Kargil Vijay Diwas 2023: अमेरिका से मदद मांगने पहुंचे थे नवाज शरीफ, बिल क्लिंटन का जवाब सुन रह गए थे सन्न !

1999 में पाकिस्तान के तत्कालीन पीएम नवाज शरीफ को जानकारी दिए बिना सेना प्रमुख जनरल परवेज मुशर्फ ने कारिगल का युद्ध छेड़ दिया था। जंग में पाकिस्तान को हारता देख और सत्ता जाने के डर से नवाज शरीफ परिवार संग अमेरिका दौरे पर गए थे।

Kargil Vijay Diwas 2023: कारगिल दिवस के अवसर पर हर वर्ष हम उन जाबांजों की बहादुरी और बलिदान को याद करते हैं जिन्होंने कारगिल की चोटियों पर पाकिस्तान की सेना को हराकर जीत की पताका लहराई थी। भारतीय सेना के अदम्य साहस का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को अपनी सत्ता बचाने के लिए अमेरिका से मदद मांगनी पड़ी थी। तो चलिए जानते हैं कारगिल युद्ध से जुड़ा एक और अनकहा किस्सा।

पाकिस्तान पीएम ने लगाई अमेरिका से मदद की गुहार

Latest Videos

दो पड़ोसी मुल्कों के बीच शुरू हुए इस युद्ध के पीछे पाकिस्तान के तत्कालीन सेना प्रमुख परवेज मुशर्रफ का हाथ था।  खास बात यह है कि उस वक्त के तत्कालीन पीएम नवाज शरीफ को इस संघर्ष के बारे में जरा सी भनक नहीं थी और वह इस संघर्ष के अंत तक इससे अंजान रहे। हालांकि अपनी सत्ता को बचाने के लिए वह अमेरिका से मदद मांगने गए थे लेकिन उस वक्त के अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ने उन्हें किसी भी तरह की मदद देने से इंकार कर दिया था और पाकिस्तानी सेना को कारगिल से वापस हटाने के लिए कहा था। इतना ही नहीं बताया जाता है, पाकिस्तान के दोस्त चीन ने भी उस वक्त उसकी मदद करने से हाथ पीछे कर लिए थे।

अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ कई घंटे रहे पाकिस्तानी पीएम

कारगिल युद्ध में अमेरिका से मदद मांगने गए तत्कालीन पाकिस्तानी पीएम नवाज शरीफ ने राष्ट्रपति क्लिंटन के साथ कई घंटे बिताए। बताया जाता है वह अमेरिका को भारत के खिलाफ खड़ा करने की कोशिश कर रहे थे। इसके साथ ही उनका दूसरा मकसद इस युद्ध में अमेरिका का रुख जानना था। अमेरिका ने पाकिस्तान की मदद करने से इंकार कर दिया और इसके बाद भारतीय सेना के अदम्य साहस के आगे पस्त हो चुका पाकिस्तान कूटनीतिक हार की कगार पर आकर खड़ा हो गया।

यह भी पढ़ें-  Kargil Vijay Diwas 2023: जब चरवाहे ने सेना को दी पाकिस्तानी घुसपैठ की सूचना, ऐसे शुरू हुई कारगिल की जंग

चीन से भी पाकिस्तान को मिली निराशा

कारगिल युद्ध के दौरान पाकिस्तान के पक्के दोस्त चीन ने भी उसका साथ नहीं दिया। 6 दिनों की बीजिंग यात्रा पर गए नवाज शरीफ महज डेढ़ दिन में लौट आए। चीन ने ये कहकर पल्ला झाड़ लिया कि यह दोनों देशों का आंतरिक मामला है। भारत और पाकिस्तान को अपने मतभेदों को बुलाकर इसे खुद सुलझाना चाहिए।

अमेरिकी राष्ट्रपति से संपर्क में थे वाजपेई

 कारगिल युद्ध में यूरोप भारत के पक्ष में खड़ा था। शरीफ के अमेरिका दौरे के दौरान भी प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई कारगिल युद्ध की जानकारी अमेरिकी राष्ट्रपति को फोन पर दे रहे थे। बहरहाल, उसके बाद भी जंग जारी रही पर पाकिस्तान अपने घिनौने मंसूबों पर कामयाब नहीं हो पाया। भारतीय सेना के शूरवीरों ने उन्हें धूल चटाते हुए कारगिल की दुर्गम चोटियों पर जीत का परचम लहराया।

ये भी पढ़ें- Kargil Vijay Diwas 2023: रोज कितनी गोलियां चलीं-कितने रॉकेट दगते थे, जानें कारगिल युद्ध से जुड़े 12 अनजाने फैक्ट्स

 

Read more Articles on
Share this article
click me!

Latest Videos

'मैं आधुनिक अभिमन्यु हूं...' ऐतिहासिक जीत पर क्या बोले देवेंद्र फडणवीस । Maharashtra Election 2024
Maharashtra Jharkhand Election Result: रुझानों के साथ ही छनने लगी जलेबी, दिखी जश्न पूरी तैयारी
Maharashtra Election Result से पहले ही लगा 'भावी मुख्यमंत्री' का पोस्टर, जानें किस नेता का है नाम
महाराष्ट्र में ऐतिहासिक जीत के बाद BJP कार्यालय पहुंचे PM Modi । Maharashtra Election Result
LIVE: जयराम रमेश और पवन खेड़ा द्वारा कांग्रेस पार्टी की ब्रीफिंग