप के तमाम विकसित देशों में सभी संसद सदस्यों को संसद भवन में अलग से कमरा मिलता है। वहीं, दुनिया के सबसे विशाल लोकतंत्र के सांसदों को संसद भवन में ही अपने विधायी कामकाज के लिये सदन में निर्धारित सीट के अलावा कोई ऐसा निश्चित स्थान नहीं है जहां बैठकर वे किसी से मिल सकें या सदन में जाने से पहले अध्ययन और दस्तावेजी कामों की तैयारी कर सकें।

2024 तक पूरा होगा निर्माण कार्य
आवास एवं शहरी मामलों के राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) हरदीप सिंह पुरी ने भी शुक्रवार को ओद्यौगिक संगठन फिक्की द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में संसद भवन के पुनर्विकास की योजना की पुष्टि की है। पुरी ने कहा कि संसद भवन और संयुक्त केन्द्रीय सचिवालय को नया रूप देने के काम को 2024 तक पूरा कर लिया जायेगा ।

वेंकैया नायडू और ओम बिरला भी कर चुके हैं पहल 
संसद में स्थान के अभाव की समस्या को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू ने भी पिछले महीने पांच अगस्त को उठाते हुये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से अगस्त 2022 तक संसद भवन को विस्तार देने का अनुरोध किया। इस पर मोदी ने 20 अगस्त को घोषणा की कि सरकार, संसद भवन को आधुनिक रूप देने सहित अन्य सभी संभावनायें तलाश रही है।

1921 में बना था भारतीय संसद भवन 
भारतीय संसद भवन की आधारशिला 12 फरवरी, 1921 को रखी गयी थी। मशहूर वास्तुकारों, एडविन लुटियन्स और हर्बर्ट बेकर द्वारा तैयार डिजायन पर आधारित संसद भवन, लगभग छह साल में 83 लाख रूपये की लागत से 18 जनवरी, 1927 को बनकर तैयार हुआ था।

(यह खबर न्यूज एजेंसी पीटीआई भाषा की है। एशियानेट हिंदी की टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)

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