पश्चिम बंगाल का मालदा जिला वैसे तो अपने आमों के लिए मशहूर है। लेकिन यहां बीएसएफ को एक नदी में 300 से ज्यादा मोबाइल मिले हैं। बीएसएफ ने ये इतनी बड़ी संख्या में ये मोबाइल मालदा जिले में भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा से बरामद किए हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, मोबाइल की संख्या 317 है, जिन्हें केले के तने से प्लास्टिक कंटेनर बांध कर तस्करी की जा रही थी।
माल्दा। पश्चिम बंगाल का मालदा जिला वैसे तो अपने आमों के लिए मशहूर है। लेकिन यहां बीएसएफ को एक नदी में 300 से ज्यादा मोबाइल मिले हैं। बीएसएफ ने ये इतनी बड़ी संख्या में ये मोबाइल मालदा जिले में भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा से बरामद किए हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, मोबाइल की संख्या 317 है, जिन्हें केले के तने से प्लास्टिक कंटेनर बांध कर तस्करी की जा रही थी। रिपोर्ट्स की मानें तो इन मोबाइल की कीमत 38 लाख रुपए से भी ज्यादा है। बता दें कि इस कीमत में देश के किसी भी टियर टू शहर में बड़ी आसानी से मकान खरीदा जा सकता है।
पानी में बह रहे थे केले के तने से बंधे कंटेनर :
जानकारी के मुताबिक शनिवार 8 अक्टूबर की शाम 5.30 बजे, दक्षिण बंगाल सीमांत के अन्तर्गत सीमा चौकी लोधिया के पास बीएसएफ की 70वीं वाहिनी के जवानों ने पगला नदी में बहते हुए 317 मोबाइल फोन जब्त किए। दरअसल, जवानों ने देखा कि नदी में केले के तनों से बंधे हुए प्लास्टिक के कुछ कंटेनर बहते हुए बांग्लादेश की तरफ जा रहे हैं। इसके बाद जवानों ने फौरन उन कंटेनरों को बाहर निकाला। जब इन कंटेनरों को खोलकर देखा तो उसमें अलग-अलग कंपनियों के 317 मोबाइल फोन मिले। इनकी कीमत 38.83 लाख रुपए बताई जा रही है।
जब्त माल पुलिस को सौंपा :
70वीं बटालियन के कमांडिंग ऑफिसर के मुताबिक, उन्हें इस संबंध में खुफिया जानकारी मिली थी। जब्त माल को आगे की कानूनी कार्रवाई के लिए अंग्रेजी बाजार पुलिस थाने को सौंप दिया गया है। उन्होंने कहा कि बीएसएफ भारत-बांग्लादेश सीमा पर तस्करी रोकने के लिए कड़े कदम उठा रही है। बड़ी संख्या में तस्करों को पकड़ा जा रहा है और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की जा रही है।
पिछले महीने भी पकड़ाए थे 39 लाख के मोबाइल :
बता दें कि इससे पहले सितंबर में मालदा में ही सीमा चौकी सुखदेवपुर के पास करीब दर्जनभर लोगों पकड़ा गया था। इनके पास से 8 पोटले मिले थे, जिनमें से 39 लाख रुपए के 359 मोबाइल फोन जब्त किए गए थे। बता दें कि मालदा सीमा पर पगला नदी के जरिए तस्करी होती है। यहां से केले के तनों में बंधा हुआ सामान नदी के पानी में बहा दिया जाता है, जो बड़े आराम से बांग्लादेश पहुंच जाता है।
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