2001 Parliament attack: PM मोदी ने दी शहीदों को श्रद्धांजलि-उनका बलिदान हर देशवासी को सदैव प्रेरित करता रहेगा

13 दिसंबर 2001 को संसद भवन पर आतंकवादियों ने हमला(2001 Indian Parliament attack) किया था। इसे लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी(Prime Minister Narendra Modi) ने एक tweet करके शहीदों को श्रद्धांजलि दी है। इस हमले में 5 आतंकवादी मारे गए थे। जबकि कुछ जवानों सहित 14 की जान गई थी।

Asianet News Hindi | Published : Dec 13, 2021 5:36 AM IST / Updated: Dec 13 2021, 12:27 PM IST

नई दिल्ली. 13 दिसंबर 2001 को संसद भवन पर आतंकवादियों ने हमला(2001 Indian Parliament attack) किया था। इसे लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी(Prime Minister Narendra Modi) ने एक tweet किया है। प्रधानमंत्री ने उन सभी सुरक्षा कर्मियों को श्रद्धांजलि अर्पित की है, जो 2001 में संसद हमले के दौरान अपने कर्तव्य का पालन करते हुये शहीद हो गए थे। मोदी ने tweet किया- “मैं उन सभी सुरक्षा कर्मियों को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं, जो 2001 में संसद हमले के दौरान अपने कर्तव्य का पालन करते हुये शहीद हो गये थे। राष्ट्र के प्रति उनकी सेवा और सर्वोच्च बलिदान हर देशवासी को सदैव प्रेरित करता है।”

राष्ट्रपति, गृहमंत्री और रक्षा मंत्री ने दी श्रद्धांजलि
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा-मैं उन बहादुर सुरक्षा कर्मियों को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं जिन्होंने 2001 में आज ही के दिन आतंकवादी हमले के खिलाफ दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र की संसद की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहुति दे दी थी। उनके सर्वोच्च बलिदान के लिए राष्ट्र सदैव उनका आभारी रहेगा।

गृहमंत्री अमित शाह ने कहा-भारतीय लोकतंत्र के मंदिर संसद भवन पर हुए आतंकी हमले में राष्ट्र के गौरव की रक्षा हेतु अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले सभी बहादुर सुरक्षाबलों के साहस व शौर्य को नमन करता हूं। आपका अद्वितीय पराक्रम व अमर बलिदान सदैव हमें राष्ट्रसेवा हेतु प्रेरित करता रहेगा।

रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा-2001 में संसद भवन पर हुए हमले के दौरान अपने प्राणों की आहुति देने वाले उन बहादुर सुरक्षाकर्मियों को मेरी श्रद्धांजलि। राष्ट्र उनके साहस और कर्तव्य के प्रति सर्वोच्च बलिदान के लिए आभारी रहेगा।

सोशल मीडिया पर श्रद्धांजलि
कांग्रेस ने अपने twitter हैंडल पर लिखा-आज ही के दिन 2001 में,हमारे लोकतंत्र के मंदिर, हमारी संसद पर शांति और प्रगति को भंग करने की इच्छुक ताकतों ने हमला किया गया था। हमारे बहादुरों ने जो बलिदान दिया, वह हमें हमारे लोकतंत्र को सुरक्षित रखने के हमारे मिशन में आगे बढ़ाता है। वीर शहीदों को एक अरब नमन।

इस मौके पर #CRPF के चक्र प्राप्तकर्ताओं पर पुस्तक 'द शौर्य अनबाउंड' का विमोचन किया गया। हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में जारी इस किताब में सीआरपीएफ के बहादुरों की कहानियां भी हैं, जिन्होंने संसद पर हमले का बहादुरी से जवाब दिया। विमोचन लोकसभा अध्यक्ष ओम बिडला ने किया।

5 आतंकवादी सहित 14 लोगों की जान गई थी
इस हमले में हैदर उर्फ तुफैल, मोहम्मर राना, रणविजय सहित 5 आतंकवादी मारे गए थे। इसके अलावा कांस्टेबल कमलेश कुमारी यादव सबसे पहले शहीद हुई थीं। इसके बाद संसद का एक माली, दो सुरक्षाकर्मी और दिल्ली पुलिस के छह जवान भी शहीद हो गए थे।

तिहाड़ जेल में अफजल गुरु को दी गई फांसी
इस मामले में 15 दिसंबर 2001 को दिल्ली पुलिस ने आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सदस्य अफजल गुरु को जम्मू-कश्मीर से पकड़ा। दिल्ली विश्वविद्यालय के जाकिर हुसैन कॉलेज के एसएआर गिलानी से पूछताछ की गई और बाद में उसे गिरफ्तार किया गया। इसके बाद अफसान गुरु और उसके पति शौकत हुसैन गुरु को पकड़ा गया। 18 दिसंबर 2002 को एसएआर गिलानी, शौकत हुसैन गुरु और अफजल गुरु को फांसी की सजा मिली, जबकि अफसान गुरु को बरी किया गया। 30 अगस्त 2003 को श्रीनगर में बीएसएफ के साथ मुठभेड़ में संसद हमले का मुख्य आरोपी जैश-ए-मोहम्मद का नेता गाजी बाबा मारा गया। 29 अक्टूबर 2003 को एसएआर गिलानी बरी हो गया। 4 अगस्त 2005 को सुप्रीम कोर्ट ने अफजल गुरु को मौत की सजा पर मुहर लगायी। वहीं, शौकत हुसैन गुरु की मौत की सजा को बदलकर 10 साल सश्रम कारावास कर दिया। 9 फरवरी 2013 को तिहाड़ जेल में अफजल गुरु को फांसी दी गई। 

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