मोदी सरकार के 9 सालः जानें क्यों आज भारत की ओर आशा भरी नजरों से देख रही दुनिया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) की सरकार के 9 9 साल हो गए। इन 9 सालों में दुनिया में उन्होंने दुनिया में भारत का मान बढ़ाया है। दुनिया भारत की ओर आशा भरी नजरों से देख रही है।

Vivek Kumar | Published : May 26, 2023 5:25 AM IST / Updated: May 26 2023, 10:56 AM IST

नई दिल्ली। नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बने 9 साल हो गए। मोदी सरकार (9 Years of Modi Government) ने इन 9 सालों में दुनिया में भारत का मान बढ़ाया है। आज भारत की आवाज वैश्विक मंचों पर सुनी जा रही है। दुनिया भारत की ओर आशा भरी नजरों से देख रही है। आइए डालते हैं इसके पीछे की वजहों पर नजर...

रूस और यूक्रेन के बीच पिछले साल लड़ाई (Russia Ukraine war) शुरू हुई तो दुनिया की नजर भारत की ओर थी। अमेरिका और रूस दोनों से भारत के अच्छे रिश्ते हैं। दुनिया की नजर इस बात पर थी कि भारत किसका पक्ष लेता है। भारत ने इस मामले में तटस्थ रुख अपनाया। इसके साथ ही रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सामने नरेंद्र मोदी ने कहा कि अब जंग का समय नहीं है। बातचीत से संकट का समाधान किया जाना चाहिए।

नरेंद्र मोदी की इस बात की चर्चा पूरी दुनिया में हुई। दुनिया जानती है कि भारत वो देश है जो लड़ाई खत्म कराने के लिए सार्थक पहल कर सकता है, क्योंकि वह अमेरिका का करीबी होने के साथ ही रूस का भी दोस्त है।

यूक्रेन संकट के वक्त दिखा तिरंगा का प्रभाव

जंग शुरू होने पर भारत के हजारों छात्र यूक्रेन में फंस गए थे। इस दौरान राष्ट्रध्वज तिरंगा का प्रभाव भी दिखा। युक्रेन में लड़ाई चल रही थी, लेकिन भारत के छात्र जब तिरंगा लेकर निकले तो उनपर किसी पक्ष की ओर से हमला नहीं हुआ। किसी ने उन्हें नहीं रोका। सभी ने तिरंगा का सम्मान किया। दूसरे देश के छात्र भी तिरंगा की मदद से सुरक्षित निकले।

भारत के पास है G-20 की अध्यक्षता

इस साल जी-20 की अध्यक्षता भारत के पास है। जी-20 समूह में ग्लोबल GDP का 85 फीसदी शामिल है। इस संगठन से जुड़े देश वैश्विक व्यापार में 75 फीसदी का हिस्सा रखते हैं। संगठन में 19 देश और एक संगठन (यूरोपीय संघ) शामिल है।

विदेश नीति में 'इंडिया फर्स्ट'

भारत की विदेश नीति 'इंडिया फर्स्ट'के सिद्धांत को आगे बढ़ा रही है। भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का अस्थाई सदस्य चुना गया। भारत एससीओ (शंघाई सहयोग संगठन) की अध्यक्षता कर रहा है। इसके साथ ही भारत ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका का संगठन) का भी सदस्य है। भारत हाल ही में बने क्वाड का भी अहम सदस्य है। इस संगठन में अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया और भारत शामिल हैं। मोदी सरकार ने पड़ोसी पहले की पहल को आगे बढ़ाया है। इसके तहत नेपाल और श्रीलंका के साथ संबंधों में सुधार हुआ है। अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान और मालदीव के साथ रिश्तों को भी नया जीवन दिया गया है।

कोरोना के टीके ने बढ़ाया सॉफ्ट पावर

कोरोना महामारी के दौरान पूरी दुनिया संकट में थी। उस वक्त विकसित देशों से लेकर भारत जैसे विकासशील देश तक सभी टीका बनाने में जुटे थे। अमेरिका और यूरोप में टीका बना लिया गया, लेकिन अमीर देशों ने टीके को सबसे पहले अपने देश के लोगों के लिए रिजर्व कर लिया। इसके अलावा उन टीकों की कीमत भी बहुत अधिक थी। भारत में टीके बनाए गए तो इसे अपने देश के लोगों को लगाने के साथ दुनिया भर के जरूरतमंद देशों में बांटा गया। इससे दुनिया में भारत की सॉफ्ट पावर बढ़ी। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना महामारी का मुकाबला करने में भारत द्वारा किए गए योगदान को स्वीकार किया है।

यह भी पढ़ें- यह भी पढ़ें- 9 Years Of Modi Govt: राफेल से लेकर S 400 तक, मोदी सरकार के 9 साल में हुए ये 9 खास डिफेंस डील, बढ़ी भारत की ताकत

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत द्वारा किए गए काम

1- अभी हाल ही में तुर्किए और सीरिया में विनाशकारी भूकंप आए तो भारत सबसे पहले मदद करने वाला देश बनकर सामने आया। भारत ने ऑपरेशन दोस्त चलाया।

2- रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते यूक्रेन में हजारों भारतीय फंस गए थे। उन्हें वापस लाने के लिए ऑपरेशन गंगा चलाया गया। इस दौरान 22 हजार से अधिक भारतीयों को लाया गया। भारत ने दूसरे देशों के छात्रों को भी युद्ध प्रभावित यूक्रेन से बचाया। इसमें पाकिस्तान के छात्र भी शामिल थे।

3- कोरोना काल में दुनिया के कई देशों से अपने नागरिकों को लाने के लिए भारत ने "वंदे भारत मिशन" और "ऑपरेशन समुद्र सेतु" अभियान चलाया।

4-यमन में लड़ाई शुरू हुई तो ऑपरेशन राहत चलाकर हजारों भारतीयों को वापस लाया गया।

5- अफगानिस्तान संकट के दौरान भारतीयों को निकालने के लिए 'ऑपरेशन देवी शक्ति' चलाया गया।

6- इंडोनेशिया में भूकंप और सुनामी से तबाही हुई तो भारत ने मदद के लिए 'ऑपरेशन समुद्र मैत्री' चलाया।

7- ईस्टर पर श्रीलंका में आतंकवादी हमले हुए थे। इसके बाद वहां जाने वाले नरेंद्र मोदी पहले विश्विक नेता थे। श्रीलंका के सभी 9 प्रांत भारत की आपातकालीन एम्बुलेंस सेवा का इस्तेमाल कर रहे हैं। आर्थिक संकट का सामना करने में भी भारत ने श्रीलंका की बड़ी मदद की है।

8- पिछले दिनों सूडान में हिंसा शुरू हुई तो वहां फंसे भारतीयों को निकालने के लिए मोदी सरकार ने 'ऑपरेशन कावेरी' शुरू किया।

Read more Articles on
Share this article
click me!