दिल्ली में कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए 18 अप्रैल को लॉकडाउन लगाया गया था। 5 हफ्तों के लॉकडाउन में दिल्ली में कोरोना के केसों में काफी हद तक कमी देखी गई है। लॉकडाउन से पहले हर हफ्ते 26000 हजार केस आ रहे थे, वे अब कम होकर 3000-6000 पर रह गए हैं। इसके अलावा पॉजिटिविटी रेट भी कम होकर 36% से 5-7% आ गया है।
नई दिल्ली. दिल्ली में कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए 18 अप्रैल को लॉकडाउन लगाया गया था। 5 हफ्तों के लॉकडाउन में दिल्ली में कोरोना के केसों में काफी हद तक कमी देखी गई है। लॉकडाउन से पहले हर हफ्ते 26000 हजार केस आ रहे थे, वे अब कम होकर 3000-6000 पर रह गए हैं। इसके अलावा पॉजिटिविटी रेट भी कम होकर 36% से 5-7% आ गया है।
इसी के साथ दिल्ली में सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में अब आईसीयू बेड और वेंटिलेटर की संख्या भी बढ़ने लगी है। हालांकि, दिल्ली में अभी भी हर रोज 200-300 लोगों की मौत हो रही है।
एक-एक हफ्ते कर बढ़ाया जा रहा लॉकडाउन
दिल्ली की सरकार ने शुरुआत में 18 अप्रैल से 1 हफ्ते के लॉकडाउन का ऐलान किया था। इसके बाद इसे एक एक हफ्ते कर 4 बार बढ़ाया गया। अभी जो लॉकडाउन चल रहा है, वह 17 मई तक चलना था, लेकिन इसे एक हफ्ते के लिए बढ़ाया गया। हालांकि, Local Circle के सर्वे में 74% दिल्ली के लोग इस लॉकडाउन के पक्ष में थे। अभी 24 मई तक लॉकडाउन है। ऐसे में ये समझने के लिए क्या दिल्ली के लोग अभी और लॉकडाउन चाहते हैं, Local Circle ने एक और सर्वे किया है, इसमे करीब 9000 लोगों ने हिस्सा लिया। ये सर्वे दिल्ली के सभी 11 जिलों में हुआ। इसमें 69% पुरुष और बाकी महिलाओं ने हिस्सा लिया।
68% लोग कम से कम लॉकडाउन को 1 हफ्ते बढ़ाने के पक्ष में
यह देखते हुए कि अब हर रोज 3000 से 6000 केस आ रहे हैं, वहीं, पॉजिटिविटी रेट भी 5-7% है, ऐसे में सर्वे में यह जानने की कोशिश की गई कि लोग क्या अभी भी लॉकडाउन के पक्ष में हैं। इसके जवाब में 10% लोगों ने कहा, लॉकडाउन 3 हफ्ते के लिए बढ़ना चाहिए। वहीं, 26% ने कहा, यह दो हफ्तों के लिए बढ़ना चाहिए। जबकि 32% लोग लॉकडाउन के 1 हफ्ते बढ़ने के पक्ष में हैं। जबकि 22% लोगों ने कहा कि लॉकडाउन खत्म होना चाहिए, सिर्फ नाइट कर्फ्यू लगना चाहिए।
इस सर्वे के मुताबिक, 68% लोग चाहते हैं कि दिल्ली में कम से कम एक हफ्ते का लॉकडाउन लगाया जाए।
कम हुई लॉकडाउन बढ़ाने के पक्ष में वोटिंग करने वालों की संख्या
इससे पहले लोकल सर्किल ने 28 मार्च को सर्वे किया था। इसमें सिर्फ 16% लोग चाहते थे कि दिल्ली में लॉकडाउन लगे। लेकिन तेजी से बढ़ते मामले, बेड और ऑक्सीजन की कमी और अपनों की मौतों को देखते हुए इस संख्या में तेजी से बदलाव आया। इसका नतीजा ये हुआ कि 15 अप्रैल को हुए सर्वे में 59% और 23 अप्रैल को हुए सर्वे में 68% लॉकडाउन के पक्ष में थे।
वहीं, 29 अप्रैल को 75% लोगों ने लॉकडाउन के पक्ष में वोट किया। जबकि 7 मई को यह बढ़कर 85% पहुंच गया। हालांकि, 13 मई को यह घटकर 74% रह गया। वहीं, लगातार कम हो केसों और पॉजिटिविटी रेट में आई कमी के चलते अब सिर्फ 68% लोग लॉकडाउन बढ़ाने के पक्ष में हैं।
हालांकि, लॉकडाउन के पक्ष में वोट करने वालों की संख्या में कमी आई है लेकिन इसके बावजूद दिल्ली के ज्यादातर नागरिक कोरोना को रोकने के लिए लॉकडाउन बढ़ाने के पक्ष में हैं। कोरोना के केसों में आई कमी और पॉजिटिविटी रेट घटने से लोगों में आशा आई है। लेकिन अभी भी मरने वालों की संख्या ज्यों के त्यों है। इसके अलावा राजधानी में ब्लैक फंगस के केस भी तेजी से बढ़ रहे हैं। बताया जा रहा है कि कोरोना के इलाज के दौरान स्टेरॉयड और अशुद्ध ऑक्सीजन के इस्तेमाल से यह हो रहा है। हालांकि, दिल्ली में बेड की स्थिति अब सुधर गई है।
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