भारतीय एयरफोर्स की ताकत में और इजाफा होने वाला है। दरअसल, आज तीन और राफेल विमान फ्रांस से भारत आ रहे हैं। ये विमान गुजरात में लैंड होंगे। इन विमानों में UAE की मदद से एयर-टु-एयर री-फ्यूलिंग भी होगी। अब तक भारत में 11 राफेल आ चुके हैं। इन 3 विमानों के आने के बाद यह संख्या 14 हो जाएगी। वहीं, अप्रैल के दूसरे हफ्ते में 7 और राफेल भारत आ सकते हैं।
नई दिल्ली. भारतीय एयरफोर्स की ताकत में और इजाफा होने वाला है। दरअसल, आज तीन और राफेल विमान फ्रांस से भारत आ रहे हैं। ये विमान गुजरात में लैंड होंगे। इन विमानों में UAE की मदद से एयर-टु-एयर री-फ्यूलिंग भी होगी। अब तक भारत में 11 राफेल आ चुके हैं। इन 3 विमानों के आने के बाद यह संख्या 14 हो जाएगी। वहीं, अप्रैल के दूसरे हफ्ते में 7 और राफेल भारत आ सकते हैं।
भारत में आ चुके 11 राफेल
भारत में 29 जुलाई को चीन से विवाद के बीच 5 राफेल मिले थे। इसके बाद 4 नवंबर 2020 को 3 विमान मिले। वहीं, तीसरे बैच में 27 जनवरी को 3 राफेल लड़ाकू विमान भारत आए। अब तक 11 लड़ाकू विमान भारत आ चुके हैं।
भारत ने फ्रांस के साथ 2016 में 58 हजार करोड़ रुपए में 36 राफेल जेट की डील की है। इनके तहत भारत को 30 लड़ाकू और 6 ट्रेनिंग एयरक्राफ्ट मिलेंगे। जो 3 राफेल आज आ रहे हैं, उनकी तैनाती अंबाला बेस पर होगी। यहां से पाकिस्तान की हरकतों पर आसानी से नजर रखी जा सकती है। खास बात ये है कि ये बेस कैंप चीन की सीमा से भी 200 किमी की दूरी पर है।
राफेल की खासियतें
- हथियार प्रणाली
राफेल आधुनिक विमान है। इसकी हथियार प्रणाली पाकिस्तान के एफ-16 से ज्यादा शक्तिशाली और ताकतवर है। इसका रडार सिस्टम 84 किमी तक टारगेट को आसानी से डिटेक्ट करता है। यह 100 किमी दायरे में 40 टारगेट को एकसाथ डिटेक्ट कर सकता है।
- 300 किलोमीटर दूर जमीन पर भी साध सकता है निशाना
राफेल का मिसाइल सिस्टम काफी आधुनिक और बेहतर है। यह विमान हवा से हवा और हवा से जमीन पर सटीक निशाना साधने वाले हथियारों को अपने साथ ले जाने में सक्षम है। इसमें तैनात मीटिअर मिसाइल 150 किमी दूरी तक हवा में टारगेट पर सटीक निशाना लगा सकती है। मीटिअर से क्रूज मिसाइलों पर भी निशाना लगाया जा सकता है। इसमें लगीं स्कैल्प मिसाइलें 300 किमी दूर जमीन पर स्थित टारगेट पर भी सटीक निशाना लगा सकती हैं। इन मिसाइलों से विमान जमीन से हो रहे हमले से भी सुरक्षित रखती हैं।
अन्य खासियतें
1- स्पीड - 2222 किमी/घंटा
2- कितनी ऊंचाई तक भर सकता है उड़ान- 15,240 मीटर (50 हजार फीट)
3- मीटिअर मिसाइल: 150 किमी (हवा से हवा में)
4- स्कैल्प मिसाइल : 300 किमी (हवा से जमीन में)
सुरक्षित एयरस्पेस भेदने की क्षमता
राफेल में किसी भी सुरक्षित एय़रस्पेस को भेदने की क्षमता है। इसे समझने के लिए भारतीय पायलटों को कम से कम 5-6 महीने की ट्रेनिंग लेनी पड़ेगी।
ये चार हथियार जो राफेल को बनाते हैं और खतरनाक
स्कैल्प क्रूज मिसाइल:
राफेल की सबसे बड़ी खासियत इसकी स्कैल्प क्रूज मिसाइलें हैं। यह दुश्मन को तबाह करने का सबसे बड़ा हथियार हैं। स्कैल्प मिसाइलों के इस्तेमाल के लिए दुश्मन के घर में भी घुसने की जरूरत नहीं है। इसकी मारक क्षमता 300 किमी है। यानी अपनी सीमा से ही दुश्मन को तबाह किया जा सकता है। इन मिसाइलों को गेम चेंजिंग मिसाइलें भी कहा जाता है। मिसाइल की कीमत करीब 7.5करोड़ रुपए है। यह मिसाइल 1 हजार किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से हमला करती है। इसमें लगा जीपीएस दुश्मन के ठिकाने का सटीक पता देता है।
मीटिअर
राफेल फाइटर जेट में मीटिअर मिसाइलों का भी इस्तेमाल किया गया है। इसे हवा से हवा में मार करने वाली सबसे घातक मिसाइल भी माना जाता है। मौजूदा वक्त में यह दुनिया की सबसे खतरनाक मिसाइल मानी जाती है। मीटिअर दुश्मन के फाइटर जेट को भी निशाना बना सकती है। इसकी रेंज करीब 150 किमी है। इस मिसाइल की सबसे बड़ी खासियत है कि यह रास्ते में ही अपना लक्ष्य बदल सकती है। यह बीच में ही दूसरे लक्ष्य पर भी निशाना साध सकती है।
हैमर मिसाइल:
पूर्वी लद्दाख में चीन से सीमा विवाद को देखते हुए भारत ने फ्रांस से हैमर मिसाइलों को खरीदने का फैसला किया है। यह मिसाइल बंकर या सख्त सतह को भी तबाह कर सकती है। यह किसी भी स्थिति में मार करने में बेहत उपयोगी है। हैमर मिसाइल 20 किलोमीटर से 70 किलोमीटर की दूरी तक अचूक निशाना लगाने में माहिर है। इसकी खासियत है कि इसे दुश्मन का एयर डिफेंस सिस्टम भी पकड़ नहीं पाता है। यह अत्याधुनिक हथियार है। इसे सैटेलाइट, इंफ्रा रेड सीकर या लेजर के जरिए भी गाइड किया जा सकता है। राफेल एक बार में 6 हैमर मिसाइल से लैश हो सकता है। मिसाइल 6 टारगेट को निशाना लगा सकता है।
मीका एयर-टू-एयर मिसाइल :
राफेल फाइटर जेट में कम और मध्यम दूरी तक मार करने वाली मीका मिसाइल से लैश है। मीका मिसाइल किसी भी मौसम में दुश्मन के ड्रोन और फाइटर जेट को निशाना बनाने में सक्षम है। इसे फाइटर जेट और जंगी जहाजों पर भी दागा जा सकता है। इस मिसाइल का इस्तेमाल मिराज-2000 फाइटर जेट में भी किया जाता है। इसकी रेंज 80 किमी तक है।