पीएम मोदी ने मोढेरा के सूर्य मंदिर का 3-डी प्रोजेक्शन देखा, सौर उर्जा से रोशन है यह आध्यात्मिक गांव

देश के पहले सौर उर्जा गांव मोढेरा में पहुंचे पीएम नरेंद्र मोदी ने सूर्य मंदिर का दर्शन किया। सूर्य मंदिर के संरक्षण के लिए शुरू की गई परियोजनाओं का शुभारंभ किया। प्रधानमंत्री ने सूर्य मंदिर के 3-डी प्रोजेक्शन को भी देखा।

Dheerendra Gopal | Published : Oct 9, 2022 2:36 PM IST / Updated: Oct 09 2022, 08:33 PM IST

PM Modi in Modhera Sun Temple: देश के पहले सौर उर्जा गांव मोढेरा में पहुंचे पीएम नरेंद्र मोदी ने सूर्य मंदिर का दर्शन किया। सूर्य मंदिर के संरक्षण के लिए शुरू की गई परियोजनाओं का शुभारंभ किया। प्रधानमंत्री ने सूर्य मंदिर के 3-डी प्रोजेक्शन को भी देखा। टूरिज्म की दृष्टि से विकसित किए जा रहे इस गांव में अब टूरिस्ट सूर्य मंदिर के गौरवगाथा के बारे में 3-डी प्रोजेक्शन से जान सकेंगे। गुजरात के तीन दिवसीय यात्रा के दौरान रविवार को पीएम मोदी मेहसाणा जिले के मोढेरा गांव पहुंचे थे। यहां उन्होंने विभिन्न कार्यक्रमों में शिरकत करने के साथ ही कई प्रोजेक्ट्स का शिलान्यास व उद्घाटन किया है।

भगवान श्रीराम से भी जुड़ा है मोढेरा गांव

मोढेरा गांव में स्थित सूर्य मंदिर के बारे में कहा जाता है कि यहां श्रीराम ने पूजा अर्चना की थी। दरअसल, रावण वध के बाद वह ब्रह्म हत्या के पाप से मुक्ति के लिए यहां पहुंचे थे। लंका में रावण को मारने के बाद भगवान श्रीराम, सीताजी व लक्ष्मण के साथ विजयश्री कर लौटे थे। लेकिन उन पर ब्रह्म हत्या का दोष भी लगा था। उस दौरान ऋषि वशिष्ठ ने उनको पुष्पावती नदी के किनारे मोढेरा जाने का आदेश दिया था। प्रभु श्रीराम यहां पहुंचे और कुछ दिन रहे। यहीं उनको शांति मिली थी। हालांकि, इस सूर्य मंदिर को चालुक्य वंश के राजा भीम प्रथम ने 1026-27 में बनवाया था। सूर्य मंदिर के तीन मुख्य हिस्से (सूर्य कुंड, सभा मंडप और गूढ़ मंडप) हैं। कुंड में जाने के लिए सीढ़ियां बनाई गईं हैं। कुंड का नाम रामकुंड है। 

2014 में यूनेस्को ने इस मंदिर को विश्व धरोहर स्थलों की सूची में शामिल किया था। मोढेरा सूर्य मंदिर की भव्यता इसकी वास्तुकला में निहित है। इसे मारू-गुर्जरा शैली में बनाया गया है। यह स्थापत्य शैली चालुक्य राजवंश (सोलंकी राजवंश) से संबंधित है। इस राजवंश ने 10वीं और 13वीं शताब्दी के बीच वर्तमान गुजरात और राजस्थान के कुछ हिस्सों पर शासन किया था। मारू-गुर्जर वास्तुकला चालुक्य शासन के दौरान फली-फूली। इसकी अनूठी विशेषता आकर्षक और जटिल नक्काशीदार बाहरी दीवारें हैं। महमूद गजनी ने 1025 के आसपास मोढेरा शहर पर हमला किया था। राजा भीमदेव की सेना ने गजनी का सामना किया लेकिन वे उसे रोक नहीं पाए। महमूद गजनी ने सूर्य मंदिर को लूट लिया था। चालुक्यों ने बाद में मंदिर का पुनर्निर्माण किया था। इसके बाद अलाउद्दीन खिलजी ने मंदिर पर हमला किया था। 

अब देश का पहला सौर उर्जा गांव बना

मोढेरा गांव अब देश का पहला सौर उर्जा वाला गांव बन गया है। यहां लगे एक हजार सोलर पैनल्स से पूरे गांव को उर्जा की आवश्यकताओं की पूर्ति हो सकेगी। गांव के लोगों को अब बिजली के लिए बिजली कंपनियों पर निर्भर नहीं रहना पडे़गा। गांव अपनी आवश्यकतानुसार बिजली की जरूरतों को पूरा करने के साथ अतिरिक्त बिजली को बिजली विभाग को बेच भी सकेगा। 

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