रेलवे अधिकारियों और प्रत्यक्षदर्शियों की मानें तो सिर्फ 10 मिनट में इतना बड़ा ट्रेन हादसा हो गए। यह घटना शाम करीब 6.50 से 7.10 के बीच हुई और चारों तरफ चीख पुकार मच गई।
Odisha Train Accident. ओडिशा में सबसे बड़ा ट्रेन हादसा कुछ ही मिनटों की गलती का नतीजा है। रेलवे अधिकारियों और प्रत्यक्षदर्शियों की मानें तो 2 जून की शाम 6 बजकर 50 मिनट से लेकर 7 बजकर 10 मिनट के बीच यह हादसा हुआ, जिसकी गूंज आसपास करीब 5 किलोमीटर तक सुनाई दी। इस घटना में 238 लोग मारे गए हैं जबकि 900 से ज्यादा लोग घाटल हुए हैं।
ओडिशा के बालासोर में कैसे टकराईं तीन ट्रेनें
ओडिशा के बालासोर में तीन ट्रेनें टकरा गईं जिसकी वजह से यह भयंकर एक्सिडेंट हुआ। पैसेंजर ट्रेन कोरोमंडल शालीमार एक्सप्रेस पहले डिरेल होकर एक मालवाहक ट्रेन से भिड़ गई। इसके बाद यशवंतपुर-हावड़ा सुपरफास्ट डिरेल हुए ट्रेन के डिब्बों से टकरा गई। मौतों की संख्या अभी बढ़ सकती है क्योंकि कई यात्री गंभीर हालत में हैं। इस एक्सिडेंट में दो पैसेंजर ट्रेनों में सबसे ज्यादा क्षति हुई है। जबकि तीसरी ट्रेन मालवाहक है। मालवाहक ट्रेन को वहां पार्क किया गया था। सबसे खतरनाक ट्रेन हादसा 7 बजे हुआ जब ज्यादातर यात्री सो रहे थे। कोरोमंडल शालीमार ट्रेन चेन्नई जा रही थी, जो सबसे पहले डिरेल हुई और उसके डिब्बे पटरी पर बिखर गए।
यशवंतपुर- हावड़ा सुपरफास्ट डिरेल डिब्बों से टकराई
थे। कोरोमंडल शालीमार ट्रेन चेन्नई जा रही थी, जो सबसे पहले डिरेल हुई और उसके डिब्बे पटरी पर बिखर गए। इसके ठीक 10 मिनट यशवंतपुर-हावड़ा ट्रेन इन डिरेल डिब्बों से टकराकर दुर्घटना का शिकार हो गई। दोनों ट्रेनें उस वक्त स्पीड में थीं जब यह टकराव हुई जिससे ज्यादा क्षति पहुंची। यह हादसा इतना भयानक था कि ट्रेन के डिब्बे एक-दूसरे पर चढ़ गए। कई पैसेंजर्स के हाथ-पैर और सिर तक गायब हो गए। फिलहाल रेलवे ने जांच के आदेश दे दिए हैं। माना जा रहा है कि ऑपरेशनल गलती की वजह से यह हादसे हुए हैं। रेस्क्यू ऑपरेशन रात से ही शुरू हो गया।
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