सार
पुलिस ने सीडीएस जनरल बिपिन रावत के हेलिकॉप्टर क्रैश का वीडियो बनाने वाले फोटोग्राफर का मोबाइल फोन फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा है। पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि फोटोग्राफर और अन्य लोग जंगल के उस हिस्से में क्यों गए थे।
कुन्नूर। तमिलनाडु के कुन्नूर में 8 दिसंबर को देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत (Chief of Defence Staff Gen Bipin Rawat) का हेलिकॉप्टर क्रैश हो गया था। हादसे में बिपिन रावत उनकी पत्नी मधुलिका रावत और 11 अन्य सैन्य अधिकारियों की मौत हो गई थी। घटना का एक लाइव वीडियो सामने आया था।
वीडियो में दिख रहा था कि हेलिकॉप्टर बेहद नीचे उड़ते हुए अचानक धुंध में गायब हो जाता है। इसके बाद तेज धमाके की आवाज सुनाई देती है। वीडियो में पुरुष और महिलाओं का एक समूह भी दिखाई देता है जो रेलवे ट्रैक पर खड़ा था। वीडियो को कोयंबटूर के एक फोटोग्राफर वाई जो पॉल उर्फ कुट्टी ने बनाया था। हादसे के वक्त वह अपने दोस्तों और परिवार के साथ छुट्टियां मनाने नीलगिरी जिले के कट्टेरी इलाके के जंगल में गए हुए थे।
जांच का हिस्सा बना मोबाइल
हादसे की जांच कर रही पुलिस ने फोटोग्राफर कुट्टी का मोबाइल फोन जब्त कर लिया है और उसे फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा है। यह मोबाइल फोन अब घटना की जांच का हिस्सा बन गया है। मामले की जांच सेना की एक हाईलेवल कमेटी कर रही है, इसे एक एयर मार्शल लीड कर रहे हैं। मोबाइल के फॉरेंसिंग जांच से यह पता लगाया जा रहा है कि क्या वीडियो सीडीएस बिपिन रावत के हेलिकॉप्टर क्रैश का है। इसके अलावा पुलिस इस केस से जुड़े प्रत्यक्षदर्शियों से भी पूछताछ कर कोई क्लू हासिल करने में जुटी हुई है।
जंगल में क्यों गए थे वीडियो बनाने वाले
पुलिस ने वीडियो बनाने वाले से यह भी पूछा है कि वे प्रतिबंधित इलाके में क्या कर रहे थे? इस इलाके में बाहरी लोगों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगा हुआ है। पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि फोटोग्राफर और अन्य लोग जंगल के उस हिस्से में क्यों गए थे। बेहद घना जंगल और जंगली जानवरों की मौजूदगी के चलते इस हिस्से में किसी भी बाहरी इंसान के आने जाने पर प्रतिबंध है।
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