आरे: आजादी के बाद नेहरू ने रखी थी नींव, 3166 एकड़ क्षेत्र में फैला है; जानें इससे जुड़ीं 5 खास बातें

सुप्रीम कोर्ट की स्पेशल बेंच ने मंगलवार को मुंबई में आरे जंगल मामले में अहम फैसला दिया। बेंच ने महाराष्ट्र सरकार को और पेड़ो की कटाई रोकने का आदेश दिया है। महाराष्ट्र सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने भरोसा दिलाया है कि अब और पेड़ नहीं काटे जाएंगे। आइए जानते हैं इस मामले से जुड़ीं 5 खास बातें।

मुंबई.  सुप्रीम कोर्ट की स्पेशल बेंच ने मंगलवार को मुंबई में आरे जंगल मामले में अहम फैसला दिया। बेंच ने महाराष्ट्र सरकार को और पेड़ो की कटाई रोकने का आदेश दिया है। महाराष्ट्र सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने भरोसा दिलाया है कि अब और पेड़ नहीं काटे जाएंगे। आइए जानते हैं इस मामले से जुड़ीं 5 खास बातें। 

1- क्या है मामला? 
मुंबई बीएमसी ने 29 अगस्त, 2019 को आरे कॉलोनी में मेट्रो प्रोजेक्ट के लिए कार शेड बनाने की मंजूरी दी थी। इसके लिए करीब 2600 पेड़ काटे जाने थे। इस प्रोजेक्ट का विरोध शुरू हो गया। यहां तक की आम लोगों से लेकर बॉलीवुड हस्तियां भी इसके विरोध में उतर आईं। 

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2. कहां से शुरू हुआ मामला? 
2014 में वर्सोवा से घाटकोपर तक मुंबई मेट्रो का पहला फेज शुरू हुआ। इसके एक्टेंशन के लिए पार्किंग शेड की जरूरत थी। इसके लिए मुंबई मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लि. ने फिल्म सिटी के पास आरे कॉलोनी को चुना। इस आरे जंगल भी कहते हैं। पार्किंग शेड के लिए करीब 2600 से ज्यादा पेड़ काटे जाने थे। इस प्रोजेक्ट के विरोध हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी। इसे न्यायालय ने खारिज कर दिया। 
 
3- हाईकोर्ट ने कहा- यह जंगल नहीं 
हाईकोर्ट में सितंबर में याचिका दायर कर कहा गया था कि यहां पेड़ों की कटाई पर रोक लगाई जाए और इसे इसे पर्यावरण के लिए अहम क्षेत्र घोषित किया जाए। अक्टूबर महीने में हाईकोर्ट ने कहा कि आरे जंगल नहीं है। इसके बाद यहां बीएमसी ने पेड़ों की कटाई शुरू कर दी। इसके विरोध में लोग सड़कों पर उतर आए। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार भी किया। यहां तक की सरकार में भाजपा की सहयोगी शिवसेना भी इसका विरोध कर रही है। हालांकि, मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को पेड़ों की कटाई रोकने का आदेश दिया है।

4- कब रखी गई थी नींव?
आजादी के कुछ साल बाद देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने 1951 में 4 मार्च को पौधारोपण करके आरे कॉलोनी की नींव रखी थी। देखते ही देखते कुछ ही सालों में यह जंगल बन गया। यहां काफी पौधारोपण कार्यक्रम चलाए गए। 

5- कैसे मुंबई का फेफड़ा बन गया
आरे का 3166 एकड़ क्षेत्र पेड़ों से ढका हुआ है। धीरे-धीरे आरे में पेड़ों की संख्या बढ़ती चली गई। यह बाद में संजय गांधी नेशनल पार्क से जुड़ गया। इसे बाद में आरे जंगल को छोटा कश्मीर, मुंबई का फेफड़ा जैसे नामों से भी जाने लगा।

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