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Chopper Crash: पिता की बहादुरी देखकर बेटे ने भी चुनी आर्मी; वीरांगाना बोली-'मुझे उन पर गर्व है'
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8 दिसंबर को हवलदार सतपाल राय का पार्थिव शरीर अपने पैतृक स्थल पश्चिम बंगाल के तकदाह पहुंचा। शहीद के बेटे ने बताया-मैंने उनसे आखिरी बार बात तब की थी, जब वो हेलिकॉप्टर में थे, कभी सोचा भी नहीं था, ऐसा भी होगा। बिकल राय इस समय दिल्ली में तैनात हैं। सतपाल और बिकल दिल्ली में बमुश्किल 15 मिनट की ड्राइव दूरी पर रहते थे। लेकिन आखिरी मुलाकात 3 दिसंबर को हुई थी।
(तस्वीर: लेफ्ट से बिकल राय और उनके शहीद पिता सतपाल राय)
सपताल के शव की पहचान DNA टेस्ट के बाद ही हो सकी थी। सतपाल की पत्नी मंदिरा ने भावुक होकर कहा था कि उनके बेटे ने कहा था कि वो अपने पापा के शव का इंतजार करेगा, चाहे कितनी भी देरी हो। उन्होंने कहा कि हकीकत से रूबरू होना मुश्किल है। लेकिन उन्हें गर्व है कि उनके पति ने राष्ट्र की सेवा करते हुए अपने प्राणों की आहूति दी। दिल इस नुकसान को कभी स्वीकार नहीं करेगा, लेकिन वे भाग्यशाली हैं।
सतपाल का गांव तकदाह दार्जिंलिंग शहर से 25 किमी दूर है। सतपाल की मां 68 वर्षीय संतू माया और सतपाल की 16 वर्षीय बेटी मुस्कान से DNA सैम्पल लिए गए थे।
CDS बिपिन रावत (CDS Bipin Rawat) के साथ हेलिकॉप्टर दुर्घटना में जान गंवाने वाले हवलदार(Satpal Rai) का अंतिम संस्कार रविवार को पूरे सैन्य सम्मान के साथ किया गया। सतपाल राय CDS बिपिन रावत (CDS Bipin Rawat) की सुरक्षा में तैनात 10 सैनिकों में शामिल थे। हादसे में शव इतनी बुरी तरह जल गए थे कि उनकी पहचान के लिए DNA टेस्ट कराना पड़ा। शहीद सतपाल के शव की पहचान शनिवार को दिल्ली सेना के अस्पताल में DNA टेस्ट से हुई थी। यह गौरव की बात है कि शहीद सतपाल(Satpal Rai)
बिकल अभी सिर्फ 22 साल का है। लेकिन वो अपने पिता की तरह बहादुर है। उसने कहा कि वो अपने पिता की तरह देश सेवा करने के लिए हमेशा तैयार है। सतपाल राय को श्रद्धांजलि देने बड़ी संख्या में लोग पहुंचे। इस मौके पर श्रद्धांजलि देते हुए भाजपा सांसद भाजपा सांसद राजू बिष्ट ने कहा कि वे सतपाल के बहादुर बेटे से मिले। यह गौरव की बात है।
बहादुर सतपाल राय को श्रद्धांजलि देने दूर-दूर से लोग पहुंचे। उन्हें कहा कि सतपाल ने दार्जिलिंग और गोरखा लोगों का सर फक्र से ऊंचा किया है। देश की सेवा करना सबसे बड़ा काम होता है।