प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) द्वारा तीनों कृषि कानून(AgricultureBill) रद्द करने के ऐलान के बावजूद किसान नेता राकेश टिकैत आंदोलन पर अड़े हुए हैं। इसे लेकर वे सोशल मीडिया के निशाने पर हैं।
नई दिल्ली. पिछले एक साल से ज्यादा समय से आंदोलन कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा (Samyukt Kisan Morcha) ने लखनऊ में 22 नवंबर को किसान महापंचायत (Kisan Mahapanchayat) बुलाई है। इससे पहले संयुक्त किसान मोर्चा ने 20 नवंबर को अपनी अगली रणनीति पर मंथन करने सिंघु बॉर्डर पर बैठक की थी। संयुक्त किसान मोर्चा ने मोदी के कृषि कानून निरस्त करने के ऐलान का स्वागत किया है, लेकिन यह भी कहा कि संसद में औपचारिक रूप से कानून रद्द किया जाए। MSP बनाई जाए और बिजली संसोधन बिल वापस लिया जाए। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने गुरुनानक देवजी की 552वीं जयंती(Guru Nanak Jayanti 2021) पर यानी 19 नवंबर को तीनों कृषि कानून(AgricultureBill) रद्द करने का ऐलान किया था।
सोशल मीडिया पर निशाने पर आए राकेश टिकैत
किसान नेता राकेश टिकैत लखनऊ में किसान महापंचायत को लेकर tweet किया था-चलो लखनऊ चलो लखनऊ, MSP अधिकार किसान महापंचायत। इसे लेकर तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं। पढ़िए कुछ संपादित कमेंट्स...
#जमानत जब्ती....तीसरी बार चुनाव लड़ लो किसान नेता जी!!
#लहर भी होगी, ललकार भी होगी, 2022 में फिर योगी की सरकार होगी, भारत माता की जय, वंदे मातरम, जय जय श्री राम।
#कृषि कानून वापस लेने का सच...नरेंद्र मोदी को समझना टुच्चे राजनीतिज्ञों के बस का नहीं है।
#टिकैत को एक झटके में मोदी जी ने बेरोजगार कर दिया। केन्द्र सरकार ने तीनों कृषि क़ानून वापस ले लिया है। वैसे भी इस कानून पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी थी और इसी मामले पर टिकैत की दुकान चल रही थी, अब बजाओ घंटी।
#आपके हिसाब से कृषि बिल इसीलिए लाया गया था कि इसके विरोध में टिकैत खड़ा होगा और फिर कृषि बिल वापस लेकर उसकी नेतागिरी खत्म करनी है।
#ओ ताऊ लखनऊ ना जइयो, योगीजी ने बम्बू को तेल लगा करके रखा है, तोहरा स्वागत के लिए।
#इसे कहते है मोदी खौफ #देख लेना, सारी मांगें मान ली जाएंगी, तो भी टिकैत राहुल गांधी की शादी करवाने का बहाना लेकर आंदोलन जारी रखेगा।
#बक्कल तोड़ दी जागी, अगर किसी ने रोक्क्या, हमारा आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक मियां खलीफा आकर हमारे साथ खेती नहीं करती-राकेश डकैत।
#कृषि कानूनों की वापसी के साथ प्रधानमंत्री ने फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य MSP के मुद्दे पर विशेषज्ञ समिति गठित करने की घोषणा की, जिस समिति में किसान प्रतिनिधि भी रहेंगे। जिन बातों की घोषणा हो चुकी है, उसके लिए आंदोलन जारी रखना ठीक नहीं है।
#निवेदन है शांति बनाए रखिएगा, क्योंकि वो दिल्ली नहीं, उत्तर प्रदेश होगा।
#वो विश्व का सबसे लोकप्रिय नेता है, बहुमत की सरकार का प्रधानमंत्री। उसकी सरकार को गिराने क्या हिलाने की ताकत भी नहीं किसी में। पर देश के सामने आकर ये कहना कि मेरी तपस्या में ही कमी रह गई, मैं कुछ लोगों को समझा नहीं पाया, इसके लिए साहस चाहिए। यूं ही कोई नहीं बनता @narendramodi
# कोई कह रहा है अहंकार हार गया, कोई कह रहा है कि लोकतंत्र जीत गया, कोई कह रहा सरकार की हार है, कोई कह रहा हैं आंदोलन की जीत है, तो कोई कहता है तानाशाही हार गई, कोई कह रहा है कि किसान जीत गए, लेकिन सच्चाई ये है कि “कृषि सुधार” हार गए ! कुछ वर्षों बाद इन्हीं सुधारों की मांग फिर उठेगी।
#आप जैसे लोगों को बिना देर किए सलाखों के पीछे डाल देना चाहिए। आप अपने बारे में क्या सोचते हैं, देखिए श्रीमान आप राष्ट्रीय हित और संविधान के सामने कुछ भी नहीं हैं। अगर आप सोच रहे हैं कि ब्लैकमेल करके आप कुछ भी हासिल कर सकते हैं तो आप गलत हैं।
#प्रधानमंत्री जी आपसे विनम्र अनुरोध है कि कृषि कानून वापस लेने का निर्णय तक तो ठीक है, लेकिन बाकी कोई भी मांग इनकी ना मानें, क्योंकि सारी मांग पूरी होने के बाद भी ये नहीं हटेंगे। इनकी आखिरी मांग आप पूरी नहीं कर पाएंगे...इनकी आखिरी मांग है राहुल गांधी की शादी हो, तभी आंदोलन समाप्त होगा।
#तुम लोगों ने ये आंदोलन पैसे लेकर किया और मासूमों को अपनी राजनीति के लिए मरवाया, लेकिन ऊपर वाले के CCTV में सब कुछ दिखता है।
pic.twitter.com/IGxeWwAZaX
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