सूत्रों की मानें तो अग्निपथ स्कीम (Agnipath Scheme) में बड़े बदलाव की तैयारी की जा रही है। सब कुछ ठीक रहा औ सेना की यह योजना लागू होती है तो अग्निवीरों (Agniveers) के लिए यह गुड न्यूज है।
Agnipath Scheme. अग्निपथ स्कीम को लेकर बड़े बदलाव की तैयारी चल रही है। सूत्रों ने एशियानेट न्यूज को बताया कि सशस्त्र बलों की स्ट्रेंथ बनाए रखने के लिए इस प्रस्ताव पर विचार किया जा रहा है कि 50 प्रतिशत अग्निवीरों को सेना में बनाए रखा जाए। इसके अलावा अग्निवीरों की भर्ती आयु को बढ़ाकर 23 वर्ष करने पर भी विचार किया जा रहा है। ऐसा हो जाता है तो अग्निवीर के तौर पर सेना में शामिल होने वाले युवाओं को बड़ा लाभ होगा।
अग्निपथ स्कीम में 25 प्रतिशत अग्निवीर होते हैं रिटेन
अग्निपथ स्कीम के मौजूदा नियमों के अनुसार अग्निवीर के तौर पर सेना में शामिल होने वाले 25 प्रतिशत सैनिकों को रिटेन किए जाने हैं। लेकिन अब इसे बढ़ाकर 50 प्रतिशत करने की योजना पर विचार किया जा रहा है। देश के सैन्य इतिहास में इस परिवर्तनकारी सुधार की शुरूआत करीब 1 साल पहले हुई है। फिलहाल यह प्रस्ताव विचाराधीन है कि युवाओं की भर्ती उम्र 23 साल की जाए और टेक्निकल बैकग्राउंड के युवाओं को भी मौका दिया जाए। यह भविष्य की चुनौतियों को ध्यान में रखकर किया जाएगा। सूत्रों ने बताया कि अगले तीन वर्षों के लिए सीमित संख्या में भर्तियां होनी हैं। सेना में एयरो, इंजीनियरिंग और इलेक्ट्रॉनिक्स तकनीकी से जुड़े योग्य अग्निवीरों को भी शामिल करने का विचार है।
वर्तमान में अग्निवीर बनने के क्या नियम हैं
अग्निपथ स्कीम के तहत अग्निवीरों की भर्ती प्रक्रिया जून 2022 से शुरू की गई है। इसके लिए आयु सीमा 17.5 वर्ष से 21 वर्ष के बीच होनी चाहिए। नया नियम लागू होता है तो टेक्नीकल बैकग्राउंड के युवाओं की उम्र सीमा 23 साल की जा सकती है। सूत्र ने कहा कि यह शुरू हो जाता है तो हम पॉलिटेक्निक संस्थानों से भी युवाओं का चयन कर सकते हैं। इसके अलावा भर्ती रैलियों की संख्या बढ़ाने पर भी विचार हो रहा है। भारतीय सेना में सैनिकों की संख्या बनाए रखने के लिए यह जरूरी भी है।
2026 तक कितने अग्निवीरों को भर्ती करने की योजना
अग्निपथ स्कीम के तहत 2026 तक लगभग 1.75 लाख युवाओं को शामिल किए जाने की उम्मीद है। जून 2022 में सैन्य मामलों के विभाग के तत्कालीन अतिरिक्त सचिव लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने कहा था कि निकट भविष्य में अग्निवीरों की संख्या 1.25 लाख होगी। अगले 4-5 वर्षों में हमारे सैनिकों की संख्या 50,000-60,000 होगी और बाद में बढ़कर 90,000-1 लाख हो जाएगी। लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने कहा था कि हमने योजना का विश्लेषण करने और बुनियादी ढांचा क्षमता का निर्माण करने के लिए 46,000 से छोटी शुरुआत की है। जानकारी के लिए बता दें कि हर साल सेना से करीब 60,000 सैनिक रिटायर होते हैं।
तीनों सेनाओं में जवानों की कमी
2021 में संसद में यह जानकारी दी गई कि भारतीय सेना में 1.18 लाख, भारतीय नौसेना में 11,587 और भारतीय वायु सेना 5,819 सैनिकों की कमी है। जहां तक अग्निपथ स्कीम की बात है यह लांच होने के बाद देश भर में प्रदर्शन हुए जिसकी वजह से अभी तक सिर्फ 25 प्रतिशत भर्तियां हो पाई हैं।
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