बजट में मिडिल क्लास की बात करें तो सोना-चांदी के आयात पर कस्टम ड्यूटी घटने और इनकम टैक्स में बढ़ोतरी न होने से जहां उसे राहत मिली है, वहीं इनकम टैक्स में छूट की उम्मीद लगाए बैठा मिडिल क्लास स्लैब न बढ़ने से मायूस भी हुआ है। इस पैकेज में हम बता रहे हैं मिडिल क्लास के लिए बजट में क्या अच्छा और क्या बुरा रहा।
नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने सोमवार को 2021-22 का बजट पेश किया। इसमें कोरोना महामारी के चलते जहां इस बार हेल्थ सेक्टर का बजट बढ़ाया गया है, वहीं चीन और पाकिस्तान जैसे पड़ोसी देशों की साजिशों को नाकाम करने के लिए रक्षा बजट में बढोतरी की गई है। इस साल का कुल रक्षा बजट 4.78 लाख करोड़ रुपए है। वैसे, बजट में मिडिल क्लास की बात करें तो सोना-चांदी के आयात पर कस्टम ड्यूटी घटने और इनकम टैक्स में बढ़ोतरी न होने से जहां उसे राहत मिली है, वहीं इनकम टैक्स में छूट की उम्मीद लगाए बैठा मिडिल क्लास स्लैब न बढ़ने से मायूस भी है। इस पैकेज में हम बता रहे हैं मिडिल क्लास के लिए बजट में क्या अच्छा और क्या बुरा रहा।
इनसे मिलेगी राहत
1- इनकम टैक्स में बढ़ोतरी नहीं :
कोरोना के कारण सरकार की आय में कमी आई थी, जबकि खर्च में बढ़ोतरी हो गई थी। ऐसे में इनकम टैक्स में बढ़ोतरी की उम्मीद की जा रही थी, लेकिन सरकार ने इनकम टैक्स में कोई बढ़ोतरी नहीं की है। टैक्स देने वालों पर कोई अतिरिक्त बोझ नहीं पड़ेगा। नए करदाताओं को भी राहत।
2- अफोर्डेबल हाउसिंग पर एक्स्ट्रा छूट की लिमिट बढ़ी :
एक राहत ये है कि किफायती घर खरीदने वालों को लोन के इंटरेस्ट पेमेंट पर टैक्स डिडक्शन में 1.5 लाख रुपए की एक्स्ट्रा छूट का समय एक साल और बढ़ा दिया गया है। यानी 31 मार्च 2022 तक लिए गए लोन इस छूट के दायरे में आएंगे।
3- सोना-चांदी के आयात पर कस्टम ड्यूटी घटी :
ज्वैलरी की शौकीन महिलाओं के लिए बजट अच्छा है। सरकार ने सोना-चांदी के आयात पर कस्टम ड्यूटी को 12.5% से घटाकर 7.5% कर दिया है। इससे ज्वैलरी की कीमतों में कमी आएगी और सोने की खरीदारी बढ़ेगी। हालांकि, सरकार ने 2.5% का अतिरिक्त कर लगाया है।
4- कोरोना के चलते हेल्थ सेक्टर पर फोकस :
सरकार ने बजट में हेल्थ सेक्टर पर फोकस किया है। इसमें 64,180 करोड़ रुपए की नई PM आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना शामिल है। योजना के तहत 70 हजार गांवों में वेलनेस सेंटर बनाए जाएंगे। कोरोना वैक्सीन के लिए 35 हजार करोड़ रुपए। हेल्थ सेक्टर पर अगले साल 2.87 लाख करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।
5- आम आदमी के लिए रेल, बस और सड़क पर ध्यान :
सरकार ने रेल, बस, सड़क और मेट्रो को लेकर बड़े ऐलान किए गए हैं। शहरी इलाकों में 20 हजार नई बसें चलाई जाएंगी। टियर-2 शहरों में लाइट मेट्रो और नियो मेट्रो चलाई जाएंगी। इटारसी-विजयवाड़ा में फ्यूचर रेडी कॉरिडोर बनाया जाएगा। अगले साल तक 8500 किलोमीटर के रोड प्रोजेक्ट शुरू होंगे। सड़क मंत्रालय को 1.18 लाख करोड़ रुपए, रेलवे को 1.1 लाख करोड़ रुपए मिले।
इनसे होगा आहत
1- इनकम टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं :
2014 में 3.31 करोड़ लोग इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करते थे। 2020 में यह संख्या बढ़कर 6.48 करोड़ हो गई, लेकिन इन लोगों के लिए इस बार बजट में कुछ नया नहीं है। इनकम टैक्स स्लैब जस का तस है।
2- सालाना 2.5 लाख के पीएफ पर ब्याज टैक्सेबल :
अगर किसी इम्प्लॉई के प्रोविडेंट फंड में सालाना 2.5 लाख रुपए से ज्यादा जमा होते हैं तो उस पर मिलने वाला ब्याज टैक्सेबल इनकम में शामिल होगा। यह नियम 1 अप्रैल 2021 से होने वाले PF कॉन्ट्रिब्यूशन पर लागू होगा।
3- युवाओं के लिए रोजगार की स्थिति साफ नहीं :
बजट में रोजगार की स्थिति स्पष्ट नहीं है। इससे युवाओं के नौकरी और रोजगार के सपने को धक्का लगा है। हालांकि, सरकार ने डेढ़ लाख नौकरियों का ऐलान किया है। पिछले साल कितनों को रोजगार मिला, इसका कोई आंकड़ा नहीं दिया गया। केवल इंफ्रास्ट्रक्चर पर ज्यादा निवेश से रोजगार बढ़ने का सपना दिखाया गया है।
4- नया घर खरीदने पर छूट संबंधी कोई ऐलान नहीं :
इस बार नए घर खरीदने पर छूट की उम्मीद की जा रही थी, लेकिन लोगों को एक बार फिर निराशा मिली है। केवल लोन पर घर खरीदने वाली 1.5 लाख टैक्स छूट वाली पुरानी योजना को एक साल बढ़ाया है। घर खरीदने पर छूट संबंधी कोई नई घोषणा नहीं। पहली बार घर खरीदने वालों को भी मायूसी। किफायती आवासों को लेकर नई योजना उम्मीद थी, लेकिन इसका भी कोई ऐलान नहीं है।
5- पीएम किसान की राशि में बढोतरी नहीं :
खेती-किसानी पर अगले साल 1.72 लाख करोड़ रुपए खर्च करने का ऐलान तो किया गया है। लेकिन किसानों की आय कैसे बढ़ेगी, इस पर फोकस नहीं है। पीएम किसान की राशि में भी कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है। किसानों के लिए फायदेमंद योजनाओं और आय पर विचार के लिए आयोग का गठन नहीं।